जहाँ बनते हैं सारे बिगड़े काम ,24 दिसंबर से श्री त्रिपुर तीर्थ यात्रा सेवा समिति के साथ स्पेशल ट्रेन में 1580 श्रद्धालु चलेंगे रामेश्वरम धाम ,राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल दिखाएंगे हरी झंडी

हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा । रामेश्वरम धाम ज्योतिर्लिंग, तिरुपति बालाजी, मल्लिकार्जुन ज्योर्तिलिंग, मदुरई मीनाक्षी देवी, कन्याकुमारी के दर्शन की अभिलाषा किसकी नहीं होती। जीवन में सुख शांति यश कीर्ति की स्थली इन दक्षिण भारतीय प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों की कड़ाके की ठंड के मौसम में दर्शन का एक अलग ही आनंद और उत्साह रहता है। श्रद्धालुओं की इसी अभिलाषा को श्री त्रिपुर तीर्थ यात्रा सेवा समिति विगत 16 वर्षों की भांति इस साल भी शीतकालीन छुट्टियों के दौरान 24 दिसंबर 2022 से 3 जनवरी 2023 तक श्री स्पेशल ट्रेन के माध्यम से दर्शन यात्रा पर ले जाकर पूरा कराने की तैयारियों में शिद्दत से जुट गई है।समिति द्वारा 1580 श्रद्धालुओं को पावन तीर्थ यात्रा में सहभागी बना जीवन धन्य बनाने ले जाए जा रहे स्पेशल ट्रेन को राजस्व मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल हरी झंडी दिखाएंगे ।

गौरतलब हो कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा श्रवण कुमार और एक्सीलेंट अवार्ड से सम्मानित एवं हाल ही में केंद्रीय रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव द्वारा एक्सीलेंस टूर एंड ट्रेवल्स के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित हो चुके श्री त्रिपुर तीर्थ यात्रा सेवा समिति की मंशा आस्थावान भक्तों की स्थली छत्तीसगढ़ के बच्चे, जवान , वयोवृद्ध श्रद्धालुओं को सुख शांति यश कीर्ति की स्थली दक्षिण भारतीय तीर्थ स्थलों की कम राशि पर सर्वसुविधा युक्त दर्शन कराने की रही है। ताकि श्रद्धालुओं के जीवन में यश कीर्ति सुख शांति बनी रहे। आस्था उत्साह के साथ वे अपना जीवन धन्य बना सकें। इसी सेवाभावना के साथ विगत 16 वर्षों से श्री त्रिपुर तीर्थ यात्रा सेवा समिति
दक्षिण भारतीय तीर्थ स्थलों के दर्शन निमित्त स्पेशल ट्रेन के माध्यम से रामेश्वरम धाम तीर्थ यात्रा करा रही है। समिति के इस सेवाओं के कारवाँ में 24 दिसंबर से 3 जनवरी के मध्य एक और कड़ी जुड़ जाएगी। जी हां समिति ने सत्रहवें वर्ष श्रद्धालुओं को रामेश्वरम धाम तीर्थ यात्रा पर ले जाने की कवायद शुरू कर दी है। समिति द्वारा अनुमति के लिए रेलवे से आवश्यक प्रक्रिया पूरी करते ही इस पावन यात्रा में सपरिवार सहभागी बनने 1580 श्रद्धालुओं ने बुकिंग करा ली है।
कोरबा, बिलासपुर ,रायपुर, दुर्ग से होकर रामेश्वरम धाम की तीर्थयात्रा करवाई जाएगी। श्रद्धालुओं के इच्छा ,पूछ परख ,मांग के अनुसार, उनके ईश्वर के प्रति स्मरण, स्नेह ,प्यार आशीर्वाद प्राप्त , पूजा अर्चना की लालसा देखते हुए , कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए, समिति दक्षिण भारत की तीर्थ यात्रा ले जाने की तैयारियों को अंतिम रूप दे चुकी है।

इन मुख्य दर्शनीय स्थलों का होगा दीदार

रामेश्वरम धाम तीर्थ यात्रा में श्रद्धालुओं को उन दर्शनीय स्थलों के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त होगा जिनके दर्शन की लालसा हर आस्थावान भक्त की रहती है। इनमें श्री रामेश्वरम धाम ज्योतिर्लिंग, श्री तिरुपति बालाजी, श्री मल्लिकार्जुन ज्योर्तिलिंग, श्री मदुरई मीनाक्षी देवी, श्री कन्याकुमारी के दर्शन का परम सौभाग्य श्रद्धालुओं को प्राप्त होगा ।

11 दिनों की रहेगी तीर्थयात्रा ,1580 तीर्थयात्रियों की सेवाओं के लिए ,35 रसोइयों की टीम ,60 वेटर, 30 कोच मैनेजर रहेंगे उपलब्ध

पूरी तीर्थयात्रा 11 दिनों की रहेगी। जिसमें 1580 श्रद्धालुओं का जत्था शामिल होगा। जिसमें स्लीपर की सहयोग राशि 16 हजार 500 रुपए , थर्ड एसी की सहयोग राशि 25 हजार 500 रुपए ,सेकेंड एसी की सहयोग राशि 30 हजार 500 रुपए रखी गई है।
समिति द्वारा श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते ,रेलवे से 21 कोच की स्पेशल ट्रेन की मंजूरी ली जा चुकी है । इसमें 16- स्लीपर, 3- थर्ड एसी, 1 -पैंट्रीकार, सेकेंड एसी -2 सहित 2 एसएलआर की सुविधा रहेगी। जिसमें लगभग 1580 तीर्थयात्री सफर करेंगे। उनकी सुविधा के लिए 35 रसोइयों की टीम ,60 वेटर, 30 कोच मैनेजर तीर्थ यात्रियों की सेवा के लिए हमेशा उपलब्ध रहते रहेंगे।

उत्तर में केदारनाथ और काशी की जो मान्यता है, वही दक्षिण में रामेश्वरम् की

भारत के तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले में समुद्र के किनारे स्थित है हिंदुओं का तीसरा धाम रामेश्वरम्। यह हिंद महासागर और बंगाल की खाड़ी से चारों ओर से घिरा हुआ एक सुंदर शंख आकार द्वीप है। रामेश्वरम् में स्थापित शिवलिंग द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है। भारत के उत्तर में केदारनाथ और काशी की जो मान्यता है, वही दक्षिण में रामेश्वरम् की है। मान्यता अनुसार भगवान राम ने रामेश्वरम् शिवलिंग की स्थापना की थी। यहां राम ने लंका पर चढ़ाई करने से पूर्व एक पत्थरों के सेतु का निर्माण भी करवाया था, जिस पर चढ़कर वानर सेना लंका पहुंची। बाद में राम ने विभीषण के अनुरोध पर धनुषकोटि नामक स्थान पर यह सेतु तोड़ दिया था।जिसके अवशेष आज भी विद्यमान है। जो श्रद्धालुओं के आस्था का प्रतीक बने हुए हैं।

यात्रियों के लिए विशेष सुविधा का प्रावधान,ट्रेन में हर इंतजाम

श्री त्रिपुर तीर्थ यात्रा सेवा समिति श्रद्धालुओं को सर्व सुविधायुक्त यात्रा करवाने कृत संकल्पित है। इसी कड़ी में श्रद्धालुओं को पूर्ण सुविधा प्रदान की जाती है ,जिससे श्रद्धालुओं को ट्रेन बदलने की समस्या से निजात मिल जाती है। स्पेशल ट्रेन ही पूरे धार्मिक स्थल का दर्शन करवा वापस उनके गंतव्य स्थल पर छोड़ती है। स्पेशल ट्रेन में कोई बाहरी यात्री सवार नहीं होते। स्पेशल ट्रेन श्रद्धालु गण के लिए ही बनी रहती है। श्रद्धालुगण का लगेज ट्रेन पर ही रहती है ,उन्हें समान ट्रेन से बार-बार उतारना चढ़ाना नहीं रहता। खाली हाथ दर्शन को श्रद्धालुगण जाते हैं । दक्षिण भारत में भी श्रद्धालुओं को मनचाहा घर जैसा उत्तम स्वादिष्ट, लजीज भोजन नाश्ते चाय की व्यवस्था प्रसाद के रूप में बर्थ कोच पर उपलध कराई जाती है । अनुभवी विशेष मैनेजर/ गाइड पूरे यात्रा में श्रद्धालुओं के साथ रहते हैं। श्रद्धालुगणों के रेलवे स्टेशन के बाहर निकलते ही टू बाय टू की लग्जरी बस की सुविधा रहती है ,जो श्रद्धालुओं को मंदिर धर्मशाला तक ले जाने की सेवाओं में जुटी रहती है।