कोरबा में सँयुक्त पर्ची में चाचा ने डेढ़ दशक से ,हर साल वारिसानों की जगह कोंचिये का सैकड़ों क्विंटल धान खपाया ,फ़ौत नामांतरण से पहले ,बिक्री पर रोक लगाने की गुहार पर बरपाली तहसीलदार ने पीड़ित को धमकाया,कलेक्टर से शिकायत ,मचा हड़कम्प ,सुनें पीड़ित की आपबीती……..

हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा ।आदिवासी बाहुल्य कोरबा जिले में अन्नदाता किसानों के साथ अन्याय नहीं थम रहा। गुरुवार को कलेक्टोरेट में किसान अपने सगे चाचा के धोखाधड़ी एवं जिम्मेदार अधिकारियों की उपेक्षा, धमकी से आहत आहत होकर कलेक्टर से न्याय की गुहार लगाने पहुंचा ।

बरपाली तहसील अंतर्गत पूर्व सांसद डॉ.बंशीलाल महतो के गृह ग्राम पंचायत सलिहाभांठा से पहुंचे पीड़ित किसान नरेश पोर्ते गम्भीर शिकायत लेकर पहुंचे थे। ज्ञापन सौंपने कलेक्टोरेट पहुंचे किसान नरेश पोर्ते ने बताया कि उनके रामायण सिंह पोर्ते पिता स्व .चमरुराम पोर्ते ,महासिंह पोर्ते पिता स्व .चमरुराम पोर्ते, ,स्व. छतराम पोर्ते पिता स्व. उदेराम पोर्ते एवं स्व .रामप्रसाद पोर्ते पिता स्व .उदेराम पोर्ते के नाम से सँयुक्त कृषक खाता है । जिसमें सभी हिस्सेदार कृषि कार्य कर रहे हैं। जिसमें छतराम पोर्ते एवं रामप्रसाद पोर्ते का निधन हो चुका है।लेकिन आज पर्यन्त फौती नामांतरण कर उनके वारिसानों का नाम कृषक खाते में दर्ज नहीं किया गया। नरेश ने बताया कि उनके चाचा रामायण सिंह पोर्ते जो कि वर्तमान में लम्बरदार है के द्वारा समस्त 9 एकड़ 54 डिसमिल भूखंडों को अपने कब्जे में लेकर अपने निजी हित में उपयोग कर रहे हैं। पिछले 14 -15 वर्षों से शासन को धोखे में रखकर कुल पंजीकृत भूखंड में प्रतिवर्ष करीब 70 फीसदी कोंचिये का धान सम्मिलित कर शासन को समर्थन मूल्य पर बिक्री कर रहे हैं। जबकि उनके हिस्से में प्रतिवर्ष करीब 30 क्विंटल धान ही उपार्जित होता है। कुल बिक्री योग्य धान 140 क्विंटल में से 70 फीसदी तकरीबन 100 क्विंटल धान कोंचिए का शामिल कर राजीव गांधी किसान न्याय योजना ,किसान सम्मान धन योजना ,एवं पीएम किसान योजना का अकेले लाभ ले रहे हैं। जबकि इसके वे भी हकदार थे। किसान नरेश ने बताया कि फौती फौती नामांतरण कर उनके वारिसानों का नाम कृषक खाते में दर्ज नहीं करने की वजह से न तो वे अपने हिस्से में उपार्जित धान की बिक्री कर पा रहे हैं न ही खाद बीज ले पा रहे हैं। खाता विभाजन हेतु किसी प्रकार से ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

तहसीलदार ने धमकाया केस वापस ले लो वरना तुम पर ही केस कर दिया जाएगा

पीड़ित किसान नरेश ने बताया कि इस संदर्भ में उनके द्वारा 1 नवंबर 2022 को बरपाली तहसील में लिखित शिकायत कर सामूहिक खाता का विभाजन न हो जाने तक किसी एक व्यक्ति विशेष का धान खरीदी ना करते हुए धान खरीदी पर रोक लगाते हुए दो अन्य फ़ौत हिस्सेदारों के वरिसानों का फौती नामांतरण करने की अर्जी दी गई थी। जिसके संदर्भ में कल दिनांक 28 दिसंबर को पेशी में उल्टे उन्हें बरपाली तहसीलदार द्वारा केस वापस लेने धमकाया गया। नरेश ने बताया कि तहसीलदार द्वारा उन पर ही केस कर दिए जाने की बात तहसीलदार ने कही जिससे वे सहम गए। नरेश ने कहा कि उनके चाचा के साथ धान बिक्री करने वाले बरपाली निवासी उमेश अग्रवाल ने पेशी के दौरान तहसीलदार को अपने पक्ष में लेकर आदेश करवाया। जो हैरान करने वाला है। नरेश ने कलेक्टर श्री झा ने न्याय की गुहार लगाई है।

वर्जन

प्रकरण देखकर, सोमवार को करेंगे पहल ,नहीं होगी बिक्री

इस तरह के कई प्रकरण मेरे यहाँ लगे हैं।
मेरे द्वारा प्रकरण को देखकर ही बताया जा सकेगा। इस प्रकार की गम्भीर शिकायतों में तत्काल संज्ञान लेकर सोमवार को टोकन निरस्त करवाने की पहल करेंगे। सोमवार को सुनवाई के लिए नोटिस कटवाएंगे।

आराधना प्रधान ,तहसीलदार बरपाली