स्थानीय बीजेपी नेता कमजोर इसलिए ईडी को भेजकर सरकार को अस्थिर करने का किया जा रहा प्रयास , ईडी मारपीट भी कर रही: भूपेश बघेल,मुख्यमंत्री के बयान पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष का पलटवार ,बोले
अरुण साव ,क्या भ्रष्टाचार के पैसों पर स्थिर है भूपेश सरकार?

कोरबा । कोरबा जिले के पाली तानाखार विधानसभा में भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दौरान सीएम भूपेश बघेल ने पत्रकारों से चर्चा की। इस दौरान उन्होंने केंद्रीय जांच एजेंसियों पर एक बार फिर उनके निशाना साधा । सीएम बघेल ने कहा कि “छत्तीसगढ़ में बीजेपी के नेता कमजोर हैं। इसलिए ईडी भेजकर यहां दबाव बनाया जाता है। सरकार को अस्थिर करने का प्रयास किया जा रहा है। ऐसी शिकायतें मिल रही है कि ईडी लगातार गिरफ्तार आरोपियों से मारपीट कर रही है।

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने आगे कहा कि तीनों शिकायतों पर मैंने गृह मंत्रालय को पत्र लिखा है। ईडी के डायरेक्टर को भी पत्र भेज आगाह किया है कि लोगों के साथ शारीरिक प्रताड़ना ना करें। जब शारीरिक प्रताड़ना कर रहे हैं तो इसका मतलब आपके पास कोई तथ्य नहीं है । कोई जानकारी नहीं है। आप टारगेट करके जांच कर रहे हैं। इनका एक ही लक्ष्य है कि कुछ न कुछ मामले में इसे फंसाना है। मारपीट करके दबावपूर्वक बयान लिखवाया जा रहा है । यह प्रेक्टिश छत्तीसगढ़ में पिछले कुछ महीने से चल रही है।वहीं छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सांसद अरुण साव ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बयान पर पलटवार करते हुए सवाल किया है कि क्या भूपेश बघेल सरकार भ्रष्टाचार के पैसों पर स्थिर है जो मुख्यमंत्री भ्रष्टाचारियों के खिलाफ ईडी की कार्रवाई को सरकार अस्थिर करने के लिए की जा रही कार्यवाही ठहरा रहे हैं।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव ने कहा कि ईडी के द्वारा जो कार्रवाई की जा रही है, उसको लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का बयान दुर्भाग्यपूर्ण है। भ्रष्टाचार के विरुद्ध कार्रवाई से भूपेश बघेल सरकार की स्थिरता का क्या लेना देना है? ईडी की कार्यवाही लम्बे समय से सही दिशा में चल रही है। भ्रष्टाचारियों के यहां छापे मारे जा रहे हैं, अवैध संपत्ति मिल रही है। साक्ष्य मिल रहे हैं।इतने दिन हो गए, ईडी द्वारा गिरफ्तार अधिकारी जेल में हैं। यह बता रहा है कि कार्रवाई साक्ष्य के आधार पर हो रही है।प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव ने कहा कि वास्तव में जो कार्रवाई हुई है, उसमें मिली संपत्ति साबित कर रही है कि जनता का धन लूटा गया है। भूपेश बघेल कहते हैं कि सरकार को अस्थिर करने का प्रयास किया जा रहा है तो उन्हें बताना चाहिए कि क्या उनकी कुर्सी भ्रष्टाचार के पैसों पर टिकी है और भ्रष्टाचारियों से यह पैसा जप्त होने पर उनकी सरकार अस्थिर हो रही है। जो सरकार भ्रष्टाचारियों और भ्रष्टाचार के पैसों की दम पर चल रही है, वह जनता की सरकार कैसे हो सकती है। भूपेश बघेल ने अपने बयान से यह कबूल कर लिया है कि वे भ्रष्टाचार के बूते सरकार चला रहे हैं। छत्तीसगढ़ को लूटकर पैसा ऊपर पहुंचा रहे हैं। भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा तो वे यह रकम दिल्ली दरबार में नहीं भेज पाएंगे तो भूपेश बघेल की सरकार को अस्थिर होने से कौन बचा सकता है। भूपेश बघेल को इसीलिए भय लग रहा है कि ईडी की छापेमारी से वे अस्थिर हो जाएंगे। प्रदेश की मेहनतकश जनता की गाढ़ी कमाई की रक्षा करने के बजाए भूपेश सरकार भ्रष्टाचारियों की संरक्षक बनी हुई है।