एचटीपीपी की 500 मेगावाट इकाई से उत्पादन हुआ बंद,तकनीकी खराबी बनी वजह

कोरबा । कोरबा जिलान्तर्गत तकनीकी खराबी आ जाने की वजह से राज्य पॉवर कंपनी के एचटीपीपी की 500 मेगावाट इकाई बिजली उत्पादन से बाहर हो गई है। ऐसे में सेंट्रल सेक्टर से ली जाने वाली बिजली भी 3 हजार मेगावाट के करीब रही। प्रदेश में बिजली की डिमांड 5 हजार मेगावाट के करीब रही। इधर एचटीपीपी कन्वेयर बेल्ट लाइन को निरंतर बिजली आपूर्ति के लिए 33 केवी के स्विच यार्ड में जरूरी मेंटेनेंस किया गया।

एचटीपीपी संयंत्र को कुसमुंडा खदान से कन्वेयर बेल्ट के जरिए कोयले की आपूर्ति की जाती है। रोजाना का औसत 24 से 25 हजार टन कोयला आपूर्ति की है। गर्मी के समय बिजली की मांग बढ़ने पर संयंत्र के इकाइयों को फुल लोड पर परिचालन से कोयले की खपत बढ़ने के मद्देनजर एचटीपीपी कन्वेयर बेल्ट लाइन के स्विच यार्ड में जरूरी मेंटेनेंस किया गया है। यहां लगे ट्रांसफाॅर्मरों की ओवरहॉलिंग की गई, ताकि कन्वेयर बेल्ट लाइन को निरंतर बिजली आपूर्ति हो सके। इसमें किसी तरह की बाधा न आए और गर्मी में बिजली डिमांड के पीक सीजन में कोयले की संयंत्र को निरंतर आपूर्ति बनी रहे।
एचटीपीपी संयंत्र में 210 मेगावाट की चार इकाई और 500 मेगावाट की एक इकाई है। कुल 1340 मेगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता है। तकनीकी खराबी की वजह से संयंत्र के 500 मेगावाट की यह इकाई उत्पादन से बाहर हो गई है। एचटीपीपी संयंत्र के मुख्य अभियंता कमलेश डोंगरे ने बताया कि 500 मेगावाट की इकाई तकनीकी कारणों से शटडाउन लिया गया है। संयंत्र की इस यूनिट का लाइटअप जल्द कर लिया जाएगा।