सरकार के सरकार के प्रस्ताव किसानों ने फिर किया खारिज, कृषि कानून को रद्द करने की मांग किसानों ने फिर किया खारिज, कृषि कानून को रद्द करने की मांग

Farmers Protest Updates: नए कृषि कानून पर धरना प्रदर्शन कर रहे किसान सख्त रवैया अपनाए हुए हैं। झुकने को बिल्कुल भी तैयार नहीं हैं। किसानों ने सरकार के प्रस्ताव को फिर से खारिज कर दिया है और अपनी मांगे मनवाने के लिए अड़े हुए हैं। किसानों ने साफ तौर पर कहा है कि सरकार कृषि कानून को रद्द करे। किसानों का मानना है कि उनकी लड़ाई एक चरण पर पहुंच गई है।

किसानों अपनी मांगे पूरी कराने के लिए चिल्ला बॉर्डर को पूरी तरह से जाम करने का ऐलान किया है। यह बॉर्डर दिल्ली नोएडा को जोड़ता है। उन्होंने कहा कि किसान यूनियन सरकार से बातचीत में हिस्सा नहीं ले रहे हैं। लेकिन सरकार को उनकी मांगों पर ध्यान देना होगा और ठोस प्रस्ताव के साथ आगे आना होगा।

सिंघु बॉर्डर (Singhu Border) पर मीडिया को संबोधित करते हुए किसान नेता जगजीत दल्लेवाल (Jagjeet Singh Dallewal) ने कहा, सरकार कह रही है कि कानून वापस नहीं लेंगे। हम भी साफ बता देते हैं कि सरकार को वापस लेने पर मजबूर कर देंगे। हमारी लड़ाई उस मुकाम पर पहुंच गई है कि अब हर हाल में हमें जीत ही चाहिए फिर चाहे कुछ भी हो जाए।

वहीं देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दिल्ली के पास एकत्र हुए किसानों को साजिश के तहत गुमराह किया जा रहा है। अपने गृह राज्य गुजरात में किसानों के साथ बातचीत में पीएम मोदी ने कहा कि उनकी सरकार नए कृषि कानून को लेकर किसानों की चिंताओं को दूर कर रही है। वहीं किसानों के एक यूनियन ने कहा है कि वो आने वाले 20 दिसंबर को श्रद्धाजलि दिवस मानाएंगे। ताकि उन किसानों को श्रद्धांजलि दी जा सके जिन्होंने किसान आंदोलन में अपनी जान गंवाई है।

किसान नेता ऋषिपाल (Rishipal) ने दावा किया है कि नवंबर के अंतिम सप्ताह से विरोध प्रदर्शन शुरू होने के बाद हर दिन औसतन एक किसान की मौत हुई है।