निजी स्वार्थ के आगे नियम नजरअंदाज ,तीनों शिक्षकों का कर दिया स्थानांतरण अब आदेश होंगे निरस्त ,अदिवासी बाहुल्य कोरबा जिले के माध्यम शाला मेरई हो गया शिक्षकविहीन ,सदन में बवाल के बाद शासन ने आदेश निरस्त करने डीईओ से मांगा प्रस्ताव ,जानें मामला ,देखें पत्र ……

हसदेव एक्सप्रेस न्यूजकोरबा । आँकाक्षी (देश के 110 अति पिछड़े जिलों में शामिल ) आदिवासी बाहुल्य कोरबा जिले में शिक्षा विभाग द्वारा निजी स्वार्थ के लिए आंख मूंदकर नियम विरुद्ध सूदूर वनांचल शासकीय माध्यमिक शाला मेरई के तीनों शिक्षकों का किया गया स्थानांतरण आदेश निरस्त होगा। विभागीय अदूरदर्शिता से एकल शिक्षकीय स्कूल बन गए मेरई में तीनों शिक्षकों को अध्यापन कार्य कराना होगा। क्षेत्रीय विधायक मोहित राम केरकेट्टा के के विधानसभा में तल्ख तेवर के बाद सहायक संचालक लोक शिक्षण संचालनालय ने समस्त जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर ऐसे विद्यालय जहां स्थानांतरण पश्चात विद्यालय एकल शिक्षकीय /शिक्षक विहीन हो गए हैं ऐसे शिक्षकों का स्थानांतरण निरस्त करने प्रस्ताव मांगा है। डीईओ कार्यालय ने इन शिक्षकों का स्थानांतरण प्रस्ताव निरस्त करने डीपीआई को जानकारी भेज दी है।

यहां बताना होगा कि स्कूल शिक्षा विभाग छत्तीसगढ़ शासन के अवर सचिव आर पी वर्मा ने 30 सितंबर 2022 को शिक्षक एलबी का स्थानांतरण आदेश जारी किया था। आंख मूंदकर (बिना स्कूलों की पदस्थापना की वास्तविक जानकारी जुटाए ) किए गए स्थानांतरण आदेश में आदिवासी बाहुल्य कोरबा जिले के विकासखण्ड पोंडी उपरोड़ा का शासकीय प्राथमिक शाला मेरई ऑन रिकार्ड शिक्षकविहीन हो गया है । यहां पदस्थ तीनों शिक्षक एलबी ने मंत्रालय तक जुगाड़ लगाकर वनांचल ग्राम के 60 आदिवासी बच्चों के भविष्य को संवारने की जगह अपनी सुविधाओं को तरजीह देते हुए कटघोरा एवं करतला ब्लाक के मनचाहे स्कूलों में स्थानांतरण करा लिया।तीनों शिक्षकों को बीईओ ने भारमुक्त भी कर दिया गया। जिसकी वजह से उधार के (व्यवस्था अंतर्गत संलग्न किए गए ) शिक्षकों के भरोसे बच्चों की नैय्या पार हो हो रही। हैरान कर देने वाले इस मामले में क्षेत्रीय (पाली तानाखार )विधायक मोहित राम केरकेट्टा ने बेहद नाराजगी जताई थी। जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की थी। विधानसभा सत्र के दौरान भी ऐसे मामले सदन के पटल पर लाए गए। लिहाजा शासन के निर्देश पर सहायक संचालक लोक शिक्षण संचालनालय ने समस्त जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर ऐसे विद्यालय जहां स्थानांतरण पश्चात विद्यालय एकल शिक्षकीय /शिक्षक विहीन हो गए हैं ऐसे शिक्षकों का स्थानांतरण निरस्त करने प्रस्ताव मांगा है। पत्र में लेख किया गया है कि छत्तीसगढ़ शासन ,सामान्य प्रशासन विभाग ,मंत्रालय का पत्र क्रमांक एफ 1 -2 /2022 /एफ /6 नवा रायपुर ,दिनांक 12 अगस्त 2022 के कंडिका क्रमांक -1,4 एवं कंडिका क्रमांक -3 .1 में स्पष्ट उल्लेख है कि स्थानांतरण किसी भी परिस्थिति में शिक्षकों की न्यूनता वाले स्थान से अधिक्य वाले स्थान पर या विद्यालय शिक्षक विहीन या एकल शिक्षकीय होने की स्थिति में स्थानांतरण न किए जाएं। छ.ग. शासन ,स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी स्थानांतरण आदेश दिनांक 30 .09 .2022 में भी उल्लेखित है कि ऐसे स्थानांतरण स्वमेव निरस्त माने जायेंगे ।
डीईओ कार्यालय ने पत्र के परिपालन में मेरई के तीनों शिक्षकों का स्थानांतरण निरस्त करने डीपीआई को प्रस्ताव भेज दी है। हालांकि कुटुरुवां की तरह शिक्षकों के स्थगन आदेश लेने हाईकोर्ट जाने की सूचनाएं मिल रही हैं। बहरहाल आगामी शिक्षा सत्र से पहले मेरई का नाम शिक्षाकविहीन स्कूल की सूची से कटने के पूरे आसार बन रहे।

इन तीनों शिक्षकों का हुआ तबादला

शासकीय माध्यमिक शाला मेरई के सभी तीनों शिक्षक का स्कूल शिक्षा विभाग छत्तीसगढ़ शासन ने जिले के भीतर ही स्थानांतरण कर दिया । शिक्षक सियाराम बरेठ का विकासखण्ड करतला के शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला देवलापाठ ,शिक्षक एलबी ज्योति भूषण सिंह कंवर का विकासखण्ड कटघोरा के शहर से लगे शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला
मोहलाईनभांठा एवं शिक्षक एलबी संदीप कुमार रिछारिया का पोंडी उपरोड़ा ब्लाक के ही सुविधाजन्य शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला सरमा में स्थानांतरण किया गया था। सभी को भारमुक्त कर दिया गया । सभी नवीन पदस्थापना स्थल में सेवाएं दे रहे हैं। जिनकी वापसी लगभग तय मानी जा रही है। शासन भी नियम विरुद्ध /चूक वश स्थानांतरण पर पूरे तर्क के साथ हाईकोर्ट में भी अपना पक्ष रखेगी। ऐसे शासन के आदेश के विरुद्ध जाने का जोखिम शिक्षक वर्ग शायद ही उठाएं।

कोरबा ब्लाक का प्राथमिक शाला कुटुरुवां भी शिक्षकविहीन

मेरई की तरह कोरबा विकासखण्ड का शासकीय प्राथमिक शाला कुटुरुवां भी स्थानांतरण आदेश पश्चात शिक्षाकविहीन हो गया। जानकारी अनुसार यहाँ सुदूर वनांचल पहाड़ी कोरवा बाहुल्य क्षेत्र के इस स्कूल में पदस्थ सहायक शिक्षक एलबी सोहन दास महंत कड़ी मशक्कत के बाद शहर से लगे झगरहा संकुल के ढेलवाडीह स्कूल में अपना स्थानांतरण कराने में सफल रहे। इनकी जगह लेमरू संकुल के प्राथमिक शाला काँटाद्वारी के शिक्षक सियाराम बर्मन का स्थानांतरण कुटुरवां कर दिया गया था ।जबकि पति पत्नी के आधार पर श्री बर्मन अपना स्थानांतरण कोरबा शहर के माध्यमिक शाला डिंगापुर कराना चाहते थे। नजदीक वनांचल के ही स्कूल में सेवाएं देने की अपेक्षा श्री बर्मन ने अपने ही विद्यालय में सेवाएं देना मुनासिब समझा और हाईकोर्ट स्थगन आदेश ले आए। लिहाजा पूर्व में पदस्थ शिक्षक भारमुक्त होकर नवीन कार्यस्थल के लिए चले गए जो आने वाले थे उन्हें स्टे मिल गया। नतीजन प्राथमिक शाला कुटुरुवां शिक्षाकविहीन हो गया। यहां के 50 बच्चों का भविष्य भी उधार के शिक्षकों के भरोसे रह गई।

बीईओ ने नहीं निभाया दायित्व,शासन से मार्गदर्शन मांगे बगैर कर दिया भारमुक्त

माध्यमिक शाला मेरई के शिक्षकविहीन हुए माध्यमिक शाला के मामले में बीईओ की कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहे। डीईओ की मानें तो उन्हें बिना शासन से मार्गदर्शन मांगे बगैर शिक्षकों को भारमुक्त नहीं करने का निर्देश दिया था। लेकिन डीईओ के सलाह /निर्देशों की परवाह न कर बीईओ ने तीनों शिक्षकों को भारमुक्त कर ऑन रिकार्ड विद्यालय को शिक्षविहीन कर दिया। हालांकि बीईओ की मानें तो शासन के निर्देशानुसार भारमुक्त करना आवश्यक है । लिहाजा निर्देशों का पालन कर भारमुक्त किया गया।

वर्जन

स्थानांतरण आदेश निरस्त करने प्रस्ताव भेज दिया है

विसंगतिपूर्ण तरीके से मेरई स्कूल के तीनों शिक्षकों का स्थानांतरण हो गया। हमने बीईओ को शासन से मार्गदर्शन लिए बगैर शिक्षकों को भारमुक्त नहीं करने का निर्देश दिया था। जिले में स्थानांतरण आदेश से शिक्षकविहीन ,एकल शिक्षकीय स्कूल की स्थिति अधिक निर्मित नहीं हुई है। पूर्व के आंकडों में भी भर्ती से बेहद गिरावट आई है।मेरई के शिक्षकों का स्थानांतरण आदेश निरस्त करने प्रस्ताव भेज दिया है।

जी पी भारद्वाज ,डीईओ