कोरबा के तत्कालीन डीईओ सतीश पांडे पर 7 लाख 38 हजार की रिकवरी सहित 2 इंक्रीमेंट रोकने के आदेश ,डीपीआई ने राज्य स्तरीय आंकलन परीक्षा में नियम विरुद्ध प्रश्नपत्रों का मुद्रण कराकर शासन को वित्तीय नुकसान पहुंचाए जाने का पाया दोषी ,देखें पत्र ……

कोरबा । राज्य स्तरीय आंकलन परीक्षा के नाम पर शासन के नियमों के विरुद्ध स्थानीय स्तर से प्रश्नपत्र की छपाई( मुद्रण) कराकर शासन को 7 लाख 38 हजार 855 रुपए का आर्थिक नुकसान पहुंचाने वाले कोरबा जिले के पूर्व डीईओ (वर्तमान में संभागीय सँयुक्त संचालक ,कार्यालय अम्बिकापुर ,सरगुजा में पदस्थ ) सतीश पांडे पर छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग के अवर सचिव ने बड़ी कार्रवाई की है। पूर्व डीईओ का कृत्य सिविल सेवा नियम 1966 के विपरीत पाए जाने पर उक्त शासकीय धनराशि की वसूली उनके वेतन वेतन से 24 समान किश्तों में किए जाने सहित दो वेतनवृद्धि संचयी प्रभाव से रोके जाने का आदेश जारी किया गया है । शासन की कार्रवाई से हड़कम्प मचा है।

गौरतलब हैं कि कोरबा के तात्कालीन डीईओ सतीश पांडेय पर 2019-20 में
आयोजित राज्य स्तरीय आंकलन परीक्षा के
तहत राज्य स्तर से प्राप्त प्रश्नपत्रों की सीडी से मुद्रण कराया जाकर परीक्षा संपन्न कराए जाने की जगह ,शासन के निर्देशों के विपरीत स्थानीय स्तर से प्रश्नपत्र की छपाई( मुद्रण) कराकर ,राज्य भंडार क्रय नियमों का उल्लंघन कर शासन को 7 लाख 38 हजार 855 रुपए का आर्थिक नुकसान पहुंचाने का आरोप लगा था। जिसकी विभागीय जांच में पुष्टि सही पाई गई। जांचकर्ता अधिकारी के प्रतिवेदन के अनुसार पाया गया कि अपचारी लोक सेवक के द्वारा वित्तीय वर्ष 2018 -19 एवं 2019 -20 में कक्षा 1,2,3,4 6 एवं 7 वीं हेतु
एस .,सी .ई .आर. टी.( राज्य स्तर के प्रश्नपत्र )से प्राप्त प्रश्नपत्रों की सीडी के पूर्व ही मुद्रकों को प्रश्नपत्रों के मुद्रण का कार्य दे दिया गया था,जिससे कि आधे से अधिक विषयों के प्रश्नपत्रों का मुद्रण एस .सी.ई .आर.टी से प्राप्त प्रश्नपत्रों से भिन्न था और एस.सी.ई.आर.टी से प्राप्त प्रश्नपत्रों से भिन्न था । एस.सी.ई.आर.टी से प्राप्त प्रश्नपत्रों का पुनः पृथक -पृथक मुद्रण कराया गया जिसके कारण प्रश्नपत्रों की छपाई में 7 लाख 38 हजार 855 रुपए का अतिरिक्त भुगतान पाया गया। छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग के अवर सचिव ने बड़ी कार्रवाई की है। पूर्व डीईओ का कृत्य सिविल सेवा नियम 1966 के विपरीत पाए जाने पर उक्त शासकीय धनराशि की वसूली उनके वेतन वेतन से 24 समान किश्तों में किए जाने सहित दो वेतनवृद्धि संचयी प्रभाव से रोके जाने का आदेश जारी किया गया है । शासन की कार्रवाई से हड़कम्प मचा है।