छत्तीसगढ़ के इस जिले में डीएमएफ के फंड के ऐसी बर्बादी कागजों में दे दिए फर्जी प्रशिक्षण ,63 लाख का गबन ,एनजीओ संचालक सहित 4 गिरफ्तार ,जानें पूरा मामला …..

शिकायत पर की गई जांच में हुआ खुलासा लाइवलीहुड कॉलेज नोडल अधिकारी विजय पांडेय पर भी लगे हैं आरोप

जांजगीर। छत्तीसगढ़ में DMF की राशि की बर्बादी नहीं थम रही। जिला दर जिला इसका खुलासा हो रहा। प्रशिक्षण के लिए DMF की रकम को स्वीकृत करना और फर्जी तरीके से प्रशिक्षण और अन्य कार्य करके 63 लाख रुपए गबन करने का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है। जांजगीर जिले में हुई इस घटना के मामले में FIR दर्ज करने के बाद पुलिस ने दो NGO के 4 संचालकों को गिरफ्तार किया है। चारों आरोपी कोरबा जिले के हैं और इनमे से एक भाजपा का पार्षद भी है।

दो NGO को डेढ़ करोड़ के दिए गए काम


जांजगीर पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक कार्यालय जिला परियोजना लाईवलीहुड कॉलेज जांजगीर द्वारा NGO निर्मल फाउण्डेशन, कोरबा को जांजगीर जिले के प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष खनन प्रभावित ग्राम पंचायतों के स्व सहायता समूहों / गोठानों/जनपद पंचायत संसाधन केन्द्रो में महिला सशक्तीकरण में महिला जनप्रतिनिधि, महिला स्व सहायता समूह के सदस्य, आंगनबाडी कार्यकर्ता व किशोरी बालिकाओं का ग्राम सभा पर प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए शासन द्वारा राशि 1.00 करोड़ रूपये शासन द्वारा स्वीकृत किया गया था, जिसमें संबधित फर्म को राशि रु. 80,00,000/- अस्सी लाख रूपये स्वीकृत करने पर राशि रु 70,40,000/- सत्तर लाख चालीस हजार जारी किया गया था।
इसी तरह कार्यालय, जिला परियोजना लाईवलीहुड कॉलेज जांजगीर द्वारा लक्ष्य समाज सेवी संस्था कोरबा को जांजगीर जिले के प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष खनन प्रभावित ग्राम पंचायतों में सांस्कृतिक एवं परम्परागत घरोहर कला जन भाषाओं का संरक्षण, प्रोत्साहन एवं उनके प्रचार प्रसार कार्यक्रमों के लिए राशि रु 49,99,000/- उनचास लाख निन्यान्चे हजार राशि स्वीकृत करते हुए 3999200 /- उनतालिस लाख निन्यानबे हजार दो सौ रुपये जारी किया गया था।

शिकायत के बाद जांच में हुआ खुलासा

जांजगीर जिले में इस मामले की शिकायत भाजयुमो ने तब की जब उसके पदाधिकारियों ने दोनों प्रशिक्षण कार्यों के हितग्राहियों से मुलाकात की। इसकी जमीनी पड़ताल में पता चला कि किसी भी महिला को कोई भी प्रशिक्षण नहीं दिया गया था। उपस्थिती पंजी में दस्तखत भी फर्जी हुआ है, जिसको जय मां गायत्री स्व सहायता समूह ग्राम पंचायत -नवापारा(ख) व जागृति महिला स्व सहायता समूह की महिलाओं ने लिखकर भी दिया।

रकम वापस करने का दिया गया मौका

फर्जी प्रशिक्षण के खुलासे के बाद विभाग द्वारा दोनों NGO को लौटने का नोटिस जारी। जिसमें से संस्था द्वारा निर्मल फाउंडेशन कोरबा द्वारा दिनांक 02.03, 2022 तक कुल 14,15,000- /- चौदह लाख चन्द्रह हजार रूपया किश्त में जमा किया गया है एवं शेष राशि 56,25,000 /- छप्पन लाख पच्चीस हजार रुपये को जमा नहीं किया गया है। इस प्रकार निर्मल फाउण्डेशन संस्था कोरबा द्वारा शासकीय राशि का गबन करना पाये जाने पर थाना जांजगीर में दिनांक 12.05.23 को धारा 409 भादवि के तहत जुर्म पंजीबद्ध कर मामले विवेचना में लिया गया।
इसी तरह लक्ष्य समाज सेवी संस्था कोरबा द्वारा दिनांक 24.02. 2023 तक कुल रुपये 28,00000/- अठाइस लाख रुपये किश्त में जमा किया गया था शेष राशि रूपये 7,19,296 /- सात लाख उन्नीस हजार दो सौ छियान्ये रुपये को जमा किया जाना शेष है। लक्ष्य समाज सेवी संस्था कोरबा द्वारा शासकीय राशि का गबन करना पाये जाने पर प्रथम दृष्टया धारा 409 भादवि का अपराध थाना जांजगीर में पंजीबद्ध किया गया।

FIR के बाद की गई गिरफ़्तारी

प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने FIR दर्ज करने के बाद आरोपी अमित तिवारी, लुकेश्वर चौहान, योगेश चौहान एवं राहुल चौहान, सभी निवासी बालको नगर, कोरबा को विधिवत गिरफ्तार कर न्यायिक रिमाण्ड पर जेल भेजा गया। आरोपियों में से भाजपा नेता लुकेश्वर चौहान बालको, कोरबा के वार्ड नंबर 39 कैलाश नगर का पार्षद भी है।

जानिए क्या था मामला

जांजगीर जिले में स्व सहायता समूह की महिलाओं को मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण देने के लिए DMF से 30 मार्च 2021 को प्रशासकीय स्वीकृति आदेश जारी हुआ था, जिसमें मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण सह टूल्स प्रदाय कार्य प्रस्तावित था, इसके लिए राशि स्वीकृत हुई। जिसका क्रियावयन एजेंसी जिला परियोजना लाइवलीहुड कॉलेज जांजगीर को बनाया गया था। सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी में लक्ष्य समाज सेवी संस्था डभरा द्वारा सक्ती और बलौदा के दर्जन भर से ज्यादा महिला स्व सहायता समूह के 120 से ज्यादा महिलाओं को मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण व टूल्स प्रदाय करना बताया गया है।

लाखों का फर्जी बिल बनाया, पता भी फर्जी

भाजयुमो ने आरोप लगाया था कि मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण प्रशिक्षण के लिए टूल्स समान की खरीदी निर्मल फाउंडेशन से की गई है जिससे 34 लाख आठ हजार 6 सौ रूपए की समान खरीदी हुई है। इसके लिए तीन लाख 48 हजार 6 सौ रूपए की 10 कच्ची बिल बिना जीएसटी का अटैच किया गया है, जिससे शासन को लाखों के जीएसटी का नुकसान हुआ है। दूसरी ओर, कच्चे बिल में निर्मल फाउंडेशन पता – छग राज्य ग्रामीण बैंक के उपर कृष्णानंद विहार, डुग्गूपारा बालको नगर कोरबा जिला -कोरबा छग बताया गया है लेकिन उक्त पते पर ऐसा कोई फाउंडेशन मौजूद नहीं है, जो बिल का फर्जी होना बता रहा है।

उपस्थिति पंजी में फर्जी दस्तखत

आरोप है कि जय मां गायत्री स्व सहायता समूह ग्राम पंचायत – नवापारा(ख) विकासखण्ड बलौदा को मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण नही मिला है, और उनके नाम से फर्जी दस्तखत भी किए गए हैं। समूह की सदस्य दुलेश्वरी बाई, गणेशी बाई व निर्मला बाई अंगूठा लगाती है, जबकि मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण के उपस्थिती पंजी में उनका दस्तखत है। इसी तरह जागृति महिला स्व सहायता समूह सहित दर्जन भर से ज्यादा महिला समूह को मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण नहीं दिया गया है और न ही कोई टूल्स का वितरण किया गया है, बल्कि छल पूर्वक उनके सील साइन का अपने फायदे के लिए इस्तेमाल किया गया है।

शिकायतकर्ता दिनेश राठौर और अन्य

कोरबा जिले में भी हुआ है प्रशिक्षण

जानकारी के मुताबिक जांजगीर जिले से पहले कोरबा जिले में इसी तरह के प्रशिक्षण इन्हीं NGO और दूसरे NGO द्वारा दिए गए हैं। वहां की भी शिकायते हुई थी मगर आरोप है कि मामले को दबा दिया गया। कहा जा रहा है कि कोरबा जिले में कराये गए प्रशिक्षण कार्यों की जांच कराइ जाये तो और भी बड़े घोटाले उजागर होंगे। जांजगीर पुलिस को इस मामले की गंभीरता से जांच करनी चाहिए क्योकि बिना विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत के लाखों-करोड़ों का घोटाला संभव नहीं है। इन दो मामलो में फ़िलहाल अधिकारियो को छोड़ दिया गया है। देखना है कि जिला प्रशासन और पुलिस इन मामलो में आगे क्या कार्रवाई करती है।

शिकायत की मूल प्रति 👇

शिकायत पत्र

साभार ,टीआरपी न्यूज