विद्युत विभाग में आउट सोर्सिंग के खिलाफ भड़के ठेका कर्मी ,काम बंद कर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा दिया बेमियादी हड़ताल का दिया अल्टीमेटम

कोरबा। विद्युत ठेका कर्मियों के समायोजन और 15 लाख दुर्घटना बीमा सहित अन्य मांगें लंबित हैं। घोषणा पत्र में किए गए वादे के बाद भी समायोजन नहीं होने से कर्मचारी नाराज हैं। इसे लेकर उन्होंने शुक्रवार को एक दिवसीय काम बंद आंदोलन कर प्रदर्शन की चेतावनी दी थी। जिसके तहत काम बंद आंदोलन करते हुए उन्होंने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है।

विद्युत विभाग में कार्यालयीन तकनीकी कार्यों को सुचारू रूप से संचालन हेतु विद्युत विभाग में कई वर्षों से आउटसोसिंग ठेका प्रथा प्लेसमेंट पद्धति से कर्मचारी रखे गए है। यह कर्मचारी विगत कई वर्षों से विभाग में अपनी सेवायें दे रहे हैं। ज्यादातर कर्मचारियों के नौकरी की तय उम्र सीमा के करीब है। साथ ही यह कर्मचारी पारिवारिक दायित्वों का निर्वहन कर रहे। इनके भविष्य को सुरक्षित करने हेतु छत्तीसगढ़ राज्य पावर कंपनीज उदासीन है। ठेका कर्मचारियों के हितों में किसी प्रकार से निर्णय लेने में असक्षम है। कलेक्टर को अवगत कराते हुए विद्युत ठेका कर्मचारी प्रदेश संयुक्त महामंत्री दर्शन कुमार ने कहा कि विगत माह 19 मई को एक दिवसीय धरना प्रदर्शन के माध्यम से जनरेशन, ट्रांसमिशन, डिस्टीब्यूशन विभिन्न मांगो लेकर अवगत कराया था। मांग पूरा नही करने पर एक दिवसीय कामबंद हडताल के लिए 30 जून को बाध्य रहेंगे। यह भी अवगत कराया गया था परंतु उनकी लम्बित मांगों पर कोई कार्यवाही नही होने के कारण बुधवार को प्रदेश स्तरीय एक दिवसीय कामबंद हड़ताल पर रहे। उन्होंने कहा कि घोषणापत्र में कांग्रेस सरकार द्वारा यह वादा किया गया था कि ठेका प्रथा बंद कर दिया जायेगा, परंतु विद्युत विभाग ठेका में धडल से शोषण किया जा रहा है। जिस के संबंध कमचारियों द्वारा बार बार पत्र प्रेषित किया है। फिर भी विद्युत विभाग इस पर कोई व्यापक कार्यवाही नही कर रहा है। यह सभी घटनाए विद्युत विभाग के अधिकारियों की मानसिकता साफ बताती है। उन्होंने कहा कि ठेका प्रथा बंद कर चुनाव में किया गया अपना वादा निभा कर विद्युत ठेका कमचारियों को शोषण से सरकार बचाए। विगत चार वर्षों से कार्य के दौरान दुर्घटना हो जाने पर उनकी मृत्यु हो जा रही है। जिनको सहानुभुती के नाम पर कंपनी एवं ठेकेदार के द्वारा 50 हजार से 1 लाख रू. ही दिया जाता है, जो कि उनके परिवार के एवं बच्चों के भविष्य के लिए अपर्याप्त है। विद्युत ठेका श्रमिक संघ ने शासन से मांग की है कि दुर्घटना राशि अतिशीघ्र 15 लाख रुपए. किया जाये।
उन्होंने चेतावनी दी है कि आगामी विधानसभा चुनाव के पूर्व विद्युत विभाग के ठेका कर्मचारियों के लिए कुछ ठोस कदम नहीं उठाया जाता है तो आगामी विधानसभा चुनाव में 25000 ठेका कर्मचारियों का भरोसा कांग्रेस सरकार से उठ सकता है।