कोरबा। मानसून की एंट्री के साथ ही झमाझम बारिश हो रही है। बारिश के कारण नदी नाले उफान पर हैं। इन दिनों मांड नदी में भी तेज बहाव बना हुआ है। जिसकी वजह से कुदमुरा रेंज विचरण कर रहे हाथी नदी को पार नहीं कर पा रहे हैं। अब कुदमुरा रेंज में ही उन्होंने डेरा डाल रखा है, जिसके कारण ग्रामीणों में दहशत बना हुआ है।
हाथियों पर वन हमला नजर बनाए हुए हैं। वन मंडल कोरबा के कुदमुरा रेंज में हाथियों की संख्या बढक़र 53 हो गई है। बुधवार रात 19 हाथियों का नया झुंड जिल्गा पहुंच गया है। 34 हाथी बरपाली और बासीन के पास पहले से घूम रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि खेतों में हाथियों के चलने से धान की नर्सरी खराब हो रही है। हाथी अधिकांश समय जंगल में ही रह रहे हैं।कुदमुरा रेंज में हाथी अधिकांश समय मांड नदी के किनारे ही रहते हैं, लेकिन अभी आगे बढक़र जिल्गा तक पहुंच गए हैं। ग्रामीणों ने बताया कि झुंड में रहने वाले हाथी गांव के पास नहीं आ रहे हैं। इसलिए थोड़ी राहत है, लेकिन अभी खेती का समय होने से परेशानी बढ़ गई है। खेत जंगल के बीच में ही है। समय पर बोआई नहीं होने से आगे समस्या होगी। दूसरा झुंड 34 हाथियों का है, जो पिछले सप्ताह ही धरमजयगढ़ वन मंडल से पहुंचा है। बीच में वापस लौट रहा था, लेकिन फिर वापस आ गया है। किसी तरह की जनहानि न हो किस का प्रयास किया जा रहा है। वन अमले को निगरानी के लिए लगाया गया है। प्रभावित गांव में पहले से ही सायरन लग चुकी है। गांव के पास पहुंचने पर ग्रामीणों को सायरन के माध्यम से ही सूचना दी जाती है। बताया जा रहा है कि झुण्ड में 11 शावक भी शामिल हैं।