रायपुर । फर्जी प्रमाणपत्र के सहारे नौकरी हासिल करने और फिर उनके खिलाफ हुई शिकायतों पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं होने से नाराज एससी-एसटी के युवाओं ने दो दिन पहले बड़ा प्रदर्शन किया था। उन्होंने नग्न होकर सड़क पर तख्ती के साथ दौड़ लगाई और विधानसभा कूच की कोशिश भी की। इस पूरे प्रदर्शन की गूँज जहां पूरे देश में सुनाई दी तो वही अब प्रदेश सरकार भी हरकत में आ चुकी है।
राज्य के मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने आज प्रदेश के 16 विभागों के सचिवों के साथ एक अहम बैठक की हैं। इस बैठक में उन्होंने विभागीय सचिवों को फर्जी प्रमाणपत्र धारकों के खिलाफ शिकायतों के निराकरण और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। अमिताभ जैन ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि फर्जी प्रमाणपत्रों के सहारे नौकरी करने वालों को तत्काल बर्खास्त किया जाएँ, उनपर मामले दर्ज किये जाएँ। उन्होंने यह भी निर्देश दिया हैं कि कोर्ट में लंबित केस में स्टे के खिलाफ भी अपील की जायेगी।
बता दें कि छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद से राज्य के विभिन्न विभागों को शिकायतें मिली थी कि, गैर आरक्षित वर्ग के लोग आरक्षित वर्ग के कोटे का शासकिय नौकरियों एवं राजनैतिक क्षेत्रों में लाभ उठा रहे है। इस मामले की गम्भीरता देखते हुए राज्य सरकार नें उच्च स्तरीय जाति छानबीन समिति गठित की थी जिसके रिर्पोट के आधार पर सामान्य प्रशासन विभाग ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी कर रहे अधिकारी कर्मचारियों को महत्वपूर्ण पदों से तत्काल हटा उन्हें बर्खास्त करने के आदेश जारी कर दिए।
लेकिन अभी तक यह आदेश खानापूर्ति ही साबित हुई। सरकारी आदेश कों पालन में नहीं लाया गया और फर्जी जाति प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी करने वाले कुछ सेवानिवृत हो गए तो कुछ ने जांच समिति के रिर्पोट को न्यायलय में चुनौती दी, लेकिन सामान्य प्रशासन की ओर से जारी फर्जी प्रमाण पत्र धारकों की लिस्ट में ऐसे अधिकांश लोग है जो सरकारी फरमान के पालन नहीं होने का मौज काट रहे और प्रमोशन लेकर मलाईदार पदों में सेवाएं दे रहे हैं।