हसदेव एक्सप्रेस न्यूज बीजापुर । छत्तीसगढ़ का नक्सल प्रभावित सीमावर्ती जिला बीजापुर राजस्व विभाग की उपेक्षा का दंश झेल रहा है। 6 तहसीलों वालों बीजापुर में मुख्यालय को छोंड़कर शेष पांचों तहसील में नायब तहसीलदार ,सहायक अधीक्षक भू -अभिलेख तहसीलदार का प्रभार संभाल रहे। हैरान कर देने वाली बात है कि राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा शनिवार को 77 तहसीलदारों के जारी स्थानांतरण आदेश में भी बीजापुर को एक भी तहसीलदार नहीं मिले।
बीजापुर जिले में 6 तहसील हैं। इनमें बीजापुर,भोपालपट्टनम ,भैरमगढ़ ,
आवापल्ली,कुटरू एवं गंगालूर शामिल हैं। इनमें जिला मुख्यालय तहसील बीजापुर में ही तहसीलदार के पद पर दुकालूराम ध्रुव पदस्थ हैं। शेष सभी पांचों तहसील आज पर्यन्त तहसीलदार विहीन हैं। इनमें 3 में नायब तहसीलदार तो 2 तहसीलों में तहसीलदार का प्रभार सहायक अधीक्षक भू -अभिलेख के हवाले है। तहसील भोपालपट्टनम में नायब तहसीलदार सूर्यकांत धरत ,भैरमगढ़ में नायब तहसीलदार मोहन लाल साहू ,आवापल्ली में सहायक अधीक्षक भू -अभिलेख ,कुटरू में नायब तहसीलदार वीरेंद्र श्रीवास्तव एवं गंगालूर तहसील में सहायक अधीक्षक अश्वनी गावड़े प्रभारी तहसीलदार के पद पर सेवाएं दे रहे हैं। तहसीलदार के अभाव में राजस्व कार्य प्रभावित हो रहे हैं। हैरान करने वाली बात ये रही कि एक बार फिर राजस्व विभाग ने बीजापुर की उपेक्षा अनदेखी कर शनिवार को 77 तहसीलदारों के स्थानांतरण से भी लाभान्वित नहीं किया। इससे राजस्व विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे।
बिलासपुर ,दुर्ग ,रायपुर संभाग के अधिकारी संभाग में ही पूरा कार्यकाल बीता रहे
एक तरफ जहां बस्तर संभाग में पदस्थ अधिकारी कर्मचारियों को पदस्थापना के सालों बाद भी मैदानी क्षेत्रों में सेवाएं देने का लाभ नहीं मिलता वहीं मैदानी क्षेत्रों (जिलों) में पदस्थ अधिकारी कर्मचारी अपने विभिन्न तरह के प्रभाव ,प्रसाद पर्यन्त मैदानी क्षेत्रों में ही सेवाएं देने में सफल रहे हैं । एक जिले से दूसरे जिले में ही इनका तबादला होता रहा है । इससे न केवल बस्तर संभाग अधिकारी कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा वरन अधिकारी कर्मचारी वर्ग भी उपेक्षा से बेहद आहत बुझे मन से काम कर रहे । जबकि कायदे से मितव्ययिता बरतनी चाहिए। सभी अधिकारी कर्मचारियों के साथ निष्पक्ष समान कार्य व्यवहार किया जाना चाहिए।