कोरबा । जिले के रामपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत सरगबुंदिया रेल्वे स्टेशन में कोल साइडिंग एवं बरपाली बस स्टैण्ड से स्टेशन रोड में कोल परिवहन तत्काल बंद कराने के लिए एकजुट ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट पहुंच कर ज्ञापन सौंपा है। बरपाली व सलिहाभाठा के सरपंच सहित दर्जनों ग्रामीणों ने कहा है कि यदि कार्यवाही नहीं होती है तो वे आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।

कलेक्टर के नाम सौंपे ज्ञापन में अवगत कराया गया है कि पिछले कुछ महीने से सरगबुंदिया रेल्वे स्टेशन को कोल साइडिंग बना दिया गया है एवं बरपाली बस स्टैण्ड से स्टेशन रोड को कोल परिवहन मार्ग में परिवर्तित कर दिया गया है। इससे ग्रामवासियों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। सरगबुंदिया रेल्वे साइडिंग से बरपाली के अलावा आसपास के गांव बंधवाभांठा, सलिहाभांठा, सरगबुंदिया, डोंगरीभांठा आदि भी प्रभावित हो रहे हैं। सभी गांवो की जनता कोल डस्ट से परेशान हो गई है साथ ही कृषि भूमि पर भी असर पड़ रहा है।
ज्ञात हो कि वर्ष 2010 में तत्कालीन जिला कलेक्टर द्वारा इस मार्ग में कोयला परिवहन पर पूर्णतः प्रतिबंध लगाया गया था। बावजूद इसके इस मार्ग में कोयला परिवहन पुनः प्रारंभ कर दिया गया है। जिस मार्ग से कोयला परिवहन किया जाता है उस मार्ग में दो स्कूल, दो बैंक के अलावा आवासीय क्षेत्र है। कोल परिवहन से ग्रामीणों के साथ-साथ छोटे स्कूली बच्चों के स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ रहा है। उक्त समस्या से पहले भी ग्रामीणों द्वारा प्रशासन को अवगत कराया जा चुका है किन्तु प्रशासन द्वारा अब तक किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं की गई है।निवेदन है कि ग्रामवासियों की समस्या पर गंभीरतापूर्वक विचार करते हुए आगामी एक सप्ताह में सरगबुंदिया कोल साइडिंग को बंद करते हुए कोल परिवहन पर रोक लगाई जाए। यदि पत्र पर प्रशासन द्वारा कार्यवाही नहीं की जाती है तो ग्रामवासी उग्र आंदोलन करने हेतु मजबूर होंगे।
कुछ अधिकारियों के परिजन भी हैं भागीदार, नेता की दलाली

विश्वसनीय सूत्र बताते हैं कि इस कारोबार में जहां कि खदानों से निकलने वाले कोयले की अधिक मात्रा को एडजस्टमेंट करने के काम के नाम पर अवैध साइडिंग का संचालन किया जा रहा है, उसमें कुछ अधिकारियों के परिजनों की भी भागीदारी है। यह भी बताया गया है कि क्षेत्र के एक नेता के द्वारा इस कोल साइडिंग के स्थानीय कर्ताधर्ता से हर महीने की वसूली फिक्स है और प्रकाशन मैनेजमेंट के नाम पर राशि लेकर इसे संरक्षण दिए हुए हैं। इस नेता से ग्राम वासियों को बड़ी उम्मीदें थी लेकिन उसने अपना कद बढ़ाने के साथ ही जनसमस्याओं को दरकिनार कर संरक्षण देने का काम किया है, जिसे लेकर नाराजगी भी देखी जा रही है। इस एक कांग्रेस नेता की करनी का खामियाजा संबंधित पार्टी को भी आगामी चुनाव में इस क्षेत्र से भुगतना पड़ सकता है।
विधायक व सांसद प्रतिनिधि भी कर चुके हैं मांग,फिर खमोश हैं.. क्यों?

अघोषित कोल साइडिंग को बंद करने के लिए आम जनता की परेशानियों को रेखांकित करते हुए रामपुर विधायक पूर्व गृहमंत्री ननकी राम कंवर एवं कोरबा सांसद की प्रतिनिधि श्रीमती धनेश्वरी कंवर के द्वारा भी जिला प्रशासन को पत्र लिखकर मांग की जा चुकी है। इन्होंने भी आंदोलन की चेतावनी दी थी लेकिन बाद में उनकी खामोशी रहस्य का विषय बनी हुई है। जनहित के मुद्दों पर दो कद्दावर जनप्रतिनिधियों का खामोश बैठ जाना कई सवाल खड़े कर रहा है। हालांकि अब जब ग्रामवासियों ने यह मामला उठाया है तो उम्मीद है कि कोई ना कोई हल जरूर निकलेगा, लेकिन प्रशासन के अधिकारियों को इसमें सख्ती दिखानी होगी। ढुलमुल रवैया तो परेशानी का कारण अब तक बना ही है। सोचने वाली बात तो यह है कि शिकायतों के बाद भी यहां प्रशासन और खनिज विभाग के अधिकारियों के कदम अब तक नहीं पड़े हैं, और यदि कभी कोई अधिकारी गया भी होगा तो इसे सार्वजनिक नहीं किया गया है।