सर्वमंगला – कुसमुंडा मार्ग पर लचर यातायात व्यवस्था से आए दिन लग रहा घण्टों जाम ,लोग हलाकान ,फोरलेन बनने के बाद भी नहीं मिली राहत,चुनावी वर्ष में भड़का जनाक्रोश

हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा। कोयलांचल कुसमुंडा -गेवरा -दीपका -बांकीमोंगरा को शहर से जोड़ने वाली एकमात्र प्रमुख मार्ग सर्वमंगला -कुसमुंडा रोड में आवागमन सुगम बनाने 50 करोड़ की लागत से फोरलेन सड़क तैयार करने के बाद भी एसईसीएल के भारी वाहनों की मनमानी से जनता को जाम से निजात नहीं मिल रही। मंगलवार की दोपहर भी करीब 3 घण्टे तक मार्ग में जाम लगा रहा ,जाम इस कदर लगी कि वाहनों में जो जहाँ था वहीं रुका रहा । लचर यातायात व्यवस्था पर लोगों ने जमकर भड़ास निकाली ।चुनावी वर्ष में कोयलांचल क्षेत्र की जनता को हो रही तकलीफ कहीं सत्तापक्ष पर भारी न पड़ जाए।

बरमपुर मोड़ से सर्वमंगला चौक तक भारी वाहन चालक एक नया ट्रांसपोर्ट नगर बसा चुके हैं। ऐसे में चार पहिया एवं दुपहिया वाहन चालक हर दिन यहां पर जाम में फंस रहे हैं। लोगों ने बताया कि बरमपुर से लेकर सर्वमंगला चौक तक एक ओर की सडक़ पर एकतरफा 3 लाइन लगा कर भारी वाहन 24 घंटे खड़े रहते हैं। वहीं दूसरी तरफ भी ट्रेलर लाइन लगा कर खड़े हो रहे हैं। कुछ कोयला दलाल यहां ट्रकों को खड़ा करा कर बिल्टी, गेट पास बना रहे हैं। वहीं कुछ तिरपाल लगवा कर सील मोहर भी लगवा रहे हैं। ऐसे में कई घंटों तक ट्रक सडक़ों पर खड़े हो रहे हैं, जिससे आम लोगों को सडक़ से गुजरने में काफी दिक्कतों का सामना कर पड़ रहा है। मंगलवार की दोपहर भी करीब 3 घण्टे तक मार्ग में जाम लगा रहा ,जाम इस कदर लगी कि वाहनों में जो जहाँ था वहीं रुका रहा । लचर यातायात व्यवस्था पर लोगों ने जमकर भड़ास निकाली ।कुसमुंडा निवासी रीना चन्द्रा ,दीपका निवासी कृष्णानन्द शर्मा ,अरविंद यादव ने कहा कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि देश को सालाना हजारों करोड़ों रुपए का राजस्व देने वाले हमारे कोयलांचल क्षेत्र की प्रमुख मार्ग में जनता को सुगम आवागमन की सुविधा नहीं मिल सकी। एसईसीएल के कर्मी ,परिजन ,आम नागरिक ,कॉलेज छात्र -छात्राओं का आए दिन इस मार्ग से कोरबा शहर आना जाना लगा रहता है ,लेकिन 50 करोड़ की लागत से तैयार फोरलेन मार्ग में बदइंतजामी के कारण लोगों में हमेशा यह भय बना रहता है कि वो सकुशल वापस आ पाएंगे कि नहीं। राजनेता चुनाव के समय बड़े लंबे चौड़े वादे कर सब्जबाग दिखा वोट हासिल कर लेते हैं उसके बाद उन्हें जनता की कोई फिक्र नहीं रहती । यही हाल रहा तो दोनों प्रमुख पार्टियों को जनता उनकी सही जगह दिखाने में पीछे नहीं हटेगी। स्थिति तब भयावह हो जाती है जब जाम में मरीजों को लेकर जा रहे एम्बुलेंस वाहन ,व अन्य निजी वाहन फंस जाते हैं ।अधिकारीवर्ग तो मुफ्त की तनख्वाह ले रहे ,उनकी नियुक्ति का आधार डिग्री नहीं उनकी परफार्मेंस होना चाहिए तभी हालात सुधरेंगे । बहरहाल चुनावी वर्ष में कोयलांचल क्षेत्र की जनता को हो रही तकलीफ कहीं सत्तापक्ष पर भारी न पड़ जाए।