शासन से वार्ता में नहीं निकला सकारात्मक नतीजा ,सोमवार से पंचायतों का कामकाज होगा प्रभावित
हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा ।शासकीयकरण की मांगों को लेकर शासन से सकारात्मक संकेत नहीं मिलने के बाद प्रदेश ग्राम पंचायत सचिव संघ के आह्वाहन पर पँचायत सचिवों ने 26 दिसम्बर से बेमियादी हड़ताल पर जाने का ऐलान कर दिया है । इससे पूर्व गुरुवार को अनुविभाग ,ब्लाक स्तर पर सचिवों ने विशाल रैली निकालकर मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव के नाम मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत एवं एसडीएम को ज्ञापन सौंपा। सचिवों की बेमियादी हड़ताल से कोरोना संकटकाल में न केवल शासकीय कार्य प्रभावित होगा वरन लोगों को परेशानी उठानी पड़ेगी।

29 शासकीय विभागों के लगभग 200 योजनाओं का जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन कराकर अंतिम पंक्ति तक बैठे व्यक्ति को लाभान्वित कराने वाले पँचायत सचिवों ने आखिरकार शासन की अदूरदर्शिता से कलमबद्ध हड़ताल शुरू कर दिया है । 2 वर्ष की परीवीक्षावधि पूर्ण करने के पश्चात सचिवों का शासकीयकरण करने की मांग को लेकर पँचायत सचिवों ने पूर्व घोषित तिथि अनुसार 21 दिसम्बर को एकदिवसीय काम बंद कलमबंद जिला स्तरीय हड़ताल किया था । प्रदेश सचिव संघ ब्लाक कोरबा के अध्यक्ष संतलाल कैवर्त्य एवं उपाध्यक्ष नागेंद्रधर दीवान ने कहा कि शासन ने पँचायत सचिवों के साथ नियुक्त सभी स्तर के कर्मचारी जैसे शिक्षाकर्मियों का शासकीयकरण कर दिया है । लेकिन शासन के 29 विभागों के योजनाओं का जमीनी स्तर परपारदर्शिता पूर्ण ढंग से क्रियान्वयन कराने वाले कर्तव्यनिष्ठ पँचायत सचिवों की उपेक्षा कर रही है । जबकि सचिव शासन एवं जनता के बीच एक सेतु की भूमिका निभा रहे हैं ।कोरोनाकाल में जारी लाकडाउन के दौरान मजदूरों की सेवा करते करते कितने सचिवों की अकाल मौत हो गई । बावजूद पँचायत सचिव हर मोर्चे पर डटे हैं । पँचायत सचिवों का शासकीय करण करने प्रदेश के 65 निर्वाचित विधायकगण भी अनुशंसा पत्र प्रेषित कर चुके हैं । बावजूद शासन संज्ञान नहीं ले रही । जिसकी वजह से सचिव आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं । बढ़ती महंगाई में अपने परिवार का भरण पोषण करना मुश्किल हो रहा है । जबकि हर साल नित नई योजना से सचिवों के ऊपर अतिरिक्त कार्यभार बढ़ रहा है । लिहाजा अब शासन की इस अदूरदर्शिता के खिलाफ सचिव आर पार की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं । 2 साल की परिवीक्षावधि पूर्ण करने वाले सचिवों का शासकीयककरण जब तक नहीं किया जाता तब तक सचिव आवाज बुलंद करेंगे ।गुरुवार को अनुविभाग एवं ब्लाक स्तरीय रैली का आयोजन किया गया । जिसमें सैकड़ों सचिवों ने रैली निकालकर मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव के नाम एसडीएम एवं तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा। उल्लेखनीय है कि प्रदेश ग्राम पंचायत सचिव संघ ने 21 दिसंबर को एक दिवसीय काम बंद हड़ताल कर शासन को विधानसभा के शीतकालीन सत्र में 25 दिसंबर तक मांग पूरी करने का अल्टीमेटम दिया था। इस बीच शासन ने प्रतिनिधिमंडल को वार्ता के लिए बुलाया भी ,लेकिन पँचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्री टी एस सिंहदेव से वार्ता में सकारात्मक संकेत नहीं मिलता देख सचिवों ने बेमियादी हड़ताल पर जाने का ऐलान कर दिया है । गुरुवार को समस्त ब्लाकों में रैली निकालकर प्रदर्शन किया गया। प्रदेश ग्राम पंचायत सचिव संघ कोरबा के प्रदर्शन के दौरान सचिव जगसाय खलखो ,उपाध्यक्ष मुखीसिंह कंवर ,हेमलता सोनी,सहसचिव श्याम मरावी ,कोषाध्यक्ष विजय कुमार एक्का,सहकोषाध्यक्ष गनपत टोप्पो ,मीडिया प्रभारी अजय कुर्रे ,राजेश बैरागी,प्रवक्ता संत कुमार राजवाड़े,प्रतिभा पांडेय,सलाहकार मनबोधन यादव ,नीतू गुप्ता ,सुरेश धारी ,संरक्षक परमेश्वर सोनी,कौशल प्रसाद सोनवानी सहित समस्त कार्यकारिणी सदस्य शामिल हुए।
यह काम होगा प्रभावित
पँचायत सचिव शासन की योजनाओं का जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन कराते हैं । एनजीजीबी के तहत बन रहे गौठान ,पीएम आवास ,मनरेगा ,जन्म मृत्यु पंजीयन ,शासन के विभिन्न मदों से पंचायतों को स्वीकृत समस्त अधोसंरचनात्मक कार्य ,14 वें / 15 वें वित्त से जुड़े ग्राम विकास के कार्य ,शैचालय निर्माण ,पेंशन भुगतान सहित सभी 20 सूत्रीय कार्यक्रम का क्रियान्वयन करते हैं । ये समस्त कार्य बेमियादी हड़ताल से प्रभावित होंगे।