कोरबा। कटघोरा एसडीएम रिचा सिंह के खिलाफ विरोध के स्वर थमने का नाम नहीं ले रहा है। आदर्श आचार संहिता के बीच लगातार एसडीएम को हटाने की मांग की जा रही है। मालगांव के सैकड़ो ग्रामीणों ने एक बार फिर एसडीएम के खिलाफ मोर्चा खोला है। इस बार उन्हें रामपुर विधायक ननकीराम कंवर का भी समर्थन मिला है।


ज्ञात रहे कि इससे पूर्व एसडीएम के खिलाफ आम आदमी पार्टी, बीजेपी, समाजसेवी सहित अन्य लोग शिकायत कर चुके हैं। मलगांव जो कि कोरबा जिले के हरदी बाजार तहसील व कटघोरा ब्लॉक में आने वाला तथा एसईसीएल दीपका के अधिग्रहित क्षेत्र में आने वाला गांव है, जहां पर मुआवजा हेतु संपूर्ण सर्वे और मुआवजा राशि लगभग पूरा ही हो चुका था। पूर्व एसडीएम ने पूरे गांव (मलगांव) को ग्रामवासीयों अनुसार और एसईसीएल के रजामंदी एवम स्वीकृति से सर्वे और गांव का नापी तथा मुआवजा पत्रक तैयार कर पूर्ण किया गया था। ठीक इसी बीच पूर्व एसडीएम का स्थानातरण हो गया है। इसके पश्चात कटघोरा हेतु नए एसडीएम रिचा ठाकुर ने पदभार ग्रहण किया। एसडीएम रिचा ठाकुर और एसडीएम कार्यालय के बाबू मनोज गोभिल तथा अन्य के द्वारा मिलकर सर्वे किया गया सर्वे और नापी तथा मुआवजा पत्रक को रद्द कर अपने हिसाब से सर्वे और मुआवजा पत्रक तैयार कर नापी करनी शुरू की गई। जिस पर ग्रामीणों ने यह आरोप लगाया है कि एसडीएम रिचा ठाकुर और मनोज गोभिल ने मिलकर हरदी बाजार में माफिया की मदद से डंडे और लाठी की मदद से ग्रामीणों में भय उत्पन्न कर सर्वे किया जा रहा है तथा गांव में आते हैं और जल्दी जल्दी नापी करा कर औने पौने दामों में पैसे लेकर पूरा गांवों को खाली कराना का प्रयास किया जा रहा है। मलगांव वासियों ने इसकी सूचना जिला कलेक्टर, जिला पुलिस अधीक्षक और जिला निर्वाचन अधिकारी, निर्वाचन अधिकारी रायपुर और निर्वाचन अधिकारी दिल्ली को भी दी है। मलगांव वासियों ने परेशान होकर कोरबा जिला के रामपुर विधायक ननकी राम कंवर से मदद की गुहार लगाई है। वही रामपुर विधायक ननकी राम कंवर ने अपने साथ मलगांव वासियों को जिला कलेक्टर के पास ले गए और अपने हाथ से शिकायत पत्र देते हुए इस पूरे मामले में सघन जांच करने की मांग की है। रामपुर विधायक ननकी राम कंवर ने मलगांव वासियों को यह भी भरोसा दिलाया है कि यदि इस पूरे मामले की जांच उचित समय पर नहीं हुई तो उनके द्वारा इसकी शिकायत प्रधानमंत्री और कोयला मंत्री को पत्र के माध्यम से की जाएगी तथा आवश्यकता पड़ने पर आदर्श आचार संहिता के समाप्त हो जाने के उपरांत अनशन भी की जाएगी।