सोमवार से हटाए गए कर्मचारियों की वापसी नहीं होने पर धान खरीदी के बहिष्कार की दी थी चेतावनी,संघ में दो फाड़ ,कोरबा ,करतला में नहीं खरीदेंगे धान
हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा । 6 सूत्रीय मांगों को लेकर28 दिसंबर से धान खरीदी कार्य का बहिष्कार करने की मांग करने वाले जिला सहकारी कर्मचारी संघ ने शनिवार को नाटकीय ढंग से कर्मचारियों के बहाली के प्रमुख मांग को पूरा करने से पहले हड़ताल वापस ले लिया । इस निर्णय के साथ ही संघ में दो फाड़ हो गया है । कोरबा एवं करतला ब्लाक जहाँ जिले के कुल धान खरीदी का 60 फीसदी धान खरीदी होती है वहाँ के समिति के कर्मचारियों ने धान खरीदी कार्य से हटाए गए कर्मचारियों की बहाली नहीं हो जाने तक धान खरीदी करने से इंकार कर दिया है ,जबकि शेष ब्लाक संघ के साथ खड़ा है । कोरबा करतला के समिति के कर्मचारियों ने संघ के अध्यक्ष के नेतृत्व पर सवाल खड़ा करते हुए प्रशासन के समक्ष प्रमुख मांगों को रख पाने में विफल रहने का आरोप लगाया है ।
यहाँ बताना होगा कि 6 सूत्रीय मांगों को लेकर जिला सहकारी कर्मचारी विक्रेता संघ ने जिले में 28 दिसंबर से धान खरीदी कार्य का बहिष्कार किए जाने का ऐलान किया था ।जिसमें प्रमुख रूप धान खरीदी कार्य के दौरान प्रबंधक ,फड़ प्रभारी एवं ऑपरेटरों को धान खरीदी कार्य से पृथक किए जाने एवं पटवारियों द्वारा जारी किए गए उत्पादन प्रमाण पत्र से कम धान खरीदी करने प्रशासन द्वारा बनाए जा रहे दबाव का विरोध प्रमुख था। खासकर कोरबा एसडीएम द्वारा बरपाली (श्यांग ) उपार्जन केंद्र में पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर हटाए जाने की गई अनुसंशा एवं अपर कलेक्टर की नियम विरुद्ध कार्यवाई प्रमुख थी । शासन की सबसे बड़ी योजना धान खरीदी के कार्य के बहिष्कार की चेतावनी के बाद जिला प्रशासन में भी हड़कम्प मच गया था । कलेक्टर के निर्देश पर शनिवार को प्रतिनिधिमण्डल को एडीएम प्रियंका ऋषि महोबिया के नेतृत्व में चर्चा के लिए बुलाया गया।खाद्य अधिकारी जे .के.सिंह ,उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं बसंत कुमार ,जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के नोडल अधिकारी सुशील कुमार जोशी,एसडीएम सुनील नायक की मौजूदगी में संघ के अध्यक्ष नर्मदा देवांगन ने मांगों से अवगत कराया। जिसमें प्रशासन द्वारा हटाए गए कर्मचारियों के बहाली के मुद्दे को जांच का विषय बताते हुए शेष 5 मांगों पर सहमति प्रदान कर दी गई । लेकिन संघ के अध्यक्ष बिना उचित कारण के हटाए गए कर्मचारियों के बहाली के मुद्दे को कमेटी के समक्ष नहीं रख पाए । और 28 दिसंबर से प्रस्तावित हड़ताल को वापस ले लिया । जैसे ही यह खबर संघ के सदस्यों तक पहुंची । संघ में दो फाड़ हो गया । संघ के अध्यक्ष के नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए कोरबा एवं करतला ब्लाक के समिति के कर्मचारियों ने हटाए गए कर्मचारियों के बहाली होने नहीं होने पर सोमवार से धान खरीदी कार्य का बहिष्कार करने के अपनी मांगों पर कायम रहने की बात कही है । जबकि शेष ब्लाक संगठन के अध्यक्ष के साथ खड़ा है । जिले में कोरबा एवं करतला ब्लाक में ही जिले की कुल धान खरीदी के 60 फीसदी धान की आवक होती है ,लिहाजा बड़ी समिति होने के नाते में संगठन में भी यहाँ के कर्मचारियों का बोलबाला है । लिहाजा धान खरीदी के बहिष्कार के साथ साथ अब सहकारी कर्मचारी संघ में भी दो फाड़ की स्थिति बन आई है । जल्द ही संगठन में व्यापक फेरबदल देखने को मिल सकता है ।