चुनावी फिजा के बीच ठंडा पड़ा धान खरीदी अभियान ,बीता पहला पखवाड़ा,कोरबा जिले में 45 केंद्रों को बोहनी का इंतजार,समर्थन मूल्य पर 20 उपार्जन केंद्रों में महज 4 हजार 439 क्विंटल धान की हुई आवक, विलंब से फसल तैयार होना बनी वजह

चुनावी फिजा के बीच ठंडा पड़ा धान खरीदी अभियान ,बीता पहला पखवाड़ा,कोरबा जिले में 45 केंद्रों को बोहनी का इंतजार
,समर्थन मूल्य पर 20 उपार्जन केंद्रों में महज 4 हजार 439 क्विंटल धान की हुई आवक, विलंब से फसल तैयार होना बनी वजह

हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा।चुनावी परिणाम के इंतजार एवं विलंब से धान की फसल तैयार होने की वजह से इस साल एक नवंबर से समर्थन मूल्य पर प्रदेश में शुरू हुई धान खरीदी अभियान का पहला पखवाड़ा कोरबा जिले में ठंडा पड़ गया।आदिवासी बाहुल्य औद्योगिक जिला कोरबा में नवीन उपार्जन केंद्रों सहित कुल 65 में से 45 उपार्जन (धान खरीदी केंद्रों) में बोहनी तक नहीं
तक नहीं हो सकी। जिले के 41 समितियों के 20 उपार्जन केंद्रों में 17 नवंबर तक महज 4 हजार 439 .60 क्विंटल धान की समर्थन मूल्य पर खरीदी हुई ।106 पंजीकृत किसानों ने यह धान बेचा ।

यहां बताना होगा कि चुनावी वर्ष में इस साल भी राज्य शासन किसानों की मांग व विपक्ष के आरोप के पहले ही किसानों के हित मे 1 नवंबर से 31 जनवरी तक समर्थन मूल्य पर धान खरीदी कर रही।आदिवासी बाहुल्य कोरबा जिले में धान खरीदी अभियान का पहला पखवाड़ा बीतने के बाद जो आंकड़े आए हैं उससे अब तक धान खरीदी अभियान का सबसे निराशाजनक आंकड़े सामने आए हैं। 41 समितियों के 65 उपार्जन केंद्रों में से 20 उपार्जन केंद्रों में 17 नवंबर तक महज 4 हजार 439 .60 क्विंटल धान की समर्थन मूल्य पर खरीदी हुई । 52 हजार 390 पंजीकृत किसानों में से 106 पंजीकृत किसानों ने यह धान बेचा । कुल पंजीकृत 70 हजार 597 .681 एकड़ रकबे में से 154 .54 एकड़ रकबे की धान खरीदी हुई है। खरीदे गए धान की कीमत समर्थन मूल्य पर 96 लाख 91 हजार 646
रूपए की है। खास बात यह है कि जिले के 65 में से 45 उपार्जन केंद्रों में अभी तक बोहनी नहीं हुई। इन उपार्जन केंद्रों में नवीन स्वीकृत व पुराने केंद्र भी शामिल हैं। आसार जताए जा रहे हैं कि दिसंबर माह के पहले पखवाड़े से ही धान खरीदी की रफ्तार बढ़ेगी। जिसकी वजह इस साल विलंब से धान की फसल तैयार होने (कटाई मिंजाई) एवं चुनावी परिणाम का इंतजार माना जा रहा है। जिन केंद्रों में धान की बोहनी तक नहीं हुई है उनमें नवीन उपार्जन केंद्र
तानाखार ,चिर्रा सहित अखरापाली,उतरदा ,बोईदा ,
कनकी ,करतला ,केरवाद्वारी,
कुल्हरिया ,कोथारी, कुदमुरा,कोरकोमा, चचिया,कोरबी(पाली),तुमान,
जवाली ,रंजना,पिपरिया,
पोंडीउपरोड़ा,फरसवानी,बरपाली (कोरबा),बिंझरा, कुदुरमाल,
भैसमा,भिलाईबाजार,मोरगा,पोटा पानी,लाफा, सपलवा,लेमरू,श्यांग,उमरेली,
सुखरीकला,दादरखुर्द ,सोनपुरी,
कराईनारा,सोहागपुर,नोनबिर्रा एवं हरदीबाजार शामिल हैं।
शासन द्वारा खरीदी केंद्रों में धान बेचने के लिए किसानों के लिए की गई व्यवस्थाओं से किसान संतुष्ट है। साथ ही टोकन लेने के लिए टोकन तुम्हर हाथ मोबाइल ऐप से भी किसान लाभान्वित हो रहे हैं।

जारी नहीं हुआ डीओ ,नहीं उठे हैं धान

अब इतनी अल्पमात्रा में धान की आवक हुई हो तो कस्टम मिलिंग के लिए डीओ जारी करने की उम्मीद कैसे की जा सकती है। 5 हजार क्विंटल से भी कम धान के आवक की वजह से अब तक धान के उठाव के लिए डीओ तक जारी नहीं किया जा सका है। खरीदी कम से कम 20 से 25 हजार क्विंटल से अधिक होने पर ही कस्टम मिलिंग के लिए डीओ जारी करने की शुरुआत होगी।

इन उपार्जन केंद्रों में हुई बोहनी

अभी तक जिन 20 उपार्जन केंद्रों में धान खरीदी अभियान की बोहनी(शुरुआत)हुई है उनमें नवीन उपार्जन केंद्र
चन्वारीनवापारा (कर्रानवापारा)सहित कटघोरा,कोरबी(पोंडी उपरोड़ा)चैतमा, चिकनीपाली, लबेद,छुरीकला,सुमेधा,जटगा, तुमान ,निरधी,पठियापाली,पसान,नुनेरा,पाली,पोंडी,बरपाली (बरपाली),रामपुर,पोटापानी एवं सिरमिना शामिल हैं। सबसे ज्यादा आवक चिकनीपाली समिति के उपार्जन केंद्र लबेद में हुई है। यहां अब तक समर्थन मूल्य पर 492.40 क्विंटल धान की आवक हो चुकी है।

गत वर्ष इस समयावधि में 25 हजार क्विंटल धान की हो चुकी थी आवक

गत वर्ष की बात करें तो इस समयावधि तक 41 समितियों के 41 उपार्जन केंद्रों में 25 हजार 272 क्विंटल 40 किलो धान की समर्थन मूल्य पर खरीदी हो चुकी थी । 738 पंजीकृत किसानों ने यह धान बेचा था । खरीदे गए धान की कीमत 5 करोड़ 15 लाख 55 हजार 696 रूपए की थी ।60 में से 19 उपार्जन केंद्रों में बोहनी नहीं हुई थी । जिसमें से 8 हजार 710 क्विंटल धान के कस्टम मिलिंग के लिए डीओ जारी कर दिया गया था ।

कोरबा