अपनों ने ही खोदे गढ्ढे,ऑडियो में छिपा राज,पीसीसी अध्यक्ष तक पहुंचा , मौजूदा विधायक होंगे बेनकाब

कोरबा। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान दोनों चरणों में संपन्न होने के बाद अब पार्टी प्रत्याशी के विरुद्ध काम करने वालों की सूची तैयार की जा रही है। ऐसे भितरघात करने वालों पर कार्रवाई होना शुरू भी हो गया है। कार्रवाई की गाज कोरबा जिला पंचायत की अध्यक्ष श्रीमती शिवकला कंवर, पाली-तानाखार के विधायक मोहितराम केरकेट्टा से लेकर रामपुर विधानसभा, कटघोरा विधानसभा और कोरबा विधानसभा के भितरघातियों पर जल्द ही गिरने वाली है।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज के द्वारा सभी प्रत्याशियों एवं ब्लॉक अध्यक्षों तथा प्रमुख पदाधिकारियों की बैठक ली गई। इस बैठक में कोरबा जिले की चारों विधानसभा क्षेत्र के प्रत्याशी एवं ब्लॉक अध्यक्षों की भी उपस्थिति रही। जिले के कांग्रेस प्रत्याशियों की मुश्किलें पार्टी के ही लोगों ने बढ़ाने का काम चुनाव के दौरान किया है, जिसकी नामवार सूची प्रदेश अध्यक्ष सौंप दी गई है। पाली-तानाखार विधानसभा में तो खुलकर भितरघात हुआ है जिसमें प्रमुख रूप सेे छत्रपाल सिंह कंवर और विधायक मोहित राम केरकेट्टा के साथ-साथ जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती शिवकला कंवर का नाम शामिल है। छत्रपाल सिंह को तो 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया है लेकिन उनकी धर्मपत्नी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है जबकि उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी के लिए खुलकर कोई कार्य नहीं किया। पीसीसी अध्यक्ष को बताया गया कि शिवकला कंवर 9 नवंबर को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े की सभा में शामिल हुईं लेकिन 14 नवंबर को जब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ग्राम गुरसियां लेपरा में सभा लेने पहुंचे तो शिवकला नदारद थीं। पूरे चुुनाव के दौरान पार्टी प्रत्याशी के प्रति शिवकला की सक्रियता दूर-दूर तक नजर नहीं आई। इसी तरह मोहित राम केरकेट्टा ने भितरघात किया और जोगी कांग्रेस से मिलकर छत्रपाल सिंह को टिकट दिलाने में अहम भूमिका निभाया है। मोहित केरकेट्टा के द्वारा अपने खास लोगों और कार्यकर्ताओं को फोन के जरिए पार्टी प्रत्याशी के विरुद्ध कार्य करने कहा जाता रहा, जिसका ऑडियो प्रमाण स्वरूप पीसीसी अध्यक्ष को सौंपा गया है। इनके अलावा और भी कई नाम हैं जिन्होंने भितरघात किया है। रामपुर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी फूलसिंह राठिया को टिकट मिलने पर पूर्व विधायक श्यामलाल कंवर ने खुलकर विरोध किया और बाद में शांत जरूर पड़ गए लेकिन चुनाव के दौरान पार्टी प्रत्याशी के लिए किसी तरह का सहयोगात्मक कार्य नहीं किया। इस बात की चर्चा है कि कार्रवाई के दायरे में वे भी आ सकते हैं। कटघोरा विधानसभा में यदि पुरुषोत्तम कंवर हारे तो भितरघातियों की लंबी सूची बन जाएगी। हालांकि कुछ नाम पीसीसी अध्यक्ष को दिए गए हैं। कोरबा विधानसभा में भितरघात के हालात तो नहीं रहे और लेकिन अपेक्षाकृत उत्साह कमजोर नजर आया जिसके कारण शहरी मतदान का प्रतिशत घटा है।