अहाता बंद हुआ तो परिसर को बनाया ओपन बार ,कार्रवाई की दरकार

कोरबा । प्रशासन-पुलिस के एक्शन के बाद शहर, उपनगरीय व ग्रामीण क्षेत्र के सभी शराब दुकान परिसर व आसपास चल रहे अहाते हट चुके हैं। शराब दुकानों के सामने दिनभर जमे रहने वाला माहौल भी शांत नजर आने लगा है। लेकिन अहाते बंद होने से ऐसे शराबियों की मुश्किल बढ़ गई है जो वहां बैठकर शराबखोरी करते थे।

अब अहाते नहीं होने पर दुकान के सामने खाली पड़े परिसर में पर कोई जमीन पर बैठकर तो कोई दोपहिया वाहन के ऊपर डिस्पोजल में शराब ढालकर पी रहे हैं। एक तरह से शराब दुकान का परिसर ओपन बार बन गया है। दैनिक भास्कर की टीम रविवार को शहर के राताखार व मुड़ापार स्थित शराब दुकान पहुंची तो वहां ओपन बार जैसा नजारा था। कई लोग जहां डिस्पोजल में पी रहे थे तो कुछ बिना डिस्पोजल बिना पानी सीधे बोतल से शराब पीते भी दिखे। ऐसा करना सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। वहां बैठे शराबियों से चर्चा करने पर उन्होंने साफ कह दिया कि भले ही नियम के अनुसार अहाते गलत थे लेकिन शराबियों के लिए सुविधाजनक थे। अब न चाहते हुए भी शराब दुकान परिसर में बैठकर बिना सुविधा के शराब पीना ज्यादातर शराबियों की मजबूरी बन गई है। क्योंकि बाहर बैठकर शराब पीने की कोई व्यवस्था नहीं है। बाहर पीते है तो पुलिस वाले पकड़कर ले जाते हैं और सौ रुपए के पव्वा के पीछे 4-5 हजार रुपए वसूलते हैं। बचने के लिए शहरी क्षेत्र में बीयर बार में जाना हो तो वहां भी शराब दुकान की तुलना में कई गुना ज्यादा कीमत चुकानी पड़ती है। ऐसे में जैसा भी बने वे शराब दुकान परिसर में बैठकर पी लेंगे।

तीसरे दिन भी बंद रहे अहाते

प्रशासन-पुलिस की कड़ाई के बाद बंद हुए अहाते तीसरे दिन भी नहीं खुले हैं, लेकिन कई अहाते चलाने वाले फेरी सिस्टम से वाहन में चखना, पानी व डिस्पोजल लेकर घूम रहे हैं। शराबी उन्हें पहचानते हैं, जिनसे वे सामान लेकर शराब दुकान परिसर में बैठकर पी रहे है।

खुले में शराबखोरी रोकना पुलिस की जिम्मेदारी

आबकारी विभाग के उप निरीक्षक मुकेश पांडेय के मुताबिक शराब दुकानों के आसपास खुले अवैध अहाते के खिलाफ कार्रवाई करते हुए बंद करा दिए गए हैं। दोबारा अहाते न खुले इसके लिए निगरानी की जा रही है। शराब दुकान परिसर व आसपास खुले में शराबखोरी करने से रोकना पुलिस की जिम्मेदारी है।