भिलाई बाजार। गीता जयन्ती के पावन अवसर टेकराम कश्यप के निवास पर आयोजित श्रीमद्भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ कथा का शुभारंभ विशाल शोभायात्रा कलशयात्रा के साथ हुआ। जिसमें कर्मा नृत्य व डी जे के धुन पर थिरकते भक्त गण विशेष आकर्षण का केंद्र रहे।
कलशयात्रा की शुरुआत भागवत मंच से पूरे भिलाई बाजार का भ्रमण करते माँ महामाया व ग्रामदेवताओ के दर्शन पूजन के साथ सम्पन्न हुआ। कथावाचक व्यास पंडित डॉक्टर सत्यनारायण तिवारी हिमान्शु महाराज ने संगीतमय कथा का शुभारंभ करते हुए भागवत कथा को भक्ति ज्ञान और वैराग्य का समुच्चय बतलाया ।उन्होने इस दिव्य ग्रंथ को सनातन धर्म की अमूल्य धरोहर, मोक्षदायिनी तथा जीवन संहिता बतलाया। भगवान के चौबीस अवतारो का उद्देश्य सारे संसार में धर्म की स्थापना आत्म कल्याण, जनकल्याण तथा विश्व कल्याण बतलाते हुए डाक्टर तिवारी ने 500 वर्ष के विराट संघर्ष के पश्चात अयोध्या में भगवान श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को एक ऐतिहासिक व वैश्विक गौरवशाली सनातन धर्म के उत्थान तथा भारत के पुनः विश्वगुरू के रूप मे प्रतिष्ठित होने का शुभ संकेत बतलाया। उन्होने राजर्षि परीक्षित को शब्द रूपी श्राप से उद्धार करने के लिए भागवत को भगवान का शब्दावतार तथा श्रीमद्भागवत को श्री बांकेबिहारी का साक्षात रूप विग्रह बतलाया। सृष्टि के प्रथम मनु और शतरूपा द्वारा तीन पुत्री आकुति देवहूति और प्रसूति तथा दो पुत्र प्रियव्रत व उत्तानपाद को पैदा करने को, बेटियो के प्रति आदर स्नेह व सम्मान का प्रकटीकरण बतलाया।श्रद्धेय तिवारी जी ने जगत और जगदीश दोनो की प्राप्ति का मूल मंत्र मन की निर्मलता, पवित्रता और आन्तरिक तथा बाह्य स्वच्छता को निरूपित किया। पुत्री का विवाह धनवान व्यक्ति के बजाय संस्कारवान व्यक्ति से करने का आग्रह करते हुए हिमान्शु महाराज ने वर्तमान सनातन धर्म के खिलाफ रचे जा रहे षड्यंत्रो से स्वयम बचने तथा समाज को बचाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा भारत का सर्वे भवन्तु सुखिनः तथा वसुधैव-कुटुम्बकम विश्व के लिए वरदान साबित हो रहा है।भागवत भारतीय संस्कार और संस्कृति के संरक्षण का कार्य करती है।अपने-अपने दायित्वो का निर्वहन भगवान व राष्ट्र की सच्ची उपासना है।उक्त अवसर पर पंडित रामखिलावन पाण्डेय, पंडित नीरज तिवारी,भूपत कश्यप, टेकराम कश्यप, देव कश्यप, अशोक कश्यप, लक्ष्मी कश्यप, धनीराम कश्यप, दिनेश कश्यप, मुकेश कश्यप, अखिलेश जायसवाल सहित सैकड़ो श्रद्धालु नर-नारी भागवत कधा मे उपस्थित थे।