आकांक्षी जिला कोरबा में कांग्रेस शासनकाल में कागजों में बंट गए डेढ़ करोड़ के सिलिंग फैन,ब्लैक बोर्ड ,सक्षम केंद्रों से गायब ,क्या साय सरकार लेगी संज्ञान !

हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा। आकांक्षी जिला कोरबा में आंगनबाड़ी केंद्रों को सक्षम बनाने के नाम पर कांग्रेस शासनकाल में शासकीय फंड का जमकर बंदरबाट किया गया। हालात ऐसे हैं कि 1 करोड़ 64 लाख 35 हजार 123 रुपए की लागत से संचालनालय से जारी आबंटन स्वीकृति आदेश के बावजूद ब्लैक बोर्ड एवं सिलिंग पंखा आंगनबाड़ी केंद्रों में नजर नहीं आते ,कार्यकर्ता पर्यवेक्षक से लेकर स्वयं परियोजना अधिकारी भी सामाग्री प्राप्त नहीं होने की बात स्वीकार रहे। ऐसे में लगातार शिकायतों के बाद भी सामाग्रियों के भौतिक सत्यापन के जांच के आदेश नहीं दिए जाने से साय सरकार की कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहे।

यहां बताना होगा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस शासनकाल में प्रदेश के 10 आकांक्षी जिलों के आंगनबाड़ी केंद्रों को चरणबद्ध रूप से सक्षम बनाने की कवायद की गई । सक्षम आंगनबाड़ी केंद्रों के तहत कोरबा के भी 700 आंगनबाड़ी केंद्रों को लाभान्वित किया गया। जिसके लिए अभी तक कोरबा जिले को ही
प्री स्कूल किट , फर्नीचर ,ब्लैक राइटिंग बोर्ड ,सिलिंग पंखा एवं रेगुलेटर ,एस .एस.कंटेनर के लिए फर्म मेसर्स बाबूलाल जायसवाल एंड कार्पोरेशन, मे. शर्मा स्टील इंडस्ट्रीज को संचालनालय महिला एवं बाल विकास विभाग ने
2 करोड़ 32 लाख 85 हजार 599 रूपए भुगतान हो चुका है । जबकि एलईडी टीवी ,अलमीरा ,पेटी का भुगतान भी 3 करोड़ रुपए से अधिक किया जाना है। इस तरह देखें तो करीब 7 करोड़ रुपए का भुगतान कोरबा जिले के केंद्रों को सक्षम बनाने किया जा रहा है। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले केंद्रों के लिए आपूर्ति कर पूर्ववर्ती सरकार एवं महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों ने शासकीय राशि का जमकर बंदरबाट किया। खासकर अविद्युतीकृत केंद्रों में भी करोड़ों के एलईडी प्रदाय किए गए हैं। जिसको लेकर विभाग की मंशा सवालों के कटघरे में है।

वहीं अब हैरान करने वाली बात ये आ रही है आंगनबाड़ी केंद्रों में ब्लैक राइटिंग बोर्ड ,सिलिंग पंखा एवं रेगुलेटर नजर नहीं आ रहे। जबकि इस सामाग्री के लिए मेसर्स अर्बन सप्लायर्स नामक फर्म को 1 करोड़ 64 लाख 35 हजार 123 रुपए का आबंटन स्वीकृति आदेश 29 नवंबर 2023 को आचार संहिता प्रभावी होने के बीच में जारी किया जा चुका था।

हसदेव एक्सप्रेस की पड़ताल में कोरबा ग्रामीण परियोजना के सक्षम योजना के लिए चयनित आंगनबाड़ी केंद्र तिलकेजा क्रमांक 3 ,भैसमा क्रमांक 2 ,करमंदी स्थित आँगनबाड़ी केंद्र भाटापारा में उक्त सामाग्री नहीं मिले।कार्यकर्ताओं ने बताया कि उन्हें यह सामाग्री कब मिलेगी इसकी तक सूचना नहीं दी गई। कार्यकर्ताओं ने बताया कि लकड़ीं से खाना बनाने की परंपरा को खत्म कर बच्चों एवं सहायिकाओं की सेहत को दृष्टिगत रखते हुए गैस चूल्हा सिलेंडर प्रदाय किया जाना था। लेकिन गैस चूल्हा ही दिए गए सिलेंडर आज पर्यंत कई केंद्रों में प्रदाय नहीं की गई है । परियोजना अधिकारी ने भी स्वीकार की उन्हें महज 24 सिलिंग पंखे मिले थे,बाकी सामाग्री अप्राप्त है। हालांकि व्यस्तता की वजह से सीडीपीओ यह नहीं बता पाईं कि उक्त सामाग्री किन किन केंद्रों को दी गई। सक्षम की सामाग्री केंद्रों में उपलब्ध नहीं होने का मामला सिर्फ कोरबा ग्रामीण परियोजना की नहीं ,वरन करतला,बरपाली ,पोंडी उपरोड़ा ,पसान,हरदीबाजार ,कटघोरा, चोटिया ,पाली सभी जगह के परियोजनाओं में देखी जा सकती है।हैरान करने वाली बात यह है कि पूर्ववर्ती कांग्रेस शासनकाल में करोड़ों की लागत से प्रदाय किए गए सामाग्रियों की गुणवत्ता ,उपयोगिता , वितरण ,उपलब्धता से लेकर तमाम प्रमाणित शिकायतों के बावजूद साय सरकार की तरफ से भौतिक सत्यापन को लेकर किसी भी तरह के जांच के आदेश नहीं दिए जाने से सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे।

संचालनालय ने एलईडी टीवी ,अलमीरा ,पेटी की आबंटन स्वीकृति आदेश छुपाई

संचालनालय महिला एवं बाल विकास विभाग भ्रष्टाचार की जड़ बना हुआ है ,नियम विरुद्ध स्थानांतरण आदेश से लेकर कांग्रेस शासनकाल में मनमाने तरीके से करोड़ों के आबंटन में सामाग्री आपूर्ति की गई। जिसकी जानकारी जन सामान्य से छुपाई गई। सूचना का अधिकार जैसे कानून भी संचालनालय के लिए मजाक बनकर रह गया है ,सालों से इस विभाग के मलाईदार शाखाओं में जमे अफसर अपना नियम चला रहे। संचालनालय ने सक्षम योजना के तहत एलईडी टीवी,अलमीरा ,पेटी के आबंटन स्वीकृति आदेश की जानकारी छुपाई । जिसकी शिकायत सीएम हाउस तक की गई है।

वर्जन

24 पंखे ही मिले थे

हमें सिर्फ 24 पंखे मिले थे,बाकी अप्राप्त है। शाखा से पता कर वितरण की स्थिति बता पाएंगे,अभी एक प्रकरण में कोर्ट आई हूं।

ममता तुली, सीडीपीओ कोरबा ग्रामीण मबावि