राजिम। माघ पूर्णिमा पर आज हजारों श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने के लिए छत्तीसगढ़ का त्रिवेणी संगम कहे जाने वाले राजिम पहुंचे। सुबह 4 बजे से लोग तीन नदियों (पैरी, सोंढूर, महानदी) के संगम में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। यहां लोग स्नान कर महानदी और सूर्यदेव को अर्घ्य अर्पित कर रहे हैं। इसके अलावा राजीव लोचन भगवान, कुलेश्वरनाथ महादेव के मंदिर में भी सुबह से भक्तों का तांता लगा हुआ है। इसी के साथ शाम को राजिम कुंभ कल्प का शुभारंभ हो जाएगा।
बता दें कि आज से राजिम कुंभ कल्प की शुरुआत होने जा रही है। इसमें 3 मार्च से 8 मार्च तक संत समागम होगा। जिसमें शंकराचार्य समेत देश के बड़े-बड़े साधु-संत छत्तीसगढ़ आएंगे। प्रदेश में 18 साल पहले से लगातार राजिम कुंभ मेले का आयोजन होता आ रहा है।
मुख्यमंत्री ने राजिम कुंभ कल्प की दी बधाई और शुभकामनाएं
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज से शुरू हो रहे राजिम कुंभ कल्प और शिवरीनारायण मेला की प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। मुख्यमंत्री साय ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के प्रयागराज के रूप में प्रसिद्ध राजिम में आयोजित होने वाला राजिम कुंभ कल्प छत्तीसगढ़ की आस्था का प्रतीक है। राज्य सरकार राजिम कुंभ की विशिष्टता और भव्यता को उसके मूल स्वरूप में लौटाने जा रही हैं। इसके लिए ’राजिम माघी पुन्नी मेला’ को ’राजिम कुंभ कल्प’ का नाम दिया है। इससे हमारे गौरवशाली सांस्कृतिक परम्पराओं को संरक्षित और संवर्धित होने का अवसर मिलेगा। राजिम कुंभ कल्प इस वर्ष 24 फरवरी माघपूर्णिमा से 8 मार्च महाशिवरात्रि तक आयोजित होगा। इस साल राजिम कुंभ कल्प को रामोत्सव के रूप में मनाया जायेगा।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि महानदी, पैरी और सोंढूर नदियों के पवित्र त्रिवेणी संगम पर सदियों से राजिम कुंभ मेला का आयोजन होता है। बड़ी संख्या में आसपास के राज्यों के लोग भी श्रद्धापूर्वक इस मेले में शामिल होते हैं। यहां छत्तीसगढ़ की धार्मिक परंपराओं के साथ-साथ लोक संस्कृति के भी दर्शन होते हैं। इस साल राजिम त्रिवेणी संगम में भव्य तैयारियां की जा रही है। यहां देशभर से साधु संत और श्रद्धालुओं का आगमन होगा। राजिम कुंभ कल्प के आयोजन के दौरान तीन पुण्य स्नान होंगे और विभिन्न सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि राजिम की तरह माघ पूर्णिमा के अवसर पर शिवरीनारायण में भी महानदी, शिवनाथ और जोंक नदी के पावन संगम पर मेले का आयोजन होता है। इस मेले में भी लोग बड़ी श्रद्धा और आस्था के साथ शामिल होते हैं। उन्होंने महानदी के तट पर सिरपुर में माघी पूर्णिमा के दिन से शुरू हो रहे सिरपुर महोत्सव की भी शुभकामनाएं प्रदेशवासियों को दी है।