दिल्ली । केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा चुनाव लड़ने संबंधी भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया है। उन्होंने इसके पीछे की वजह बताते हुए कहा कि उनके पास लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए ‘उस तरह का जरूरी फंड’ नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उन्हें आंध्र प्रदेश या तमिलनाडु से चुनाव लड़ने का विकल्प दिया था।
एक कार्यक्रम के दौरान निर्मला सीतारमण ने कहा, “एक हफ्ते या दस दिन तक सोचने के बाद मैंने जवाब दिया… शायद नहीं. मेरे पास चुनाव लड़ने के लिए उस तरह का पैसा नहीं हैं, चाहे वो आंध्र प्रदेश हो या तमिलनाडु. जीतने लायक अलग-अलग मानदंडों का भी प्रश्न है… क्या आप इस समुदाय से हैं या आप उस धर्म से हैं? क्या आप इस से हैं? मैंने कहा नहीं, मुझे नहीं लगता कि मैं ऐसा करने में सक्षम हूं.” उन्होंने कहा, “मैं बहुत आभारी हूं कि उन्होंने मेरी दलील स्वीकार कर ली… इसलिए मैं चुनाव नहीं लड़ रही हूं। ” जब उनसे पूछा गया कि देश की वित्त मंत्री के पास चुनाव लड़ने के लिए पर्याप्त फंड क्यों नहीं है? तो उन्होंने कहा कि भारत की संचित निधि उनकी निजी निधि नहीं है। उन्होंने कहा, “मेरा वेतन, मेरी कमाई और मेरी बचत मेरी है, भारत की संचित निधि नहीं।
सत्तारूढ़ भाजपा ने 19 अप्रैल से शुरू होने वाले आगामी लोकसभा चुनावों में कई मौजूदा राज्यसभा सदस्यों को मैदान में उतारा है। इनमें पीयूष गोयल, भूपेन्द्र यादव, राजीव चन्द्रशेखर, मनसुख मंडाविया और ज्योतिरादित्य सिंधिया शामिल हैं। सीतारमण कर्नाटक से राज्यसभा सदस्य हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि वह अन्य उम्मीदवारों के लिए प्रचार करेंगी। उन्होंने कहा, “मैं कई मीडिया कार्यक्रमों में भाग लूंगी और उम्मीदवारों के साथ जाऊंगी – जैसे कल मैं राजीव चंद्रशेखर के प्रचार के लिए जाऊंगी। मैं प्रचार अभियान में रहूंगी।