चलो बुलावा आया है माता ने बुलाया है …पूरे करने सारे सपने साकार ,चलो श्री त्रिपुर तीर्थ यात्रा सेवा समिति के साथ 8 जून से माता वैष्णो देवी के दरबार

हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा । कलयुग में जागृत शक्ति मंदिर के रूप में विख्यात जम्मू के कटरा स्थित माता वैष्णो देवी का मंदिर हर कष्टों का निवारण करने वाली कर सुखद एवं भयमुक्त जीवन का मार्ग प्रशस्त करती है। जिनको माता का बुलावा आता है ,वही मां वैष्णो देवी के दरबार पहुंचकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। गर्मियों की छुट्टियों के बीच अगर आपके मन में माता के इस पावन दरबार में जाकर अपनी मनोवांक्षित कामना पूर्ति की इच्छा है तो अब आपको खर्चीली यात्रा की प्लानिंग नहीं बनानी पड़ेगी ।
आपके इस दर्शन लालसा के स्वप्न को देश की प्रसिद्ध तीर्थाटन सेवा समिति श्री त्रिपुर तीर्थ यात्रा सेवा समिति साकार करने जा रही है । जी हां माता के बुलावे पर श्री त्रिपुर तीर्थ यात्रा सेवा समिति माता वैष्णो देवी स्पेशल ट्रेन के माध्यम से 8 से 14 जून तक 1 हजार श्रद्धालुओं के जत्थे को माता वैष्णो देवी ,हरिद्वार ,मथुरा एवं वृन्दावन का देश में सबसे सस्ते दर पर सेवाभावना की मंशा के साथ यात्रा पूरी कराएगी। स्पेशल ट्रेन के माध्यम से रवाना होने वाले इस पावन यात्रा की बुकिंग शुरू होने के साथ ही प्रारंभिक कवायद शुरू हो गई है।

माता वैष्णोदेवी यात्रा की साप्ताहिक पावन यात्रा रायपुर रेलवे स्टेशन से स्पेशल ट्रेन के माध्यम से शुरू होगी ,जो रायपुर ,उसलापुर ,शहडोल ,कटनी होते हुए माता वैष्णो देवी मंदिर दर्शन के लिए रवाना होगी। जिसमें श्री त्रिपुर तीर्थ यात्रा सेवा समिति देश में अब तक कि सबसे न्यूनतम दर पर माता वैष्णो देवी की यात्रा कराने जा रही।जिसमें श्रद्धालुओं, को कटरा के विशाल त्रिकुटा पर्वत पर जागृत शक्ति के रूप में अदृश्य रूप से विराजित माता वैष्णो देवी के मंदिर ,अर्धकुंवारी गुफा ,भैरव बाबा मंदिर में दर्शन लाभ प्राप्त होगा। वहीं हरिद्वार में मनसा देवी मंदिर ,चंडी देवी ,माया देवी,श्री गंगा माता मंदिर में दर्शन लाभ एवं हरकी पोंडी में गंगा आरती में शामिल होने का सौभाग्य प्राप्त होगा ।
मथुरा में श्री कृष्ण जी की जन्मस्थली द्वापरयुग का कारागार ,वृंदावन में विश्व प्रसिद्ध प्रेम मंदिर , बांके बिहारी मंदिर सहित अन्य धार्मिक स्थलों का दीदार एवं दर्शन कर सकेंगे। जिसमें यात्रा सहयोग राशि स्लीपर के लिए 8500 रुपए (5 प्रतिशत जीएसटी अतिरिक्त),थर्ड एसी -16 .500 (5 प्रतिशत जीएसटी अतिरिक्त )एवं सेकेंड एसी 21 हजार 500 (5 प्रतिशत जीएसटी अतिरिक्त) रुपए निर्धारित की गई है। जिसमें 10 स्लीपर ,1 थर्ड एसी,1 सेकेंड एसी एवं 2 एसएलआर की सुविधा रहेगी।
8 से 14 जून 2024 तक इस रोमांचकारी पावन यात्रा में सहभागी बनने इच्छुक श्रद्धालु समिति के ऑनलाइन वेबसाईट से टिकट बुक करा सकते हैं। जिसकी कवायद शुरू हो चुकी है। 50 प्रतिशत सीटें बुक हो गई है।

जानें कब कहाँ पहुंचेगी यात्रा

8 से 14 जून तक स्पेशल ट्रेन के माध्यम से निकलने वाली माता वैष्णो देवी की यात्रा में सर्वप्रथम श्रद्धालुओं को 9 जून को मथुरा वृंदावन का दर्शन लाभ मिलेगा। यात्रा का अगला पड़ाव 10 जून को हरिद्वार पहुंचेगी। 11 जून को यात्रा जम्मू कश्मीर का पावन कटरा पहुँचेगी। जहां से समिति के माध्यम से श्रद्धालुओं को माता वैष्णो देवी का दर्शन लाभ करने का परम सौभाग्य मिलेगा।

स्पेशल ट्रेन में मिलेंगी ये उच्च स्तरीय सेवाएं ,यात्रा बनेगी सुखद 👇

श्री त्रिपुर तीर्थ यात्रा सेवा समिति के
सफर में सबसे बड़ी खासियत यात्रा के दौरान समिति की उच्च स्तरीय सेवाएं रहीं है।श्रवणकुमार की तरह समिति ने प्रत्येक तीर्थ यात्रा में अपने दायित्वों का पूरी निष्ठा एवं संजीदगी के साथ निर्वहन किया है। जिसमें स्पेशल ट्रेन में ही यात्रियों को एक पारिवारिक माहौल में सारी सुविधाएं व अपनेपन का एहसास दिलाना सबसे खास रही है। श्रद्धालुओं कोच में ही सारी सुविधाएं सीट पर मुहैया कराई जाती हैं। जिससे श्रद्धालुओं को ट्रेन बदलने की समस्या से निजात मिल जाती है। प्रशिक्षित सेवकों की बदौलत पूरी यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को स्पेशल ट्रेन में सामान उतारने चढ़ाने की आवश्यकता ही नहीं पड़ती। यह सभी कार्य समिति के सेवक ही करते हैं। यही वजह है देश के कोने से श्रद्धालुगण तीर्थाटन करने श्री त्रिपुर तीर्थ यात्रा सेवा समिति को सभी समितियों में तरजीह (प्राथमिकता )देते हैं। समिति के अनुभवी विशेष टूर मैनेजर पूरी यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं के बीच गाइड की तरह मौजूद रहते हैं ,जो उन्हें यात्रा के दौरान सभी धार्मिक एवं ऐतिहासिक स्थलों के महत्व से अवगत कराते हुए यात्रा को आंनददायी यादगार बनाते हैं। इस दौरान श्रद्धालुगणों को मंदिर सहित अन्य पर्यटन स्थलों का दीदार कराने के लिए समिति की टू बाय टू की लग्जरी बस सभी रेलवे स्टेशन के बाहर सेवाओं के लिए तैयार रहती है।

समिति के इस अधिकृत वेबसाइट से बुक कराएं टिकिट 👇

पावन यात्रा में शामिल होने के इच्छुक
श्रद्धालुओं के लिए समिति की अधिकृत वेबसाइट www.tripuryatra.com तैयार है। जहां लोगों में इस यात्रा में शामिल होने बुकिंग कराने के प्रति दिलचस्पी देखी जा रही है। इच्छुक श्रद्धालु
जल्द से जल्द अपनी बुकिंग ऑनलाइन करवा लें। अधिक जानकारी के लिए मो. 7247411411 में कॉल कर जानकारी ली जा सकती है।साथ ही समिति के अधिकृत कार्यालय D -36 सेक्टर -4 कमल विहार डूंडा रायपुर एवं शॉप न.301,302 एवं 303 एस .एस. प्लाजा पावर हाउस रोड कोरबा के कार्यालय में संपर्क किया जा सकता है।

जानें वैष्णो देवी माता का महात्म्य एवं महिमा

वैष्णो देवी का विश्व प्रसिद्ध और प्राचीन मंदिर भारतीय राज्य जम्मू-कश्मीर के जम्मू क्षेत्र में कटरा नगर के समीप की पहाड़ियों पर स्थित है। इन पहाड़ियों को त्रिकुटा पहाड़ी कहते हैं। यहीं पर लगभग 5,200 फीट की ऊंचाई पर स्थित है मातारानी का मंदिर।भूवैज्ञानिकों के अध्ययन के अनुसार माता वैष्णो देवी का गुफा मंदिर काफी प्राचीन है। माना जाता है कि माता वैष्णो देवी ने त्रेतायुग में माता पार्वती, सरस्वती और लक्ष्मी के रूप में मानव जाति के कल्याण के लिए एक सुंदर राजकुमारी के रूप में अवतार लिया था और त्रिकुटा पर्वत पर गुफा में तपस्या की थी। जब समय आया, उनका शरीर तीन दिव्य ऊर्जाओं के सूक्ष्म रूप में विलीन हो गया- महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती।त्रिकुटा की पहाड़ियों पर स्थित एक गुफा में माता वैष्णो देवी की स्वयंभू तीन मूर्तियां हैं। देवी काली (दाएं), सरस्वती (बाएं) और लक्ष्मी (मध्य), पिण्डी के रूप में गुफा में विराजित हैं। इन तीनों पिण्डियों के सम्मि‍लित रूप को वैष्णो देवी माता कहा जाता है। इस स्थान को माता का भवन कहा जाता है। पवित्र गुफा की लंबाई 98 फीट है। इस गुफा में एक बड़ा चबूतरा बना हुआ है। इस चबूतरे पर माता का आसन है जहां देवी त्रिकुटा अपनी माताओं के साथ विराजमान रहती हैं।
इस पवित्र गुफा को ‘अर्धक्वांरी’ के नाम से जाना जाता है। अर्धक्वांरी के पास ही माता की चरण पादुका भी है। यह वह स्थान है, जहां माता ने भागते-भागते मुड़कर भैरवनाथ को देखा था। कटरा में बान गंगा नदी है। कहते हैं कि माता ने अपने दिव्य धनुष से एक तीर चलाया था, जिसके चलते यह नदी निर्मित हुई। यह मंदिर माता वैष्णवी का जागृत स्थान है। कहते हैं कि यहां जो भी आता है खाली हाथ नहीं जाता है। भारत में तिरूमला वेंकटेश्वर मंदिर के बाद दूसरा सर्वाधिक देखा जाने वाला धार्मिक तीर्थ स्थल है। ऐसा माना जाता है जब तक माता नहीं चाहती तब तक उनके दर्शन कोई नहीं कर सकता है। माता के बुलावे को उनका आशीर्वाद माना जाता है। माता के दर्शन करने की यात्रा लगभग 24 किलोमीटर लंबी हैं, जो कि एक कठिन यात्रा मानी जाती है।