दिल्ली। मोदी की नई कैबिनेट में कौन-कौन से चेहरे शामिल होंगे, इसे लेकर सियासी गलियारों में सबसे ज्यादा चर्चाएं हो रही हैं। सूत्रों की मानें तो एक बार फिर नरेंद्र मोदी अपने पुराने और बड़े चेहरों को अपनी कैबिनेट में जगह देने वाले हैं।
इसके अलावा जिन राज्यों में अगले कुछ महीनों में विधानसभा के चुनाव हैं, वहां के सांसदों को भी मोदी कैबिनेट में जगह मिल सकती है। वहीं दूसरी ओर बड़ा झटका उत्तर प्रदेश के लिए माना जा रहा है। सांसदों की संख्या के लिहाज से इस बार उनका कैबिनेट में प्रतिनिधित्व कम किए जाने की सबसे बड़ी सुगबुगाहट चल रही है। जबकि दिल्ली से लेकर हरियाणा और महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनावों के लिहाज से सांसदों को मंत्रिमंडल जगह देकर सियासत थामी जा सकती है। वहीं, पार्टी अपने दक्षिण के विस्तार को तरजीह देते हुए वहां के राज्यों से जीते सांसदों की अपने कैबिनेट में जगह दे सकती है।
जानकारी के मुताबिक, 9 जून को नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट कैसी होगी, इसे लेकर भी पूरा खाका भारतीय जनता पार्टी की ओर से खींचा जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, मोदी की इस नई कैबिनेट में भारतीय जनता पार्टी के कई कद्दावर चेहरों को दोबारा कैबिनेट में जगह दी जा रही है। जिसमें भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख रणनीतिकारों में शामिल राजनाथ सिंह, अमित शाह, नितिन गडकरी, पीयूष गोयल, योगेंद्र यादव जैसे नाम शामिल हैं। इसके अलावा चर्चा इस बात की भी हो रही है कि कुछ नेता जो चुनाव हार गए हैं, उन्हें भी मोदी कैबिनेट में जगह दी जा सकती है। सूत्रों की मानें तो इसमें एक महत्वपूर्ण नाम अमृतसर सीट से चुनाव हार गए अमेरिका में भारत के राजदूत रहे तरनजीत सिंह संधू का भी है।
हालांकि सूत्रों के मुताबिक इस बार मोदी कैबिनेट में उत्तर प्रदेश से मंत्रिमंडल के सदस्यों की संख्या कम किए जाने की भी चर्चाएं हैं। सूत्रों की मानें तो इसकी प्रमुख वजहों में एक तो सदस्यों की कम संख्या भी है। दूसरी और महत्वपूर्ण वजह यह बताई जा रही है कि हाल फिलहाल वहां पर कोई चुनाव नहीं हैं, जिससे जातिगत समीकरणों को साधने के लिए मंत्रिमंडल में ज्यादा से ज्यादा लोगों को जगह दी जाए। इसलिए फिलहाल पहले मंत्रिमंडल में ज्यादा सांसदों को कैबिनेट में जगह कम मिलने की बात सामने आ रही है। सूत्रों की मानें, तो पश्चिम से राष्ट्रीय लोकदल के हिस्से में पहली कैबिनेट में जगह बन सकती है। जबकि आगरा से पिछड़े नेता एसपीएस बघेल को दोबारा कैबिनेट में जगह मिल सकती है।
भाजपा के रणनीतिकारों के मुताबिक मोदी कैबिनेट में मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बड़ी जिम्मेदारी दिए जाने की तैयारी है। इसी तरह हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को भी कैबिनेट में जगह दिए जाने की पूरी संभावनाएं हैं। जबकि नॉर्थ ईस्ट से त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लव कुमार देब को भी मोदी की कैबिनेट में जगह देने की बात चल रही है। सूत्रों की मानें तो उत्तर प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा को मोदी कैबिनेट में जगह दी सकती है।सूत्रों का कहना है कि मोदी की नई कैबिनेट में उन राज्यों को प्राथमिकता में रखा जा रहा है, जहां अगले कुछ समय में विधानसभा के चुनाव हैं। इसमें दिल्ली, हरियाणा, महाराष्ट्र समेत बिहार और जम्मू और कश्मीर शामिल है। सूत्रों की मानें तो एक बार फिर से दिल्ली में सभी सातों सीटें भाजपा ने जीती हैं। दिल्ली में अगले साल विधानसभा का चुनाव भी है। इसलिए दिल्ली से दो सांसदों को मोदी कैबिनेट में जगह मिलने की चर्चाएं हैं। इसमें एक नाम दिल्ली से तीसरी बार सांसद बने पूर्वांचल के बड़े चेहरे मनोज तिवारी हो सकते हैं। जबकि दूसरा नाम महिला चेहरे के तौर पर बांसुरी स्वराज का भी लिया जा रहा है। इसी तरह हरियाणा में इसी साल होने वाले चुनावों के चलते यहां पर भी कैबिनेट में सभी सियासी समीकरण साधते हुए कुछ नाम चर्चा में हैं। इसमें पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के अलावा कृष्ण पाल गुर्जर का नाम फिर से चर्चा में है।
पार्टी से जुड़े सूत्रों की मानें तो भाजपा दक्षिण के भाजपा सांसदों भी कैबिनेट में जगह देकर सियासी समीकरण साधेगी। इसमें पार्टी उड़ीसा से लेकर तेलंगाना के सांसदों को कैबिनेट में जगह देने की तैयारी कर रही है। जबकि सूत्रों के मुताबिक इस बार केरल में एक सीट जीतने वाले सांसद सुरेश गोपी को कैबिनेट में जगह दी जा सकती है। पार्टी से जुड़े एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि पार्टी दक्षिण में विस्तार के तहत कर्नाटक से लेकर केरल और तेलंगाना से लेकर ओडिशा तक के जनप्रतिनिधियों को मोदी मंत्रिमंडल में जगह दे सकती है। चूंकि इस बार ओडिसा और तेलंगाना में 2019 की तुलना में सीटें ज्यादा आई हैं। केरल में भी पहली बार भाजपा को सीट मिली है। इसलिए भाजपा के पास दक्षिण के इन राज्यों में पहली बार विस्तार का और बड़ा मौका मिला है। सूत्रों की मानें तो इन सबका ध्यान रखते हुए ही मोदी कैबिनेट तैयार की जाएगी।