करतला जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाले सरपंचों ने प्रशासन को दिया अल्टीमेटम ,एक डिप्टी कलेक्टर को दो जनपद सीईओ का वित्तीय प्रभार देना बना मुसीबत
हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा (फॉलोअप) । जनपद पँचायत का वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकार पृथक पृथक अधिकारियों को देने से पिछले दो माह से वित्तीय मामलों के लिए 50 से 70 किलोमीटर का फासला तय कर कलेक्टोरेट तक की दौड़ लगा रहे करतला जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायतों के सरपंचों के सब्र का बांध टूट गया है । प्रशासन की मनमानी से नाराज सरपंचों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर एक सप्ताह के भीतर पूर्ण अधिकार प्राप्त सीईओ की पदस्थापना नहीं करने पर पंचायतों में चल रहे ग्राम विकास के कार्य बंद कर आंदोलन करने का अल्टीमेटम दिया है । सरपंचों के ज्ञापन से प्रशासन में हड़कंप मच गया है ।

यहाँ बताना होगा कि जिला गठन के बाद यह पहला अवसर है जब दो जनपद पंचायतों का संचालन जिला मुख्यालय से हो रहा है । जिले में पिछले डेढ़ माह से कुछ यही स्थिति बनी हुई है । करतला एवं पाली में कहने को तो प्रभारी जनपद सीईओ के रूप में क्षेत्र संयोजक राधेश्याम मिर्झा व्याख्याता विजय कुमार चौहान को सीईओ बनाया गया है । विजय कुमार चौहान को पाली सीईओ एम आर कैवर्त्य के कोरोना से निधन के बाद प्रभार दिया गया है । लेकिन इन दोनों को सिर्फ प्रशासनिक अधिकार दिया गया है । जिला प्रशासन ने इन दोनों जनपद पंचायतों का वित्तीय अधिकार डिप्टी कलेक्टर आशीष देवांगन को दिया है । जो कुछ महीने पहले ही रायगढ़ से स्थानान्तरित होकर कोरबा आए हैं । जिला मुख्यालय से करतला की दूरी करीब 50 किलोमीटर तो पाली की दूरी 70 किलोमीटर है । इन जनपदों के मुख्यालय से सरहदी ग्राम पंचायतों का फासला करीब 50 से 60 किलोमीटर तक का है । इस तरह वित्तीय मामलों के लिए देखें तो बाबुओं को चेक पंजी, बिल रजिस्टर सहित समस्त वित्तीय लेखा लेकर लम्बा फासला तय करना पड़ रहा है । इस तरह जनपद पंचायतों में प्रशासनिक और वित्तीय अधिकार पृथक पृथक अधिकारियों को देने की वजह से ग्राम विकास का कार्य अवरुद्ध हो रहा है । मामले में पूर्व गृहमंत्री रामपुर विधायक ननकीराम कंवर ने भी प्रशासन पर निशाना साधा था । उन्होंने सीधे शासन प्रशासन पर आरोप लगाया था कि ऊपर में बैठे अधिकारी कमीशन के लिए यह सब कर रहे हैं । यहाँ तक कि उन्होंने इशारे इशारों में ही मुख्यमंत्री के समक्ष 4 जनवरी को घण्टाघर में आयोजित आमसभा के दौरान कह दिया था कि जिले में सबकुछ ठीक ठाक नहीं चल रहा है ,आपको अकेले में बताऊंगा,यहाँ बोलूँगा तो यहाँ बैठे प्रशासन के अधिकारियों को बुरा लगेगा । इसके बाद भी जिला प्रशासन द्वारा ऐसी गलतियों पर त्वरित सुधार नहीं किया गया । जिसके बाद अब सरपंचों ने सीधे मोर्चा खोल दिया है । प्रशासन को अल्टीमेटम दिया है कि एक सप्ताह में पूर्ण अधिकार प्राप्त जनपद सीईओ की पदस्थापना नहीं की गई तो वे ग्राम विकास के निर्माण कार्य बन्द कर आंदोलन करने को विवश होंगे ।
एक डिप्टी कलेक्टर पर इतनी मेहरबानी क्यूँ
जिला मुख्यालय में 3 डिप्टी कलेक्टर हैं । आशीष देवांगन ,भरोसा राम ठाकुर और संजय मरकाम ,संजय मरकाम को हाल ही में अतिरिक्त तहसीलदार भैसमा बनाया गया है । इन अधिकारियों के होते हुए एक डिप्टी कलेक्टर को दो दो जनपद सीईओ का वित्तीय प्रभार देना चर्चा का विषय बना हुआ है । वैसे भी डिप्टी कलेक्टर आशीष देवांगन की कार्यशैली रायगढ़ जिले में चर्चित रही है । ऐसे में प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं । कायदे से देखा जाए तो अतिरिक्त तहसीलदार भैसमा को करतला जनपद सीईओ का प्रभार दिया जा सकता था। जिससे करतला के बाबुओं को वित्तीय मामलों के लिए जिला मुख्यालय आने की जरूरत नहीं पड़ती । भैसमा से ही समस्त कार्य हो जाता । साथ ही भैसमा से करतला की दूरी भी कम है लिहाजा डिप्टी कलेक्टर जनपद को पर्याप्त समय भी दे सकते थे ।बताया जा रहा है करतला जनपद सीईओ को वित्तीय अधिकार दिया जा सकता था फिर भी इसकी अनदेखी की गई है।