कोरबा जिले में घटे अपराध, नक्सल क्षेत्र में काम कर मिली संतुष्टि
कोरबा – कोरबा एसपी अभिषेक मीणा ने कहा है कि जीवन में ऐसा काम कभी मत करो कि रात को चैन की नींद न आए। मैंने ऐसा कोई काम अब तक नहीं किया बल्कि संतुष्टि हैं कि किसी का बुरा नहीं किया, कोई गैरवाजिब काम नहीं किया।
पुलिस अधीक्षक अभिषेक मीणा ने प्रेस क्लब तिलक भवन में प्रेस से मिलिए कार्यक्रम में कहा कि आईपीएस की सेवा में आने के बाद नक्सल समस्या वाले क्षेत्र में काम करने की इच्छा थी जो छत्तीसगढ़ कैडर में 10 साल तक इसका अवसर मिला। सुकमा-कोंटा, नारायणपुर-ओरछा महत्वपूर्ण सड़क मार्ग को पूरा कराया और कई ऐसे पुल भी निर्माण कराए जिनसे गांव सड़क से जुड़े। अबुझमाड़ जैसा गांव अब विकास से जुड़कर बिल्कुल अलग हो गया है। उन्होंने 2 अक्टूबर 2013 को बीजापुर एएसपी बतौर मिरतुर-गंगलूर कैम्प में हुए नक्सली ऑपरेशन को साझा करते हुए बताया कि यह अविस्मरणीय क्षण रहा जब उनके काफी करीब से मौत होकर निकल गई। इस पहले नक्सल ऑपरेशन से उन्हें बहुत कुछ सीखने को भी मिला।
एसपी मीणा ने कहा कि नक्सलियों में अब विचारधारा नहीं बल्कि अपना वर्चस्व बनाने की लड़ाई है। सरकार का भी रुख बदल रहा है और नक्सल क्षेत्र के ग्रामीण भी अब हिंसा से उकता कर छुटकारा चाहते हैं। बिलासपुर एसपी रहते हुए विराट अपहरण केस को सुलझाना बड़ी उपलब्धि बताया। कहा कि हर शहर का एक चरित्र होता है जिसे बहुत जल्दी नहीं बदल सकते।
उन्होंने कोरबा जिले के मामले में कहा कि ऑपरेशन मुस्कान, नकबजनी के घटते मामले, अपराधों के निकाल में कोरबा जिला राज्य में अव्वल है। ऑपरेशन मुस्कान एक यूनिक था जिसमें हमने वर्ष 2017 के बाद गुमे बच्चों को लगभग 98 प्रतिशत रिकव्हर किया। कोरबा जिले में अपराधों के आंकड़ों में गिरावट आई है। जनता पुलिस से जुड़े और कसावट आए इसके लिए बीट सिस्टम शुरू किया है।
इस अवसर पर प्रेस क्लब की ओर से राजेन्द्र तिवारी, दिनेश राज, नागेन्द्र श्रीवास, हीरा राठौर, रमेश राठौर, सत्यनारायण पाल ने पौधायुक्त गमला भेंटकर एसपी का स्वागत किया। अंत में कमलेश यादव, विश्वनाथ केडिया, मनोज ठाकुर ने शाल व श्रीफल भेंटकर सम्मानित किया। छेदीलाल अग्रवाल, मनोज शर्मा, रवि पी सिंह, राजेन्द्र पालीवाल, रंजन प्रसाद, नरेन्द्र रात्रे ने एसपी को स्मृति चिन्ह भेंट किया।