रायपुर/बिलासपुर।। छत्तीसगढ़ में 2200 करोड़ के शराब और 700 करोड़ के कोल खनन परिवहन घोटाले में जेल की हवा खा रहे प्रमोटी आईएएस अनिल टुटेजा के पुत्र यश टुटेजा की एजेंसियों को तलाश है। केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी और छत्तीसगढ़ EOW उनसे जांच में सहयोग की अपेक्षा के साथ नोटिस पर नोटिस भेज रहा है, लेकिन आरोपी यश टुटेजा ना तो नोटिस स्वीकार कर रहे है, और ना ही एजेंसियों के दफ्तर में अपनी मौजूदगी दर्ज करवा रहे है। बताते है कि वे एजेंसियों को ढूंढे नहीं मिल रहे है।
कभी घर से नदारत तो कभी अपने विभिन्न ठिकानों से, उसे नोटिस तामिल कराने में अधिकारियों को पसीना छूट रहा है। सूत्रों के मुताबिक यश टुटेजा अपने पिता की तर्ज पर कई घोटालों में सीधे तौर पर लिप्त बताया जाता है। बताया जा रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपे बघेल की सरपरस्ती में टुटेजा पिता – पुत्र दोनों ने सरकारी तिजोरी पर जमकर हाथ साफ़ किया था। सूत्रों में मुताबिक लापता यश टुटेजा को फरार घोषत करने के लिए गम्भीरतापूर्वक विचार किया जा रहा है।
अनिल टुटेजा को रिश्वत और कमीशनखोरी से प्राप्त होने वाली रकम का बड़ा हिस्सा यश टुटेजा की कई कंपनियों में निवेश किया जाता था। यश टुटेजा के अलावा बिलासपुर में टुटेजा एंड कंपनी ने अपने नाते – रिश्तेदारों के नाम पर भी अरबों की संपत्ति निवेश की है। बताते है कि कुछ सीए भी नंबर – 2 की रकम को नंबर – 1 अर्थात ब्लैक मनी को वाइट मनी में तब्दील करने के कारोबार में जुटे हुए थे। उनसे भी एजेंसियां पूछताछ में जुटी है।
टुटेजा एंड कंपनी के काले कारनामों की तस्दीक यश टुटेजा के नाम दर्ज संपत्तियों से होती है। एजेंसियां उनके कमाई के श्रोत की जानकारी इकट्ठा करने के लिए उनसे पूछताछ करना चाहती है। लेकिन सूत्र तस्दीक कर रहे है कि यश टुटेजा जांच में सहयोग नहीं कर रहे है। बिलासपुर हाईकोर्ट से यश टुटेजा को EOW में दर्ज एक प्रकरण में नो कोरिसिव एक्शन का अदालती फरमान प्राप्त है, लेकिन उनसे जांच में सहयोग को लेकर अपेक्षा व्यक्त की जा रही है।
विधि के जानकार बताते है कि यश टुटेजा को अदालती संरक्षण जांच में सहयोग की अपेक्षा के साथ प्राप्त हुआ है। ऐसे में विधिक कार्यवाही बाधित कर बतौर आरोपी वे अदालती आदेश का उल्लंघन भी कर रहे है। उनके ऐसे क़दमों से विभिन्न घोटालों की जांच में जहाँ लेट लतीफ़ी हो रही है, वही सबूतों से छेड़छाड़ का भी अंदेशा बना हुआ है। बताया जाता है कि शिक्षित बेरोजगार होने के बावजूद भूपे राज के बीते 5 सालों में आरोपी यश टुटेजा के नाम पर अरबों की संपत्ति दर्ज है। इसके पूर्व वे सिर्फ अपनी पैतृक संपत्ति के ही हक़दार और वारिसान थे।
बीते 5 सालों में आरोपी अनिल टुटेजा और उनके पुत्र यश टुटेजा आखिर कैसे सैकड़ों – हज़ारों करोड़ के आसामी बन गए ? एजेंसियां उस फॉर्मूले को समझने – बुझने में जुटी है, इस कार्य में यश टुटेजा के बयानों को दर्ज किया जाना है। सूत्रों के मुताबिक आरोपी यश टुटेजा लगातार अपने ठिकाने बदल रहा है। उसकी आंख मिचौली एजेंसियों के गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई है। उधर अनिल टुटेजा से उत्तरप्रदेश पुलिस भी पूछताछ में जुटी है। बताते है कि UP STF को प्राप्त रिमांड अवधि ख़त्म होते ही अनिल टुटेजा को मेरठ जेल से पुनः रायपुर सेंट्रल जेल दाखिल कराया जायेगा।
सूत्र दावा कर रहे है कि अनिल टुटेजा से पूछताछ लगभग पूरी हो चुकी है, जल्द ही उसे प्रोडक्शन वॉरंट पर रायपुर लाया जायेगा। शराब और कोल खनन घोटाले के अलावा अनिल टुटेजा 36 हज़ार करोड़ के नान घोटाले में भी मुख्य आरोपी है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है। फ़िलहाल यश टुटेजा की लगातार गैर मौजूदगी से घोटालों की जांच में आंच आने की संभावना लगातार बढ़ती जा रही है। यह देखना गौरतलब होगा कि उन्हें एजेंसियां फरार घोषित करने में सक्रियता दिखाती है, या फिर धर दबोचने में।