रायपुर। छत्तीसगढ़ में चल रही धान की सरकारी खरीदी में बारदानों का संकट जारी है। सरकार को जूट के बारदाने जुटाने में दिक्कत आ रही है। इससे निपटने के लिए खाद्य पदार्थों की पैकेजिंग में इस्तेमाल हुए जूट बारदानों में धान खरीदने का फैसला हुआ है। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने कलेक्टरों को स्थानीय बारदाना कारोबारियों से सहकारी समितियों और किसानों को उपयुक्त दरों पर ऐसा बारदाना दिलवाने का निर्देश दिया है।
नये आदेश में ऐसे बारदानों के लिए कुछ शर्तें भी लगाई गई हैं। आदेश के मुताबिक खाद्य पदार्थों की पैकेजिंग में उपयोग किए गए जूट का पुराना बारदाना एक बार ही उपयोग किया गया होना चाहिए। बारदाने की भराई क्षमता 50 किलोग्राम ही होनी चाहिए। कटे-फटे नहीं होने चाहिए। उसके शेष मापदंड पुराने बारदानों के लिए विभाग की ओर से तय मापदंडों के मुताबिक ही होने हैं। इस बारदाने को भी सरकार 15 रुपया प्रति बोरा की से ही खरीदेगी।
इसके पूर्व धान खरीदी के लिए नया जूट बारदाना, एचडीपीई, पीपी बारदाना, पीडीएस बारदाना, मिलरों, किसानों से प्राप्त बारदानों और समिति द्वारा उपलब्ध कराए गए पुराने जूट बारदानों की उपयोग के निर्देश दिए गए थे। अधिकारियों ने बताया, सरकार ने बारदानों की संभावित कमी को टालने के लिए खाद्य पदार्थों की पैकेजिंग में उपयोग किए गए जूट के बारदानों का भी उपयोग करने की अनुमति दी है।