हसीना सरकार के तख्तापलट की खुफिया रिपोर्ट में सामने आई ISI , पाकिस्तान समेत चीन की साजिश ?

बांग्लादेश। बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के पीछे एक बड़ी साजिश थी।। इसके लिए बकायदा टूलकिट के माध्यम से एक आंदोलन चलाया गया। इस बात का खुलासा एक खुफिया रिपोर्ट्स में हुआ है। इस रिपोर्ट में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI और चीन के षड्यंत्र का पर्दाफाश किया गया है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि टूलकिट के जरिए ही सरकारी नौकरी में कोटा के खिलाफ शुरु हुए आंदोलन को सरकार विरोधी आंदोलन में बदल दिया गया. सोशल मीडिया के जरिए लोगों को इतना ज्यादा भड़काया गया कि छात्रों, पुलिस और सरकार समर्थक समूहों के बीच झड़पें तेज हो गईं. इतना ही नहीं प्रदर्शनकारियों ने सरकारी इमारतों और अवामी लीग के कार्यालयों पर भी हमला कर दिया।

सामने आई BNP-ISI की सांठगांठ

रिपोर्ट का विश्लेषण करने पर पता चलता है कि कैसे BNP (बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी) और पाकिस्तान की ISI बांग्लादेश में अशांति को बढ़ावा देने में शामिल हैं। पाकिस्तान की ISI कथित तौर पर बीएनपी के कार्यवाहक प्रमुख तारिक रहमान के साथ मिलकर लंदन में अपने ठिकाने से योजनाएं बना रही है. इन योजनाओं को कथित तौर पर बांग्लादेश में लागू किया जा रहा था।

ISI के साथ मिलकर किया षडयंत्र

बांग्लादेश के अधिकारियों ने सऊदी अरब में तारिक रहमान और आईएसआई अधिकारियों के बीच बैठकों के सबूत होने का दावा किया है, जिससे बीएनपी नेता के साथ आईएसआई की सक्रिय भागीदारी का संकेत मिलता है। रिपोर्ट की मानें तो पाकिस्तान की सेना और ISI ने मिलकर शेख हसीना की सरकार को अस्थिर करने और विरोध प्रदर्शनों के साथ हिंसा के जरिए बीएनपी को सत्ता में लाने का काम किया है। प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी की छात्र शाखा बांग्लादेश में सरकार विरोधी प्रदर्शनों का खुलेआम समर्थन करके अशांति को बढ़ावा दे रही है।

बांग्लादेश के बाहर से चलाए जा रहे BNP पेज

बांग्लादेश विरोध प्रदर्शनों के दौरान सोशल मीडिया गतिविधि को स्कैन करते समय आज तक की OSINT टीम ने पाया कि आवामी लीग के खिलाफ ज्यादातर पोस्ट के साथ-साथ शेख हसीना को बदनाम करने वाले पोस्टर बीएनपी और इसके मीडिया सेल और छात्र विंग सहित इसके संबद्ध अकाउंट द्वारा किए जा रहे थे। इनमें काफी अकाउंट्स अमेरिका से ऑपरेट करते लग रहे थे।

अमेरिका और मलेशिया से ऑपरेशन

दोनों के बीच संभावित संबंध को समझने के लिए हमने बीएनपी से जुड़े पेजों की पारदर्शिता की जांच की। बीएनपी और उसके सहयोगी विंग और पार्टी के कुछ राजनेताओं के फेसबुक पेजों की पारदर्शिता की जांच करने पर हमने प्रत्यक्ष विदेशी हस्तक्षेप देखा। जबकि इन पेजों के कुछ एडमिन बांग्लादेश के हैं, अन्य संयुक्त राज्य अमेरिका और मलेशिया जैसे देशों से हैं।