CGPSC घोटालेबाजों को नहीं मिलेगी चैन ,पूर्व चैयरमैन सोनवानी,पूर्व IAS खलखो समेत इन कांग्रेस नेताओं के ठिकानों में CBI की रेड ,जांच जारी ,मचा हड़कम्प

धमतरी । छत्तीसगढ़ में पीएससी घोटाले से जुड़ी बड़ी खबर है। CBI की टीम ने बिलासपुर, दुर्ग और धमतरी में छापेमारी की है। बिलासपुर में कांग्रेस नेता राजेंद्र शुक्ला, दुर्ग में पूर्व गवर्नर के सेक्रेटरी अमृत खालको और धमतरी में CGPSC के पूर्व चेयरमैन टामन सोनवानी के घर टीम पहुंची है। सभी से घोटाले के बारे में पूछताछ कर रही है। कुछ दस्तावेजों को भी जब्त किया गया है।

पीएससी के पूर्व अध्यक्ष टामन सोनवानी के घर छापा

जानकारी के मुताबिक यहां कुरूद, बिरेझर चौकी इलाके के सरबदा गांव पूर्व पीएससी अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी के निवास में सीबीआई की टीम दबिश दी है।जानकारी के मुताबिक मामले में सीबीआई की टीम ने सीजी पीएससी के पूर्व अध्यक्ष के घर से दस्तावेज खंगाल रही है, वहीं कुछ दस्तावेज बरामद होने की जानकारी भी मिल रही है, बरामद किए है,खबर है कि सीबीआई के दस से ज्यादा अधिकारियों की टीम कुरूद इलाके के सरबदा सीजी पीएससी के पूर्व अध्यक्ष के घर पहुंचकर पूछताछ कर रही है।जानकारी के मुताबिक सीबीआई की तकरीबन तेरह सदस्यीय टीम ने आज सुबह से ही बिरेझर चौकी इलाके के सरबदा गांव में सीजी पीएससी के पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी के निवास में दबिश दी है,जिसके बाद से हड़कंप है, जानकारी के मुताबिक दुर्ग, भिलाई सहित प्रदेश के कुछ और जिलों में सीजीपीएससी मामले को लेकर सीबीआई की टीम दबिश दी है।

पूर्व IAS अमृत खलको के ठिकाने पर छापा

दुर्ग जिले में भी PSC घोटाला मामले में CBI की टीम पूर्व गवर्नर सेक्रेटरी अमृत खालको के घर छापेमारी की है। तलपुरी ए ब्लॉक सहित कृष्ण टॉकीज रोड में स्थित एक अपार्टमेंट में भी अमृत खालको का मकान है, वहां भी टीम ने दबिश दी है।अमृत खाल की बेटी नेहा और बेटे निखिल दोनों का एक साथ CGPSC में चयन हुआ था। नेहा 13वीं और निखिल 17वीं रैंक हासिल की थी।

कांग्रेस नेता के ठिकानों पर छापा

बिलासपुर में कांग्रेस नेता राजेंद्र शुक्ला के घर CBI ने दबिश दी है। CBI की 5-10 सदस्यीय टीम यदुनंदन नगर स्थित राजेंद्र शुक्ला के पुराने आवास पर पहुंची है। राजेंद्र शुक्ला के बेटे स्वर्णिम शुक्ला का नाम भी इस घोटाले में उछल चुका है।स्वर्णिम शुक्ला वर्तमान में डिप्टी कलेक्टर में चयन हुआ था। इसके बाद आदिम जाति कल्याण विभाग में डिप्टी डायरेक्टर का पद मिला है। मामले की जांच के दौरान CBI ने स्वर्णिम के नाम को लेकर भी सवाल उठाए हैं।