कोरबा। देश – प्रदेश में उर्जानगरी के रूप में विख्यात कोरबा के कोयलांचल क्षेत्र खोडरी ,रलिया ,भिलाईबाजार एवं भठोरा में झुंड से अलग होकर पहुंचे एक दंतैल हाथी द्वारा एक महिला समेत मवेशियों को मौत के घाट उतारे जाने के बाद रहवासी क्षेत्रों में हाथियों की दस्तक को लेकर जनचर्चा एवं आरोपों का दौर शुरू हो गया है।
जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी के कटघोरा विधान सभा प्रत्याशी रहे सुरेंद्र प्रसाद राठौर ने कहा कि आज मेरे गाँव भठोरा एवं उससे लगे हुए गांव भिलाईबाजार ,रलिया, खोडरी में जंगली हाथी का आना जन धन की हानि पहुंचाना यह हसदेव जंगलो की बेतरतीब कटाई का ही परिणाम है जो हम भुगत रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अगर हम समय रहते जंगलों को बचाने के लिए एकजुट नहीं पाए तो आने वाले वक्त में इससे भी विकराल स्थिति का सामना करना पड़ेगा।
पर्यावरण से खिलवाड़ का भयावह परिणाम संबंधितों को भुगतना पड़ेगा। हसदेव जंगल मात्र जंगली जानवर या वहाँ निवास करने वाले आदिवासियों से ही जुड़ा है ऐसा कतई नहीं है,बता दूँ कि जिन नदी से कई बड़े उद्योग का संचालन हो रहा वह उसी हसदेव के जंगलों के कैच मेन्ट एरिया है ।
उनमें बनी विशालकाय मिनी माता डेम जो हैं उनमें से निकलने वाले नहरों से पूरा जांजगीर चापा जिला व उनसे सटे हुवे कई जिलों के खेतिहर जमीन व करोड़ों लोगों की प्यास बुझती है। एक वर्ष भी नहर में पानी नही छोड़ा जाता तो उन जिलों में त्राहीमाम की स्थिति निर्मित हो जाती है।
इन जंगलो के विनाश को रोकना ही होगा हम मूल निवासी सदैव प्रकृति पूजक रहे हैं पर आज ऐसी कई स्थिति आ गई कि जिन जंगलो को हमारे पुरखो ने अपने लहू से सींचा आज उसको उजाड़ते य उजड़ते देख हमारा खून नहीं पसीजता । खैर पूरे प्रदेश में छत्तीसगढिया क्रान्ति सेना और जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी ही मात्र है जो पूरी इमानदारी से हसदेव के जंगलों के विनाश को रोकने का प्रयास कर रही और कार्यकर्ता साथी जेल भी जा रहे हैं। हसदेव जंगल को बचाने आगे भी निरन्तर ईमानदार प्रयास करते रहेंगे।