शादी कभी करियर पर बोझ नहीं ,परिवार सबसे बड़ी ताकत ,जानेंहिंडनबर्ग रिसर्च के लपेटे में आईं सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी , व उनके पति धवल बुच के बारे में ,आरोपों को लेकर क्या कहा ….

एजेंसी ।अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने शनिवार को आरोप लगाया कि सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच की अडानी मनी साइफनिंग घोटाले में शामिल विदेशी संस्थाओं में हिस्सेदारी थी। हिंडनबर्ग ने कहा कि माधबी पुरी बुच और उनके पति के पास अडानी मनी साइफनिंग स्कैंडल में इस्तेमाल की गई अब्स्क्युर ऑफशोर एंटिटी में हिस्सेदारी थी। हिंडनबर्ग की इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद से माधबी पुरी बुच चर्चा में आ गई हैं। माधबी पुरी बुच सेबी की पहली महिला चेयरपर्सन हैं। वह 1, मार्च 2022 से वे ये पद संभाल रही हैं।

माधबी पुरी बुच सेबी चेयरपर्सन बनने से पहले, अप्रैल 2017 में, बुच को सेबी में पूर्णकालिक निदेशक नियुक्त किया गया था। उनका का जन्म 1966 में हुआ। बुच के पिता कॉर्पोरेट क्षेत्र में काम करते थे, जबकि मां राजनीति विज्ञान में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त एक शिक्षाविद थीं। माधबी पुरी बुच ने दिल्‍ली और मुंबई में स्‍कूली शिक्षा हासिल की और दिल्‍ली के सेंट स्‍टीफन कॉलेज से बैचलर डिग्री हासिल की। इसके बाद इंडियन इंस्‍टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, अहमदाबाद (IIM, Ahmedabad) से एमबीए किया।

अहमदाबाद से एमबीए और 18 साल की उम्र में सगाई

माधबी पुरी बुच की 18 साल की उम्र में ही सगाई धवल बुच के साथ हो गई थी। धवल एक बहुराष्‍ट्रीय कंपनी में बड़े पद पर काम करते थे। 21 साल की उम्र में माधबी और धवल शादी के बंधन में बंध गए। माधबी ने शादी को कभी अपने करियर पर बोझ नहीं माना। उनका कहना है कि परिवार उनकी सबसे बड़ी ताकत है। वे अपने पति धवल बुच को अपना मित्र, दार्शनिक और मार्गदर्शक बताती हैं।

MBA करने के बाद एनजीओ के साथ किया काम

MBA करने के बाद माधबी पुरी बुच ने कुछ समय के लिए एक एनजीओ के साथ काम किया। 1989 में आईसीआईसीआई बैंक में जॉब की। इसके बाद उन्‍होंने इंग्लैंड के वेस्ट चेशायर कॉलेज में लेक्चरर के तौर पर काम किया। 2006 में वह ICICI सिक्योरिटीज में शामिल हो गईं।फरवरी 2009 से मई 2011 तक कंपनी की प्रबंध निदेशक और CEO रहीं।माधबी पुरी बुच 2011 में ग्रेटर पैसिफिक कैपिटल में शामिल होने के लिए सिंगापुर चली गईं। 2011 से 2017 के बीच उन्होंने ज़ेनसार टेक्नोलॉजीज, इनोवेन कैपिटल और मैक्स हेल्थकेयर जैसी कई कंपनियों के कार्यकारी निदेशक के रूप में काम किया। बुच इंडियन स्कूल ऑफ डेवलपमेंट मैनेजमेंट (आईएसडीएम) की स्वतंत्र निदेशक रह चुकी हैं और न्यू डेवलपमेंट बैंक के सलाहकार के रूप में भी काम किया कर चुकी हैं।

धवल बुच कौन हैं?

धवल बुच ब्लैकस्टोन और अल्वारेज़ एंड मार्सल में वरिष्ठ सलाहकार हैं। वह गिल्डन के बोर्ड में गैर-कार्यकारी निदेशक के रूप में भी काम करते हैं। बुच भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली (आईआईटी-डी) के पूर्व छात्र हैं, जहां से उन्होंने 1984 में मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक किया था। उन्होंने यूनिलीवर में कार्यकारी निदेशक का पद संभाला और अंततः कंपनी के मुख्य खरीद अधिकारी बने। बुच ने स्वयं को खरीद और आपूर्ति श्रृंखला के सभी पहलुओं में गहन अनुभव रखने वाला बताया।

हमारा जीवन खुली किताब- बुच्स

सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति ने शनिवार को एक संयुक्त बयान जारी कर हिंडनबर्ग के आरोपों को निराधार बताया और कहा कि उनकी वित्तीय स्थिति पारदर्शी है। बुच्स ने कहा, “हम यह बताना चाहेंगे कि हम रिपोर्ट में लगाए गए निराधार आरोपों और आक्षेपों का दृढ़ता से खंडन करते हैं।” बयान में कहा गया है, “इनमें कोई सच्चाई नहीं है। हमारा जीवन और वित्तीय स्थिति एक खुली किताब है। सभी आवश्यक खुलासे पहले ही सेबी को वर्षों से उपलब्ध कराए जा चुके हैं।