कोरबा 20 जनवरी । छत्तीसगढ़ राज्य विघुत उत्पादन कंपनी के कोरबा पूर्व पावर प्लांट बंद होने से जलसंसाधन विभाग का 1177 करोड़ 87 लाख रूपये अटक गया है। जलसंसाधन विभाग को यह राशि विघुत कंपनी से लेना है लेकिन प्लांट बंद होने से जल संसाधान विभाग के लिए राशि वसूलना टेढ़ी खीर साबित हो रही है, हालांकि दोनों विभाग छत्तीसगढ़ शासन का होने की वजह से शीघ्र ही विवाद का निपटारा होने की संभावना है।
जलसंसाधन विभाग दर्री बराज से कोरबा पूर्व ताप विघुत संयत्र को सन 1967 से लगातार पानी आपूर्ति करता था. लेकिन पावर प्लांट बंद होने से जलसंसाधन विभाग की राशि अधर में लटका हुआ नजर आ रहा है। जलसंसाधन विभाग के एसडीओं एसएन साय ने बताया कि जलसंसाधन विभाग के साथ विघुत कंपनी का 21 मिलियन घन मीटर पानी लेने का अनुबंध है, इससे जल संसाधन विभाग को प्रतिवर्ष 24 करोड़ रुपये का जलसंसाधन विभाग को अर्जित होता था, इस प्लांट के बंद होने से जलसंसाधन विभाग को हर साल 24 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है हालांकि वर्ष 1967 से अब तक जलसंसाधन विभाग का विघुत कंपनी पर 1177 करोड़ 87 लाख रुपये जलकर बकाया है, इस मामले को सुलझाने के लिए उच्चस्तरीय स्तर पर बैठक हो रही है।