एसईसीएल गेवरा प्रबंधन की वादाखिलाफी से आक्रोशित प्रभावितों ने 13 सितंबर को दी खदान बंद करने की चेतावनी

कोरबा। एसईसीएल गेवरा परियोजना द्वारा तहसील हरदीबाजार अंतर्गत ग्राम दर्राखांचा अमगांव स्थित अर्जित मकानों व परिसम्पतियों की मुआवजा में विसंगति को लेकर प्रभावित ग्रामीण लामबंद हो गए हैं। मंगलवार को प्रभावित ग्रामीणों ने एसडीएम कार्यालय पहुंचकर ज्ञापन सौंप एसईसीएल के वादाखिलाफी को लेकर
13 सितंबर को खदान बंद करने की चेतावनी दी है है ।

ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि
एसईसीएल गेवरा परियोजना द्वारा पाली अनुविभाग के हरदीबाजार तहसील अंतर्गत ग्राम दर्राखांचा ,अमगांव स्थित मकानों और परिसम्पतियों का नापी सर्वे एक साल पहले किया जा चुका है। नापी से पूर्व एसईसीएल गेवरा क्षेत्र के महाप्रबंधक एस के मोहंती और भू राजस्व अधिकारी नरसिम्हा राय (मंगू) ने अपने कार्यालय में बुलाकर हम ग्रामवासियों को आश्वासन दिया था कि उनके मुआवजा और अन्य सुविधाएं जैसे कि रोजगार से वंचित भूविस्थापित को कौशल उन्नयन सह सहयोग राशि, बसाहट के एवज में बढ़ी दर से पुनर्वास राशि इत्यादि का पूरा पूरा भुगतान किया जाएगा । लेकिन इसके उलट एक साल बाद मुआवजा भुगतान के लिए दी गई जानकारी में उक्त सभी सुविधाओं और मुआवजा दर में कटौती कर दिया गया है ।

ये हैं मांगे 👇

  1. एसईसीएल गेवरा द्वारा स्वीकृत मुआवजा की जानकारी दी गई है जो लागत मुल्य से भी कम है शासन की मूल्यांकन बोर्ड में दर्शित निर्देशानुसार बिना कटौती मुआवजा का भुगतान किया जाए।
  2. ग्राम दर्राखांचा अमगांव के समस्त परिवार के परिसम्पतियों की बनाए गए मुआवजा की सूची (कुल क्षेत्रफल की जानकारी) / कच्चा-पक्का, सहित सार्वजनिक स्थल में प्रदर्शित (चस्पा) किया जाए।
  3. समरत मकान धारको के 18 वर्ष से अधिक को अलग परिवार मानते हुये बसाहट अथवा उसके एवज में राशि प्रदान किया जाए और मलगांव में शासकिय भूमि पर निर्मित मकानों के अधार पर 6 लाख रुपये बसाहट के बदले राशि प्रदान कि गई है। उसी तरह दर्राखांचा में भुगतान किया जाए।

04 कट ऑफ पाइन्ट से नीचे (कम रकबा) के लोगों को रोजगार के एवज में कौशल उन्नयन सहित सहायता राशि 5 लाख रुपये प्रदान किया जाए।

  1. निजी अथवा शासकीय भूमि में बने मकान व परिसम्पतियों का 100% सोलिशियम प्रदान किया जाए ।