आरजी कर मेडिकल कॉलेज लेडी डॉक्टर रेप मर्डर केस में उलझी CBI,सिर्फ सेमिनार ही नहीं ,इन 2 कमरों में मिले फुटप्रिंट ….

कोलकाता। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में लेडी डॉक्टर से रेप और हत्या के मामले में रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं। सीबीआई के जांच अब तीन कमरों में उलझ गई है।

केंद्रीय जांच एजेंसी के अधिकारियों के अनुसार सेमिनार हॉल के अलावा 2 अन्‍य कमरों में भी लेडी डॉक्‍टर के फुटप्रिंट मिले हैं। वो दोनों कमरे भी तीसरी मंजिल पर है। सेमिनार हॉल भी तीसरी मंजिल पर ही हैं जहां डॉक्‍टर की लाश मिली थी।
इतना ही नहीं, मृतका डॉक्टर के अलावा कमरे में 10 से ज्यादा लोगों के भी फुटप्रिंट मिले हैं। आपको बता दें कि सीबीआई ने 10 दिनों तक तीनों कमरे की मैपिंग की है। इसके बाद भी सीबीआई अभी तक पता नहीं चला पाई है कमरों से मिले फुटप्रिंट किनके हैं।

सीबीआई के रडार पर हैं ये 4 लोग

हाल ही में एक वीडियो सामने आया है। देखा गया कि आरजी कर के सेमिनार रूम में काफी भीड़ थी। हालांकि कोलकाता पुलिस के उपायुक्त ने दावा किया कि कमरे का केवल 11 फीट हिस्सा घेरा नहीं था जहां लोग वहां खड़े थे। वीडियो सामने आने के बाद डॉक्टरों के एक बड़े वर्ग ने देबाशीष समेत फोरेंसिक मेडिसिन के चार सदस्यों की मौजूदगी पर संदेह जताया है।
सबूत मिटाने की स्थिति में एक फोरेंसिक मेडिसिन विशेषज्ञ सबसे अच्छी सलाह दे सकता है। यदि हां, तो क्या शुरू से ही सबूत नष्ट करने का प्रयास किया गया था? यदि हां, तो क्यों? किसे छिपाना है? सीबीआई के एक अधिकारी ने कहा कि शव से नमूने एकत्र करने में भ्रम की स्थिति है। एक बार फिर सबूतों को दबाकर मामले को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है। जांचकर्ताओं ने घटनास्थल पर सबूतों के नष्ट होने के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने का दावा किया है।

क्राइम सीन से छेड़छाड़ का भी शक

कोलकाता पुलिस ने क्राइम सीन से छेड़छाड़ की थी। मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर ने यह दावा किया है। जिस रात पीड़िता के साथ रेप-मर्डर की घटना हुई, उस समय वहां तैनात डॉक्टर ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि क्राइम सीन से छेड़छाड़ की गई हो सकती है। इमरजेंसी ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ने कोलकाता पुलिस पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि पुलिस झूठ बोल रही है। मेडिकल वार्ड में किसी तरह की एसओपी का पालन नहीं किया गया था।