पत्रकारों को धमकाने वाले सावधान !सरकार सख्त , 50 हजार का जुर्माना ,24 घण्टे के भीतर होगी जेल

उत्तरप्रदेश। भारत में पत्रकारिता संकट के दौर से गुजर रही है । सच की आवाज को बुलंद करने वाले पत्रकारों पर दिनों दिन हमले तेज होते जा रहे हैं । भारत को पत्रकारों की सुरक्षा की लिहाजा के बाद खतरनाक देश की रैंक में रखा गया है । देश में हर साल सैकड़ो पत्रकार रिपोर्टिंग करते वक्त अपनी जान गवा देते हैं । न्यूज़ कवर करते समय पत्रकारों को डराना धमकाना आम बात हो गई है लेकिन अब पत्रकारों को इस तरह की धमकियां देने वाले को खैर नहीं।

अगर अब किसी ने पत्रकारों से अभद्रता की तो उसे जेल जाना पड़ सकता है। इलाहाबाद हाई कोर्ट की टिप्पणी के बाद यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और पीएम नरेंद्र मोदी ने घोषणा कर दी है कि जो पत्रकारों से अभद्र पूर्वक व्यवहार करेगा या धमकाने की कोशिश करेगा उस पर 50000 रुपए का जुर्माना लगाया जा सकता है। साथ ही उसे 3 साल तक जेल भी हो सकती है ।
आगे, योगी आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि धमकी के आरोप में गिरफ्तार व्यक्ति को आसानी से जमानत नहीं मिलेगी इसलिए पत्रकारों से किसी भी प्रकार की अभद्रता ना करें और पत्रकारों को सम्मान दें। पिछले दिनों महाराष्ट्र में मीडिया कर्मियों पर किसी भी तरह के हिस्सा पर मीडिया कर्मियों एवं मीडिया संस्थानों को संपत्ति का नुकसान पहुंचाया गया था । पत्रकारों पर हमले के मामले आये दिन सामने आते ही रहते हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ का कहना है कि अगर किसी पत्रकार को किसी भी तरह की परेशानी होती है तो उनसे तुरंत संपर्क करें। धमकाने वाले व्यक्ति को 24 घंटे के अंदर जेल भेजा जाएगा । सीएम योगी ने सख्त लहजे में कहा पत्रकारों से मान सम्मान से बात करिए वरना आपको महंगा पड़ सकता है।
महाराष्ट्र सरकार के बाद यूपी सरकार ने भी पत्रकारों की सुरक्षा के लिए सख्त कदम उठाए हैं लेकिन छत्तीसगढ़ समेत अन्य राज्यों में भी पत्रकारों पर हमले हो रहे हैं । अनेक मामलों में दबंगों द्वारा ही पुलिस से मिली भगत कर पत्रकार के खिलाफ ही फर्जी फिर दर्ज कर दिया जाता है। इन सब पर भी तत्काल रोक लगना चाहिए । वर्तमान में छत्तीसगढ़ की स्थिति काफी दयनीय है । पूर्व में भूपेश की सरकार ने सदन में पत्रकार सुरक्षा कानून बिल पास करवाया था जिसे शीघ्र लागू करने की बात कहीं गई थी लेकिन सरकार बदलते ही यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया है ।
छत्तीसगढ़ के पत्रकारों को अगर अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा चाहिए तो सबको एक जुट होकर एक बार फिर आवाज बुलंद करने की जरूरत है ताकि प्रदेश की साय सरकार मामले में शीघ्र कोई निर्णय ले सके।