बिलासपुर। राजस्व मंडल बिलासपुर के कूटरचित आदेश प्रस्तुत करने के मामले में हुई जांच में अम्बिकापुर तहसील न्यायालय और नायब तहसीलदार के आदेश फर्जी पाए जाने पर एफआईआर दर्ज किया जा रहा है।। इन मामलों में तहसीलदार अम्बिकापुर के पांच और नायब तहसीलदार अम्बिकापुर क्रमांक 2 के दो मामले शामिल हैं।
मामले में अंबिकापुर तहसीलदार के समक्ष आवेदक अशोक अग्रवाल निवासी राजपुर, बलरामपुर, घनश्याम अग्रवाल निवासी प्रेमनगर, सूरजपुर, फारूख निवासी मणिपुर, अंबिकापुर और जैनुल हसन फिरदोसी निवासी नवागढ़, अंबिकापुर का प्रकरण शामिल है. इसी तरह नायब तहसीलदार अंबिकापुर 2 के समक्ष आवेदक बसीरुद्दीन सिदिकी निवासी मानिक प्रकाशपुर का प्रकरण शामिल है. सभी प्रकरणों में राजस्व मंडल द्वारा संबंधितों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं।
ज्ञात हो कि राजस्व न्यायालय के नाम पर कूटरचित फर्जी आदेशों के मामले संज्ञान में आने पर कलेक्टर विलास भोसकर ने बीते दिनों समय सीमा की बैठक में राजस्व अधिकारियों को सतर्क रहकर न्यायालयीन कार्यवाही करने के निर्देश दिए थे। इसी कड़ी में गत दिवस कलेक्टर ने विभिन्न प्रकरणों में आवेदकों द्वारा राजस्व मंडल के आदेशों में कूटरचना किए जाने की जानकारी दी है। कलेक्टर द्वारा तहसीलदार अंबिकापुर और नायब तहसीलदार अंबिकापुर-2 को पत्र जारी कर इन सभी प्रकरणों में एफआईआर कराने के निर्देश दिए हैं।
कलेक्टर सरगुजा द्वारा जारी पत्र में बताया गया है कि राजस्व मंडल छग बिलासपुर को आवेदकों द्वारा प्रस्तुत कूटराचित आदेशों की प्रमाणिकता जांचने प्रेषित किया गया था जिसकी जांच मंडल द्वारा की गई है। जांच उपरांत जानकारी प्राप्त हुई कि आवेदक द्वारा प्रस्तुत आदेशों तथा इस न्यायालय द्वारा पारित आदेशों में भिन्नता स्पष्ट रूप से पाई गई है।
संभाग में और भी मामले आ सकते हैं सामने
राजस्व मंडल व राजस्व न्यायालय के कूटरचित फर्जी आदेश का यह मामला सिर्फ सरगुजा में ही नहीं बल्कि संभाग के दूसरे जिलों में भी सामने आ सकता है। अम्बिकापुर के मामले में तो त्वरित कार्रवाई की गई, मगर जिले के अन्य राजस्व न्यायालय में अभी तक कोई भी मामला सामने नहीं आया है। राजस्व अधिकारियों के मुताबिक राजस्व न्यायालय के सभी आदेशों का परीक्षण किया जा रहा है और जो भी गड़बड़ियां मिलेंगी, मामला दर्ज कराया जाएगा।