प्रयागराज। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद से जुड़ी याचिकाओं पर इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ा अपडेट है। हाईकोर्ट ने मस्जिद पक्ष की ओर से दाखिल रिकॉल अर्जी को खारिज करते हुए विवाद से जुड़े 15 मामलों की एक साथ सुनवाई का रास्ता साफ कर दिया है।
जस्टिस मयंक कुमार जैन की सिंगल बेंच ने मस्जिद पक्ष की रिकॉल अर्जी को खारिज कर हिंदू पक्ष के तर्कों को माना है। कोर्ट का यह निर्णय मथुरा विवाद में हिंदू पक्ष के लिए एक बड़ी जीत के रूप में देखा जा रहा है। अब इन सभी याचिकाओं की एक साथ सुनवाई 6 नवंबर को दोपहर 2 बजे होगी, जिसमें प्वांइट्स ऑफ डिबेट तय किए जाएंगे। इलाहाबाद हाईकोर्ट का यह फैसला मथुरा विवाद में एक नई दिशा तय कर सकता है, जहां अब सभी याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई की जाएगी। इससे हिंदू पक्ष को मजबूती मिलेगी और मथुरा के इस ऐतिहासिक विवाद में अदालत की प्रक्रिया अब निर्णायक मोड़ की ओर बढ़ रही है। मस्जिद पक्ष ने दलील दी थी कि इन 15 मामलों में मांगी गई राहतें अलग-अलग और असमान हैं, इसलिए इनकी एक साथ सुनवाई अनुचित होगी। हालांकि, कोर्ट ने यह तर्क स्वीकार नहीं किया और कहा कि सभी केस एक ही मुद्दे से संबंधित हैं—श्रीकृष्ण जन्मभूमि स्थल से कथित अवैध कब्जा हटाकर कटरा केशव देव को सौंपने के संबंध में।
कोर्ट का पुराना आदेश और मस्जिद पक्ष की आपत्ति
11 जनवरी 2024 को हाईकोर्ट ने सभी 15 वादों की एक साथ सुनवाई करने का आदेश दिया था। मस्जिद पक्ष ने इस आदेश को चुनौती देते हुए रिकॉल अर्जी दाखिल की थी, जिसमें कहा गया था कि सभी मामलों की सुनवाई एक साथ करने का कोई औचित्य नहीं है, क्योंकि इनमें मांगी गई राहतें अलग-अलग हैं। लेकिन कोर्ट ने मस्जिद पक्ष की इस दलील को खारिज कर दिया।
जस्टिस मयंक कुमार जैन का कार्यकाल और रिटायरमेंट
यह फैसला जस्टिस मयंक कुमार जैन के कार्यकाल का एक बड़ा निर्णय है। वे नवंबर में रिटायर हो रहे हैं और 25 अक्टूबर को हाईकोर्ट में उन्हें फुल कोर्ट रेफरेंस में विदाई दी जाएगी। दीपावली के अवकाश से पहले यह उनका अंतिम बड़ा फैसला होगा, जो मथुरा विवाद में महत्वपूर्ण माना जा रहा है.