“बाघा ” ने मां काली को नमन कर ढाई किलोलोटर दौड़ लगा तलाशा सुराग, ढूंढ निकाला मंदिर की चोरी की गई दानपेटी

कोरबा। अमूमन लोग अपने दिन या कार्य की शुरुआत अपने-अपने आराध्य के समक्ष शीश झुका कर और अपनी-अपनी तरह से प्रार्थना/ इबादत कर करते हैं, लेकिन बात तब और श्रद्धा पूर्ण हो जाती है जब एक बेजुबान भी अपने कार्य को अंजाम देने से पहले शुरुआत मां के चरणों में शीश झुकाकर करता हो।

यह नजारा पेश आया पाली के मां काली मंदिर के सामने जब यहां मां के आभूषणों की चोरी का सुराग तलाशने के लिए जिला पुलिस बल के खोजी डॉग बाघा को लाया गया। मंदिर की चौखट पर पहुंचते ही जब बाघा के मास्टर ने मां को प्रणाम किया तो वहीं बाघा भी काफी सहजता से मां के चरणों में शीश झुकाए नजर आया। यह दृश्य आसपास मौजूद लोगों ने काफी उत्सुकतापूर्वक अपने मोबाइल में कैद किया और तारीफ किये बिना नहीं रह सके।

मां काली के दर पर नमन करने के बाद बाघा ने मंदिर के भीतर प्रवेश किया और यहां चोरों द्वारा छोड़े गए सुराग के आधार पर दौड़ लगाते हुए सीधे लगभग ढाई किलोमीटर तक की दूरी तय किया और खेतों के रास्ते होते हुए एक जगह जाकर थम गया। यहां दानपेटी पड़ी हुई मिली। चोर यहां तक दान पेटी लेकर सीधे मंदिर से आए और ताला तोड़कर दान की रकम लेकर चलते बने।

बता दें कि अज्ञात चोर 18-19 नवम्बर की मध्य रात्रि पाली थाना अंतर्गत काली मंदिर का ताला तोड़कर चांदी का मुकुट, छत्र, अन्य आभूषण कीमती करीब 2 लाख रुपए समेत दान पेटी उठा ले गए। राजकालिका मंदिर के पुजारी प्रमोद तिवारी ने बताया कि रोज की तरह वो सोमवार रात करीब 9 बजे मंदिर का कपाट बंद करके घर चले गए थे। अगली सुबह जब मंदिर पहुंचे, तो कपाट का ताला टूटा हुआ था, दरवाजा खुला था। अंदर मंदिर के गर्भगृह का ताला भी टूटा हुआ और पास में एक त्रिशूल पड़ा मिला। माना जा रहा है कि इसी त्रिशूल की मदद से ताला को तोड़ा गया है। मॉं काली की प्रतिमा से मुकुट, नथनी, छत्र, अन्य देवी- देवताओं के गहने सहित कुल दो लाख का सामान गायब मिला। चोर दान पेटी भी उठा ले गए थे। सूचना के बाद पाली पुलिस और डॉग स्क्वाड ने मौके पर पहुंचकर पड़ताल शुरू की। बाघा ने कुछ अहम सुराग पुलिस को दिए हैं जिनके आधार पर चोरों का पता लगाया जा रहा है।