कोरबा। जी हां, यह कोरबा जिले की शराब दुकान है जहां शराब के पैसे तो वसूलते हैं लेकिन आपको शराब के बदले पानी परोसा जाता है। ग्राहकों को पानी का खर्च करने की जरूरत नहीं बल्कि शराब की कीमत पर पानी पीने को मिल रहा है। नशा चढ़े या ना चढ़े आप यहां पैसा देते जाइए और पौव्वा पर पौव्वा खरीदते जाइए, सुबह से शाम हो या रात हो जाए मजाल है जो नशा चढ़ जाए। बस, आपकी जेब जरूर ढीली होती जाएगी। कोरबा जिले के कोयलांचल कुसमुंडा क्षेत्र के भैरोताल बलगी मोड़ स्थित देसी शराब दुकान में यह गोरखधंधा यहां के कर्मचारियों द्वारा खेला जा रहा है।
कहने को तो शराब की शीशियाँ सील पैक आती हैं लेकिन होलोग्राम का क्या जब नकली शराब का खेल चल रहा है। ढक्कन खोलकर शराब उड़ेल कर पानी मिलाने के बाद उसे वैसा ही पैक करके शराब बेची जा रही है। यह मदिरा प्रेमियों के साथ सरासर न सिर्फ अन्याय है बल्कि उनके साथ छल हो रहा है। उनकी जेब पर डाका डाला जा रहा है, उनके मेहनत की कमाई को लूटा जा रहा है।इस तरह के मामले जिले में पहले भी सामने आते रहे हैं लेकिन कार्यवाही सिर्फ एक-दो मामले में ही देखने व सुनने को मिली है।आबकारी विभाग के अधिकारियों की समय-समय पर औचक निरीक्षण नहीं करने की प्रवृत्ति का यह दुष्परिणाम है कि आम जनता ठगे जा रहे हैं,छले जा रहे हैं और कई देशी-विदेशी शराब दुकान के कर्मचारी अपनी अपना गोरखधंधा चला रहे हैं।इस तरह के मामलों में तो सीधे एफआईआर दर्ज होनी चाहिए क्योंकि प्रमाणित अपराध है और सरकार की छवि भी खराब हो रही है।
एक ओर सरकार नशा मुक्ति की बात करती है तो दूसरी तरफ शराब की कीमतों में वृद्धि भी की गई है। लोग महंगी शराब खरीद कर पी रहे हैं लेकिन इस तरह के रवैया से सरकार की छवि खराब होने में कोई कसर बाकी नहीं रह जाती। जिले में अधिकारी बदलते हैं लेकिन कर्मचारी तो वही पुराने होते हैं जिन्हें मिलावट के पूरे खेल की जानकारी है, वह भी अपने अधिकारियों को गुमराह करके कमीशन के रूप में अपनी जेब भरने से बाज नहीं आ रहे।