सराफा कारोबारी हत्याकांड :तीसरे दिन लावारिश हालत में बरामद कार से मिला सुराग ! आरोपी हैं रास्तों के जानकार …

कोरबा। अज्ञात हमलावरों का शिकार हुए सर्राफा व्यवसायी स्व. गोपाल राय सोनी का आज गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार किया गया। लालूराम कॉलोनी स्थित निवास से उनकी अंतिम यात्रा प्रारंभ हुई और मोतीसागर पारा स्थित मुक्तिधाम में अंतिम विदाई दी गई।

अंतिम यात्रा में पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल, महापौर राज किशोर प्रसाद, सभापति श्यामसुंदर सोनी सहित बड़ी संख्या में सर्राफा व्यवसायी, सर्राफा एसोसिएशन के पदाधिकारी, जिला चेम्बर ऑफ कॉमर्स के पदाधिकारी और व्यवसायी, परिजन एवं शुभचिंतक शामिल हुए। नम आंखों से गोपाल राय को अंतिम विदाई दी गई।

इधर दूसरी तरफ रविवार की रात गोपाल राय सोनी की हत्या के गुनाहगारों की तलाश में पुलिस ने एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया है। पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी के मार्गदर्शन में अलग-अलग टीम अलग-अलग विषयों पर काम कर रही है। टीम ने दिन-रात एक कर दिया है ताकि इस गुत्थी को सुलझाया जा सके और उम्मीद है कि जल्द ही बड़ी सफलता पुलिस के हाथ लगेगी।

0 24 घण्टे तक लावारिस पड़ी रही कार

सुराग तलाशने की कड़ी में वारदात के तीसरे दिन मंगलवार की सुबह पुलिस को बालको थाना क्षेत्र के चेकपोस्ट से लगे रिस्दा मोहल्ले में क्रेटा कार क्रमांक jh01cc4455 को देखे जाने की सूचना मिली जिसका इस्तेमाल वारदात के बाद भागने में किया गया था। स्थानीय रिस्दा बस्ती निवासी आशा देवांगन ने घर के बगल सोमवार सुबह से यह कार लावारिस हालत में खड़ी होना बताया। उसने कार के बारे में वार्ड के पार्षद को जानकारी दिया। पार्षद देवीदयाल सोनी ने पुलिस को सूचना दी।
कार मिलने की जानकारी होते ही मौके पर पुलिस अधिकारी पहुंचे। थोड़ी देर में फोरेंसिक एक्सपर्ट श्रीमती विद्या जौहर, सीन ऑफ क्राइम डॉ.सत्यजीत कोसरिया, डॉग स्क्वाड बाघा के साथ ट्रेनर सुनील कुमार गुप्ता तलब किए गए। इन तीनों के सहयोग से अहम सुराग हासिल किए गए हैं जिनके सहारे पुलिस आगे बढ़ रही है।

हत्या के बाद मौके से ले जाया गया सूटकेस, मोबाइल और DVR कार से बरामद नहीं हुआ है जिसे अपराधी अपने साथ ले गए, लेकिन कार की चाबी कार में ही मिली। यहां कार छोड़कर अपराधियों ने आगे भागने के लिए संभवत: किसी दूसरे वाहन का इस्तेमाल किया होगा।
वैसे, अब तक की जांच-पड़ताल में जो कुछ तथ्य सामने आए हैं, उससे इतना तो साफ है कि वारदात को अंजाम देने वाले स्थानीय स्तर पर आने-जाने के रास्तों के जानकार हैं। घटना दिनांक की रात घटनास्थल से निकल कर आरोपी डीडीएम रोड की ओर भागे थे जिससे यह माना जा रहा था कि आंतरिक रास्तों से निकलकर आरोपी फरार हुए हैं। लेकिन जिस तरह से कार बालको क्षेत्र में मिली और वहां से लालघाट होते हुए आगे निकले हैं, उससे किसी जानकार और शातिर अपराधी का यह काम लग रहा है।
उसे घर में गोपाल राय की मौजूदगी और परिवार के सदस्यों की गतिविधियों, बीमार पत्नी, उनकी सेवा में लगी नर्स के आने-जाने का समय के बारे में अच्छी तरह से जानकारी थी। संदेह की सुई कई दिशाओं में घूम रही है और छोटी-छोटी कड़ियों को पिरोते हुए पुलिस इस चुनौतीपूर्ण गुत्थी को सुलझाने में लगी हुई है।