मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने सीएम पद से दिया इस्तीफा,लटके दिखे चेहरे ,साथ में थे पात्रा ,जानें क्यों बने ऐसे हालात !

मणिपुर । मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने रविवार को सीएम पद से इस्तीफा दे दिया. राज्यपाल अजय भल्ला को इस्तीफा सौंपते बीरेन सिंह की तस्वीर भी सामने आई है, जिसमें उनके चेहरे पर उदासी साफ देखी जा सकती है.
इस दौरान ओडिशा के पुरी से बीजेपी सांसद संबित पात्रा भी उनके साथ मौजूद थे.

प्राप्त जानकारी के मुताबिक, बीरेन सिंह बीती रात चार्टर्ड फ्लाइट से दिल्ली पहुंचे थे, जहां रविवार को गृह मंत्री अमित शाह के साथ उनकी मुलाकात हुई. इस मीटिंग में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा की मौजूद थे. बैठक के तुरंत बाद रविवार दोपहर वह वापस इंफाल के लिए रवाना हो गए. इसी फ्लाइट से बीजेपी के उत्तर-पूर्वी राज्यों के प्रभारी संबित पात्रा भी उनके साथ ही इंफाल पहुंचे. इसके बाद शाम को बीरेन सिंह ने राज्यपाल अजय भल्ला से मुलाकात करके अपना इस्तीफा सौंप दिया.
हालांकि इस बीच सवाल उठता है कि आखिर मणिपुर में तनावपूर्ण हालात तो काफी दिनों से बने हुए हैं. फिर बीरेन सिंह ने इतने दिनों बाद आज अचानक से इस्तीफे का फैसला क्यों लिया. सूत्रों के अनुसार, उनके इस्तीफे में कांग्रेस की तरफ से अविश्वास प्रस्ताव की धमकी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस को भरोसा था कि वे बीजेपी के उन विधायकों का समर्थन हासिल कर लेंगे, जो सिंह के नेतृत्व से नाखुश थे.

इस बीच मणिपुर के राज्यपाल अजय भल्ला ने केंद्र को इस बदलती स्थिति की जानकारी दी. बीरेन सिंह के इस्तीफे से पहले, पहाड़ी जिलों में कुछ महत्वपूर्ण प्रशासनिक बदलाव किए गए थे, जिनकी मुख्यमंत्री से स्पष्ट मंजूरी नहीं ली गई थी.

सुबह, सिंह ने नई दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय मंत्री जे पी नड्डा से मुलाकात की. सूत्रों के अनुसार, सिंह को पार्टी के अंदर और बाहर से दबाव का सामना करना पड़ रहा था. कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव की धमकी, नेशनल पीपल्स पार्टी (एनपीपी) का समर्थन वापस लेना और पार्टी के अंदरूनी विरोध ने उनके इस्तीफे का कारण बना.

कॉनराड संगमा की एनपीपी के समर्थन वापस लेने के बाद भी, मणिपुर में बीजेपी के पास बहुमत था. लेकिन नेतृत्व में बदलाव चाहने वाले कुछ विधायकों के पार्टी छोड़ने की संभावना थी, अगर फ्लोर टेस्ट की स्थिति उत्पन्न होती.