सहकारी बैंक कोरबा कर रही व्यथानुरूप 25 से 49 हजार तक भुगतान ,परेशान किसानो की मांग, करें पूरा भुगतान …

हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा । समर्थन मूल्य पर धान खरीदी अभियान पर विराम लगने के एक पखवाड़े बाद भी अन्नदाता किसान भुगतान के लिए जिला सहकारी बैंक पहुंच रहे। स्टॉफ की कमी से जूझ रही जिला सहकारी बैंक कोरबा शाखा ने रोजाना 400 से अधिक किसानों को चेस्ट बैंकों से सीमित कैश मिलने की वजह से व्यवस्था अंतर्गत भुगतान व्यवस्था बना ली है।

मध्यांतर दोपहर ढाई बजे के पूर्व पहुंचने वाले किसानों को जहाँ 49 हजार रुपए तक की राशि का भुगतान किया जा रहा है वहीं इसके बाद पहुंचने वाले किसानों को उनकी सुरक्षा और बैंक प्रबंधन पुलिस के दिशा निर्देशों के अनुरूप सुरक्षा के दृष्टिकोण से 25 हजार रुपए प्रति किसान की दर से भुगतान कर रही है। ऐसे किसान जिनके यहाँ शादी है ,इलाज कराना है ,मकान निर्माण कराना है और वाहनों के ऋणी कर्जदार किसान हैं जिन्हें इससे अधिक राशि की नितांत दरकार है उन्हें उनकी मांग अनुरूप 50 हजार रुपए से भी अधिक की राशि प्राथमिकता से उपलब्ध कराई जा रही है। शाखा प्रबंधक सरिता पाठक ने बताया कि किसानों के साथ पूर्व में घटित घटनाओं को मद्देनजर रखते हुए बैंक प्रबंधन एवं एसपी सर का स्पष्ट निर्देश है कि किसानों के साथ अप्रिय घटना न घटे ऐसी व्यवस्था बनाई जाए। बैंक प्रबंधन का शाम 6 .30 बजे तक इओडी बीओडी करने का निर्देश है। फिर भी हम किसानों की सुविधानुरूप 7 साढ़े बजे तक सेवाएं दे रहे हैं। जिसकी वजह से मध्यांतर उपरांत उन्हीं की सुरक्षा के लिहाज से 25 हजार रुपए तक भुगतान कर रहे हैं। बैंक पिछले 2 साल से कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा गई हैं ,बैंक प्रबंधन इससे अवगत है ,कर्मचारियों की कमी की वजह से सिंगल काउंटर से भुगतान की व्यवस्था बनाई गई है । 25 हजार तक कि राशि को कैशियर को बिना लेखापाल ,शाखा प्रबंधक से पास कराए इंट्री कर भुगतान करने का अधिकार है। इससे अधिक की राशि के लिए लेखापाल एवं शाखा प्रबंधक से पासिंग करना पड़ता है। जिसमें काफी समय लगता है। लेकिन सिंगल काउंटर से 25 हजार रुपए तक देने की व्यवस्था कुछ किसानों को रास नहीं आ रही और वे निराधार आरोप प्रत्यारोप करने लगते हैं। किसानों की सुविधाअनुरूप समितिवार भुगतान हेतु दिन भी निर्धारित किया गया है बावजूद इसके अन्य समिति के किसान निर्धारित दिवस में भुगतान के लिए पहुंच व्यवस्था बिगाड़ते हैं।

किसानों का कहना हमें इससे क्या लेना देना ,जब बेचा है पूरा धान तो करें पूरा भुगतान

एक तरफ बैंक प्रबंधन की बैंकिंग व्यवस्था को लेकर अपनी दलीलें हैं वहीं किसानों का कहना है कि जब हमने शासन को समर्थन मूल्य पर एक साथ पूरा धान बेचा है तो भुगतान भी एक साथ होना चाहिए। हमें बैंक की समस्याओं से कोई मतलब नहीं। भुगतान में भी भेदभावपूर्ण रवैया अपनाया जाता है।ग्राम औंराकछार के 60 वर्षीय किसान सुकुल राम ने कहा उनकी नाती की शादी तय हो गई है । उन्होंने 49 हजार रुपए की राशि भुगतान पर्ची में भर लिया था लेकिन उन्हें गार्ड ने 25 हजार रुपए तक की ही पर्ची भरने की बात कही । जिससे वे भुगतान के लिए अंदर जाने से पहले ही बेहद परेशान दिखे। तिलकेजा समिति में धान बेचने के बाद पहुंचे किसान
वीरेंद्र कंवर ने भी भुगतान में विलंब होने भेदभाव पूर्ण भुगतान होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि खेती किसानी कार्य के लिए कर्ज लिए हैं बैंक प्रबंधन पूरा भुगतान नहीं करेगी तो कैसे हम कर्ज अदायगी करेंगे। हालांकि बैंक की शाखा प्रबंधक सरिता पाठक ने इन आरोपों को सिरे से नकारते हुए कहा कि जो विशेष
जरूरतमंद किसान हैं अंदर आकर उनकी समक्ष अपनी बात समस्या रखते हैं उन्हें पुनः अधिक राशि का भुगतान (ड्रावल )पर्ची भरने की सुविधा दे रहे भुगतान कर रहे। बहरहाल व्यवस्था बनाए रखने किसानों को भी धैर्य बनाए रखने की दरकार है ताकि भुगतान सुचारू रूप से जारी रहे।

बॉक्स

44 हजार 427 किसानों को 670 करोड़ रुपए से अधिक की राशि का हो रहा भुगतान

यहाँ बताना होगा कि जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2024 -25 में
31 लाख क्विंटल धान खरीदी के लक्ष्य की पूर्ति में 41 समितियों के 65 उपार्जन केंद्रों में 44 हजार 427 किसानों ने 29 लाख 15 हजार 548.80 क्विंटल समर्थन मूल्य पर 670 करोड़ 57 लाख 62 हजार 240 रूपए का धान बेचा है । जिसकी राशि का भुगतान सहकारी बैंकों के माध्यम से किसानों को किया जा रहा है। अतिरिक्त अंतर की 800 रुपए प्रति क्विंटल की राशि बोनस भी प्राप्त हो गई है। लिहाजा भुगतान राशि का आंकड़ा और बढ़ गया है।

वर्जन

आरोप निराधार ,मांग ,व्यवस्थानुरूप कर रहे हैं भुगतान ,व्यवस्था की अनदेखी कर कुछ किसान करते हैं व्यवधान

किसानों का आरोप निराधार है। सभी किसानों का पारदर्शी तरीके से भुगतान हो रहा है। शादी ब्याह ,ईलाज ,मकान निर्माण ,वाहन ऋण वालों को मांग अनुरूप एवं शेष किसानों को व्यवस्था अनुरूप भुगतान कर रहे हैं। मध्यांतर उपरांत किसानों की सुरक्षा की दृष्टि से एवं उच्च अधिकारियों के निर्देशानुसार किसानों को 25 हजार रुपए से अधिक राशि भुगतान नहीं कर रहे हैं।

सरिता पाठक ,शाखा प्रबंधक ,जिला सहकारी केंद्रीय बैंक कोरबा ,जिला -कोरबा (छ.ग)।