कोरबा। छत्तीसगढ़ के ऊर्जाधानी कोरबा में प्रदेश के सरल-सहज मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का जन्मदिन सूखा-सूखा रह गया। उनके जन्मदिवस पर भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारी से लेकर कार्यकर्ताओं में उत्साह नजर नहीं आया। हालांकि विज्ञापन और बड़े-बड़े पोस्टर फ्लेक्स लगवा कर बधाईयां प्रदर्शित जरूर की गईं और बधाई का सिलसिला चंद सोशल मीडिया पर भी चला लेकिन जन्मदिन के अवसर पर जिस तरह से अन्य नेताओं के लिए या खुद के जन्मदिवस पर केक काटे जाते हैं, लंबी उम्र की कामना की जाती है, सेवा भावी कार्य वृद्ध आश्रम, गरीबों के मध्य और अस्पतालों भी किए जाते हैं, वह सब कुछ भी कोरबा जिले में कहीं भी देखने व सुनने को नहीं मिला।
कोरबा जिले के किसी भी मंडल से लेकर उन वार्डों में भी मुख्यमंत्री के जन्मदिन पर कोई कार्यक्रम नहीं हुआ जहां कि भाजपा के पार्षद जीते हैं। वार्डो से लेकर मुख्यालय और जिला स्तर पर, ब्लॉक स्तर पर, अनुषंगी संगठन स्तर पर किसी भी तरह के आयोजन नहीं किए गए जिसे लेकर आम लोगों में एक चर्चा भी तैर रही है कि आखिर ऐसा क्यों…?
वैसे प्रदेश के मुख्यमंत्री का जन्मदिन उनके गृह ग्राम और राजधानी में धूमधाम से मनाया गया। कैबिनेट मंत्रियों से लेकर देश के शीर्ष नेताओं ने उन्हें अपनी शुभकामनाएं सुबह से लेकर रात तक देने का क्रम जारी रखा। सत्यसंवाद भी छत्तीसगढ़ के यशस्वी मुख्यमंत्री के दीर्घायु और स्वस्थ जीवन की कामना करता है लेकिन इस बीच यह बात भी है कि कोरबा जिला जहां अभी हालिया चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने जीत के झंडे गाड़े, इस जश्न में सब शामिल हुए। जीत के जश्न के बीच मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का जन्मदिन भी आया लेकिन सब कुछ सूखा-सूखा निकल गया। उनके जन्मदिन का एकाध केक काटना तो दूर, दीन-दुखियों के बीच पहुंचकर सेवा कार्य करने के साथ-साथ खासकर अस्पतालों में मरीजों के बीच पहुंचकर उन्हें एक-दो केले, कुछ अंगूर,एकाध सेव-संतरा थमा कर फोटो खिंचाते हुये दीर्घायु की कामना का आशीर्वाद वाले नेता भी नदारद नजर आए। प्रशांति वृद्ध आश्रम में पहुंचकर सेवा कार्य करने, उनके बीच खास लोगों का जन्मदिन मनाने वाले भी गायब रहे। ऐसा लग रहा था कि आज मुख्यमंत्री का जन्मदिन है तो भाजपाई लहर के बीच शहर में धूमधाम रहेगी, जगह-जगह आयोजन भी होंगे लेकिन ऐसा कुछ भी नजर नहीं आया। सिर्फविज्ञापन, बैनर-पोस्टर में चेहरे चमकाये जाते रहे जिन पर लाखों रुपए आफूंक दिए गए किंतु कोई भी छोटा-मोटा आयोजन तक नहीं किया/कराया गया। सरकार व सत्ता पक्ष से नजदीकियां दिखाने वाले संगठन भी कुछ नहीं किए।