कोरबा। योजना की जानकारी देने के बहाने युवती का नंबर लेकर उसे प्रेम के झूठे जाल में फंसा कर बलात्कार करने वाले आरोपी को 10 वर्ष के कारावास की सजा से दंडित किया गया है।
न्यायालय सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक वर्ष 2020 में पीड़िता अपनी छोटी बहन का मेधावी छात्रवृत्ति फार्म भरने के लिए श्रम विभाग कोरबा कार्यालय गई थी, जहाँ उसकी मुलाकात अभियुक्त उमेश चिकनजुरी (प्लेसमेंट कर्मी) से हुई। उपरोक्त छात्रवृत्ति के बारे में जानकारी देने के लिए अभियुक्त ने पीड़िता का मोबाईल नंबर मांगा और अपना मोबाईल नंबर पीड़िता को दिया । उसके बाद दोनों के मध्य मोबाईल के माध्यम से बातचीत होती थी। अभियुक्त ने पीड़िता से एक दिन कहा कि वह उसे पसंद करता है, जिस पर पीड़िता ने कहा कि ये सब फालतू की बातें हैं, तो आरोपी ने कहा कि वह उससे शादी करेगा, उसका जीवन भर साथ देगा, उस पर यकीन करे, सब लड़के एक जैसे नहीं होते है। पीड़िता के सामने रोने गिड़गिड़ाने लगा कि गरीब इंसान का हाथ कोई नहीं थामता, अगर वह अमीर लड़का होता तो उसे लड़कियों की कोई कमी नहीं होती, वह उसके के बिना नहीं जी पायेगा। ऐसी बातें करके उसने पीड़िता का विश्वास जीतने की कोशिश किया।
03 जून 2022 को आरोपी ने पीड़िता को अपने रूम में बुलाकर उसके साथ, उसके मना किये जाने के बाद भी शादी का विश्वास दिलाते हुए शारीरिक संबंध बनाया और उसके बाद भी शादी का विश्वास दिलाते हुए अनेकों बार शारीरिक संबंध बनाया। जब उसे शादी करने के लिये बोलती, तब वह कोई न कोई बहाना बनाकर उसे लगातार टालता रहा। अक्टुबर 2023 में पीड़िता के साथ शारीरिक सबंध बनाया और उसके बाद वह पीड़िता को धीरे-धीरे इग्नोर करना शुरू कर दिया। बार-बार अभियुक्त के पास शादी हेतु विनती करती, पर वह लगातार कोई न कोई बहाना बनाकर टालता रहा ।
15 अप्रैल 2024 को जब पीड़िता, अभियुक्त की हरकतों से परेशान होकर अपनी बहन को लेकर उससे बात करने गयी, तो अभियुक्त उसे गंदी गंदी गाली-गलौच करते हुये मारपीट करने लगा, जिस पर पीड़िता की बहन के द्वारा बीच-बचाव करने के दौरान उसके भी सिर में चोंट आई। अभियुक्त, पीड़िता से कहता था कि यदि वह उसके विरूद्ध रिपोर्ट करेगी तो, वह तीनों बहनों को जान से खत्म कर देगा, जिसके कारण काफी डर गई।
पीड़िता ने दिनाँक 25.04.2024 को थाना सिविल लाईन रामपुर कोरबा में लिखित आवेदन प्रस्तुत किया जिसके आधार पर थाना सिविल लाईन रामपुर कोरबा के अपराध क्रमांक 277/2024 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 294, 323 तथा 506 भाग दो तथा धारा 376(2) (n) के तहत अपराध दर्ज किया गया। फ़ास्ट ट्रेक न्यायालय ने विचारण के दौरान पाया कि झूठा आश्वसन देते हुए पीड़िता से सहमति प्राप्त कर उससे शारीरिक संबंध लगातार बनाता रहा व एक से अधिक बार बलात्कार करने का आरोप सिद्ध हुआ। सीमा प्रताप चंद्रा, अपर सत्र न्यायाधीश (एफ.टी.सी.) कोरबा ने अन्य धाराओं में दोषमुक्त कर धारा 376 (2)(n) में दोषसिद्ध पाते हुए बलात्कार के जुर्म में 10 साल के सश्रम कारावास की सजा से दंडित किया है। प्रकरण में शासन की ओर से अतिरिक्त लोक अभियोजक मोहन सोनी ने पैरवी की।