सभापति चुनाव में भीतरघात ,पार्षदों की बगावत की जांच करने आज कोरबा आ रही BJP की जांच दल ….

कोरबा।नगर निगम में सभापति के चुनाव में पार्षदों की बगावत की जांच करने कमेटी 15 मार्च को कोरबा पहुंचेगी। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल जांच कमेटी के संयोजक हैं। भाजपा ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी से एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट मांगी है। कमेटी पार्षदों का बयान भी ले सकती है।

भाजपा पार्षदों की बगावत से सभापति प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा था। बगावत कर चुनाव लड़े नूतन सिंह ठाकुर सभापति का चुनाव जीत गए। उन्हें 33 वोट हासिल हुए थे। भाजपा प्रत्याशी को मात्र 18 वोट हासिल हुआ। निगम में भाजपा के 45 पार्षद हैं। इस बगावत से भाजपा की पूरे प्रदेश में किरकिरी हुई है। पर्यवेक्षक और रायपुर विधायक पुरंदर मिश्रा भी अपनी ओर से रिपोर्ट दे चुके हैं। इसके बाद भाजपा ने सभापति नूतन सिंह ठाकुर को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया। सभापति नूतन सिंह ठाकुर शहर में बड़े नेता के रूप में उभरे हैं।

उनके समर्थकों ने शहर भर में छत्तीसगढ़ महतारी के साथ पोस्टर भी लगाया है। भाजपा पार्षदों की बगावत का असर विधानसभा ही नहीं लोकसभा पर भी पड़ेगा। इसी वजह से पार्टी इसे राष्ट्रीय स्तर का मामला बना चुकी है। पार्टी में रहकर अपना चलाने वाले नेताओं पर भी नजर है। इसमें संगठन से जुड़े कई नेताओं की भूमिका संदिग्ध है। उन्होंने ही पार्टी कार्यालय में बिठाकर बगावत के लिए तैयार किया था। यह भी कहा जा रहा है कि जानबूझकर उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन को इस मामले में घसीटा जा रहा है। हालांकि उनके छोटे भाई नरेंद्र देवांगन भाजपा के पार्षद भी हैं। वे भी सभापति के लिए दावेदार थे। संगठन खेमे में गुदबाजी पहले से ही है। सत्ता और संगठन में तालमेल नहीं होने का फायदा भी उठाने का प्रयास किया जा रहा है। ठेकेदारी कर अपनी राजनीति चमकाने वाले भाजपाइयों की इसमें प्रमुख भूमिका है।