कटघोरा में जलसंकट से जनता को मिली निजात ,पालिका अध्यक्ष व टीम की अथक प्रयासों की बदौलत 5 दिन के भीतर बहाल हुई जलआपूर्ति

कोरबा-कटघोरा। कटघोरा नगर में बीते पांच दिनों से चल रहे जल संकट का समाधान आज सुबह हो गया, जब नगरवासियों के घरों में पानी की आपूर्ति दोबारा शुरू हुई। भीषण गर्मी के बीच जल संकट ने आमजनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया था, लेकिन अब जलापूर्ति बहाल होने से लोगों ने राहत की सांस ली है।

पाइप लाइन टूटने और पंप हाउस में मोटर जलने से उत्पन्न हुआ संकट

जल संकट की शुरुआत उस समय हुई जब नगर पालिका की मुख्य पाइप लाइन अचानक टूट गई। इस समस्या को ठीक करने की प्रक्रिया के दौरान पंप हाउस की तीन मोटरें भी जल गईं, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई। जल आपूर्ति पूरी तरह से ठप हो गई और नगर पालिका क्षेत्र के सभी 15 वार्डों में 5 दिनों तक पानी की भारी किल्लत देखी गई।

नगर पालिका टीम ने रात-दिन एक कर किया काम

कटघोरा नगर पालिका अध्यक्ष राज जायसवाल और नगर पालिका के मुख्य नगरपालिका अधिकारी (सीएमओ) ज्ञानपुंज कुलमित्र ने स्वयं मोर्चा संभाला। नगर पालिका की तकनीकी टीम के साथ दोनों अधिकारी पिछले 24 घंटे पंप हाउस में डटे रहे और दिन-रात लगातार काम करते हुए क्षतिग्रस्त पाइप लाइन की मरम्मत और मोटरों की मरम्मत या
प्रतिस्थापन का कार्य पूरा किया। उनकी सतत निगरानी और प्रयासों का ही नतीजा है कि आज सुबह से जल आपूर्ति सुचारू रूप से शुरू हो सकी।

लोगों में था आक्रोश, अब मिली राहत

कटघोरा नगर पालिका क्षेत्र में लगभग 70 प्रतिशत जनसंख्या जल संकट से प्रभावित थी। पानी की अनुपलब्धता के कारण लोगों को पीने के पानी से लेकर दैनिक जरूरतों तक के लिए भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। पानी की टंकियों से आपूर्ति भी नाकाफी रही और कई जगहों पर हाहाकार की स्थिति बन गई थी। स्थिति यहां तक पहुंच गई थी कि कई इलाकों में लोग पानी के टैंकरों का इंतजार करते दिखे। लेकिन जैसे ही आज सुबह से जल आपूर्ति बहाल हुई, नगरवासियों ने राहत की सांस ली।

प्राकृतिक आपदा को छोड़कर पहली बार हुआ ऐसा संकट

नगर पालिका के अधिकारियों के अनुसार, कटघोरा नगर पालिका परिषद के इतिहास में यह पहली बार था जब इतनी बड़ी जल संकट की स्थिति बनी, वह भी किसी प्राकृतिक आपदा के बिना।

जनप्रतिनिधियों और प्रशासन को मिला लोगों का आभार

जल आपूर्ति बहाल होने के बाद नगरवासियों ने राहत के साथ-साथ नगर पालिका अध्यक्ष, सीएमओ और पूरी टीम को धन्यवाद दिया, जिन्होंने इतने कठिन हालातों में भी जिम्मेदारी से कार्य करते हुए संकट का समाधान निकाला। इस जल संकट ने यह भी उजागर किया कि बुनियादी ढांचे की मजबूती और समय-समय पर रखरखाव कितना जरूरी है। साथ ही, यह भी स्पष्ट हो गया कि प्रशासनिक तत्परता और इच्छाशक्ति से किसी भी संकट का समाधान संभव है। कटघोरा अब सामान्य स्थिति की ओर लौट रहा है, और लोगों को उम्मीद है कि भविष्य में ऐसी स्थिति न आए—या आए तो उतनी जल्दी सुलझा ली जाए।