घर में घुसकर गैंगरेप करने वाले 4 बलात्कारियों को 20 साल की सश्रम कैद ,2 आरोपी सभी धाराओं से इस वजह से हुए दोषमुक्त …..

कोरबा। रात के वक्त घर में घुसकर महिला के साथ बलात्कार करने के मामले में न्यायालय ने चार आरोपियों को 20-20 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा से दंडित किया है। इस प्रकरण में दो अन्य आरोपियों को साक्ष्य प्रमाणित नहीं हो पाने के कारण दोषमुक्त किया गया है। न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश (एफ.टी.सी.) पीठासीन न्यायाधीश सीमा प्रताप चंद्रा ने इस मामले में विचारण उपरान्त फैसला सुनाया है।

न्यायालय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक घटना दिनाँक 12 जून 2024 को पीड़िता का देवर चावल छोड़ने के लिये उसके सिविल लाइन थाना क्षेत्र अंतर्गत अटल आवास स्थित घर आया हुआ था। रात्रि होने के कारण वह भाभी के घर पर ही रूक गया। रात्रि लगभग 10:30 से 11 बजे के मध्य मोहल्ले के रहने वाले अजय खैरवार, गुडुवा, भागवत का बेटा गुलशन, रामेश्वर का बेटा गुलशन, राजेश, संदीप अर्थात अभियुक्तगण आये और पीड़िता के घर के दरवाजे को खटखटाये, जिस पर देवर ने दरवाजा खोला, फिर वे लोग उसके देवर को गंदी-गंदी गाली-गलौच करते हुये मारपीट करने लगे और उसके कपड़े को फाड़ दिये और उसका मोबाईल छीन लिये, जिस पर उसका देवर डर के कारण वहां से भाग गया। उसके जाने के
बाद आरोपियों के द्वारा महिला के साथ भी मारपीट कर अजय खैरवार, गुडुवा, रामेश्वर का बेटा गुलशन ने बलात्कार किया तथा अभियुक्त संदीप उसके मुंह को बंद कर दिया। अभियुक्त अजय खैरवार उसके साथ तीन बार एवं गुडुवा तथा रामेश्वर का बेटा गुलशन ने एक-एक बार बलात्कार किये। पीड़िता के द्वारा उक्त घटना की लिखित शिकायत सिविल लाईन थाना में की गई , जिसके आधार पर अभियुक्तगण
राजेश कुमार गाड़ा पिता धनीराम गाड़ा, उम्र-24 वर्ष, गुलशन गिदौरे, पिता रामेश्वर गिदौरे, उम्र-24 वर्ष, संदीप यादव, पिता मोनू यादव, उम्र-30 वर्ष, गुलशन नटराज, पिता भागवत प्रसाद, उम्र-25 वर्ष,अजय खैरवार, पिता रमेश खैरवार, उम्र-22 वर्ष, गुडवा उर्फ गुड्डु साहु, पिता शिवाजी साहु, उम्र-20 वर्ष, सभी निवासी अटल आवास खरमोरा के विरुद्ध अपराध क्रमांक 347/2024 अंतर्गत भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 294, 323, 506,34 392, 376 (घ) पंजीबद्ध कर प्रकरण विवेचना में लिया गया ।

विवेचना के तथ्यों के आधार पर मिली सजा और दोषमुक्ति

प्रकरण में की गई उपरोक्त विवेचना के निष्कर्षों और परीक्षण-प्रतिपरीक्षण में न्यायालय को यह प्रमाणित हुआ कि- घटना दिनांक को आरोपी राजेश, गुडवा और गुलशन नटराज एवं संदीप, पीड़िता के घर में उसका बलात्कार करने के आशय से प्रवेश कर रात्रि गृह अतिचार किये और उक्त अभियुक्तगण में से अभियुक्त राजेश, गुडवा और गुलशन नटराज ने सामूहिक बलात्कार किया तथा संदीप ने उक्त अभियुक्तगण का अपराध करने में सहयोग किया। उपरोक्तानुसार अभियुक्तगण राजेश गाड़ा, गुडवा उर्फ गुड्डू, गुलशन नटराज एवं संदीप द्वारा भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 376 (D) एवं 457 का अपराध किया जाना प्रमाणित हुआ।
विचारण के दौरान यह तथ्य आया कि पीड़िता ने अपने मुख्य परीक्षण में अभियुक्तगण अजय खैरवार एवं गुलशन गिदौरे के विरुद्ध कोई कथन नहीं किया है, बल्कि अपने प्रतिपरीक्षण के दौरान कहा कि वह गुलशन गिदौरे को नहीं जानती तथा पुलिस को बयान देते समय नहीं बताई थी कि रामेश्वर का बेटा गुलशन भी घटना में शामिल था। पीड़िता ने अपने प्रतिपरीक्षण के दौरान आरोपी अजय खैरवार को ना जानना बताया है। उसने यह भी कथन किया कि उसने पुलिस को बयान देते समय नहीं बताई थी कि अजय खैरवार ने उसके साथ बलात्कार किया है। इस प्रकार पीड़िता ने घटना में अजय खैरवार और गुलशन गिदौरे की संलिप्तता के संबंध में कोई तथ्य नहीं बताए हैं। ऐसे में अजय खैरवार एवं गुलशन द्वारा भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा धारा 376 (D) एवं 457 के तहत अपराध किया जाना प्रमाणित नहीं हुआ।

यह दिया गया दण्डादेश

परिणामतः अभियुक्त अजय खैरवार एवं गुलशन गिदौरे को धारा 457, 376(D), 323/34, 506 भाग दो तथा 395 के आरोप से दोषमुक्त किया गया। अभियुक्तगण राजेश गाड़ा, गुड़वा उर्फ गुड्डु, गुलशन नटराज एवं संदीप यादव को भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 323/34, 506 भाग दो तथा 395 के आरोप में दोषमुक्त किया गया, परंतु इन चारों को भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 376(D) एवं 457 के अपराध में दोषी पाते हुये उन्हें दोषसिद्ध ठहराया गया है। धारा 457 में 5-5 वर्ष तथा 376 (D) में 20-20 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा से इन्हें दंडित किया गया है।